Egypt Coup: 10 साल पहले आज के दिन ही मिस्र में सेना ने किया था विद्रोह, जब Morsi सरकार के खिलाफ काहिरा की सड़कों पर दौड़ने लगे टैंक

On This Day in 2013: 10 साल पहले 3 जुलाई 2013 को मिस्र में सेना ने मोहम्मद मुर्सी सरकार का तख्तापलट कर दिया था. काहिरा की सड़कों पर सेना के टैंक तैनात कर दिए गए. मुर्सी के समर्थकों को घेर लिया गया था. मुर्सी की जगह चीफ जस्टिस अदली मनसूर को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था. साल 2011 में मिस्र में क्रांति के बाद मुर्सी को राष्ट्रपति बनाया गया था.

3 जुलाई 2013 को मिस्र में मोहम्मद मुर्सी की सरकार का तख्तापलट हुआ था (Photo/Wikipedia)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST

साल 2013 में आज के दिन यानी 3 जुलाई को शाम 5 बजे मिस्र में एक डेडलाइन खत्म होती है. इसके साथ ही इस देश में तख्तापलट की कहानी की शुरुआत होती है. रात में जब राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी नींद की सरकार सो रही थी तो राजधानी काहिरा की सड़कों पर सेना के टैंक दौड़ने लगे. सेना ने मुर्सी को पद से हटा दिया और चीफ जस्टिस अदली मनसूर को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया. चलिए मिस्र में तख्तापलट की पूरी कहानी जानते हैं.

मुर्सी के खिलाफ प्रदर्शन-
साल 2011 में क्रांति के बाद मिस्र में चुनाव हुए और मोहम्मद मुर्सी को राष्ट्रपति बनाया गया.  लेकिन एक साल के बाद ही मिस्र में मुर्सी सरकार के खिलाफ जनता में गुस्सा भर गया. मुर्सी के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे. साल 2013 में जून के अंत में मुर्सी समर्थकों और आलोचकों के बीच झड़प होने लगी. 30 जून को देशभर में बड़े पैमाने पर मुर्सी के खिलाफ प्रदर्शन हुए. इसमें दर्जनों लोग मारे गए. फिर एक जुलाई 2013 को सेना प्रमुख अब्देल फतह अल सीसी ने ऐलान कर दिया कि 2 दिन के भीतर दोनों पक्षों ने मतभेद नहीं सुलझाए तो सेना हस्तक्षेप करने को तैयार है. लेकिन ना तो मुर्सी पर और ना ही उनके आलोचकों पर इसका कोई असर हुआ.

3 जुलाई को सेना डेडलाइन खत्म-
3 जुलाई को शाम 5 बजे सेना का अल्टीमेटम खत्म हो गया. इसके बाद सेना ने काहिरा में अहम ठिकानों पर डेरा डालना शुरू किया. शहर की सड़कों पर सेना के टैंक दिखाई देने लगे. हजारों जवान उन जगहों पर दिखाई देने लगे, जहां मुर्सी के समर्थक डेरा डाले हुए थे. सेना ने तख्तापलट की तैयारी कर ली थी. कुछ घंटों के भीतर सेना ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को हटा दिया और चीफ जस्टिस अदली मनसूर को कार्यवाहक राष्ट्रपति बना दिया. सेना के ऐलान के साथ ही मुर्सी विरोधियों में खुशी की लहर दौड़ गई.

2011 में मुबारक के खिलाफ क्रांति-
मिस्र में 3 दशक तक शासन करने वाले होस्नी मुबारक के खिलाफ साल 2011 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. 25 जनवरी को मुबारक शासन के खिलाफ हजारों प्रदर्शनाकरी काहिरा की सड़कों पर डट गए थे. करप्शन, राजनीतिक दमन और गरीबी को लेकर नारेबाजी हो रही थी. जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन तेज होने लगा, झड़प और हिंसा बढ़ने लगी. इसके बाद मुस्लिम ब्रदरहुड ने इसमें हिस्सा लेने का ऐलान किया. प्रदर्शनकारी पुलिस से भी भिड़ने लगे. उनको रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार, आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया. लेकिन सबकुछ बेकार गया. विरोध प्रदर्शन बढ़ने के बाद 11 फरवरी 2011 को होस्नी मुबारक ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. 

2011 में मुर्सी बने थे राष्ट्रपति-
साल 2011 में प्रदर्शन के बाद होस्नी मुबारक ने राष्ट्रपति छोड़ दिया था. इसके बाद देश में चुनाव हुए. 24 जून को मोहम्मद मुर्सी को राष्ट्रपति चुनाव में विजेता घोषित किया गया. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली. लेकिन जल्द ही मुर्सी के फैसलों से दिक्कतें बढ़ने लगी और एक साल बाद ही मुर्सी सरकार का तख्तापलट हो गया.

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