लड़की ने फॉलो किया 'Carnivore Diet Trend', ट्रेंड ने महिला को पहुंचाया अस्पताल में.. जानें पूरा मामला

महिला ने मांसाहार डाइट के ट्रेंड को फॉलो कर अपनी सेहत का किया बुरा हाल. अस्पताल में दाखिल करना पड़ा महिला को. जानें क्यों प्रोटीन साबित हुआ खतरनाक.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

वायरल "मांसाहारी आहार" 'ट्रेंड का पालन कर रही एक महिला को बहुत अधिक प्रोटीन का सेवन करने के बाद अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.डलास स्थित कंटेंट क्रिएटर, ईव कैथरीन ने एक टिकटॉक वीडियो में खुलासा किया कि वह एक समय पर, वह नाश्ते के लिए दो या तीन अंडे, दोपहर के भोजन के लिए उच्च प्रोटीन दही और रात के खाने के लिए न्यूयॉर्क स्ट्रिप स्टेक खाती थीं.

उनकी वार्षिक जांच के दौरान पता चला कि उनके शरीर में प्रोटीन का स्तर काफी ज्यादा था. लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया. लेकिन यह उन्हें महंगा पड़ा. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाया गया.

क्यों होना पड़ा दाखिल
कैथरीन बताती है कि एक दिन वह उठी और पेशाब के दौरान खून आते हुए देखा. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया. उन्होंने बताया कि वह प्रोटीन की आदी थी. उन्होंने बताया कि अस्पताल में दाखिल करने के दौरान उनके शरीर से पथरी निकली.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
मेयो क्लिनिक के एक विशेषज्ञ अनुसार, हाई प्रोटीन डाइट लोगों के गुर्दे के लिए काफी खतरनाक होती है. साथ ही अगर पहले से ही कोई किडनी का मरीज हो तो उसके लिए मामला बहुत खराब हो सकता है. 

फाइबर की हो जाती है कमी
हाई प्रोटीन डाइट शरीर में फाइबर के पाचन को कम कर देता है. इसके कारण कब्ज का शिकार भी होना पड़ता है. साथ ही लोगों के शरीर से किडनी को चीज़ो को फिल्टर करने में दिक्कत होती है.

हाई प्रोटीन डाइट से सिरदर्द और सांसों की बदबू आने की समस्या हो सकती है. साथ ही एनीमल प्रोटीन या रेड मीट खाने से हार्ट की समस्या का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है.

क्या कहना है कैथरीन का
टिकटॉकर कहती हैं कि मुझे काफी अफसोस है कि मैंने इस ट्रेंड को चुना. हाई प्रोटीन डाइट मेरे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक साबित हुई.

बढ़ चुका है ट्रेंड
लोगों में एनीमल बेस्ड प्रोटीन खाने का ट्रेंड हाल ही में काफी बढ़ा है. ज्यादातर जिम जाने वाले लोग एनीमल प्रोटीन को काफी तव्वजो देने लगे हैं. कई लोग यह भी कहते हैं कि एनीमल प्रोटीन में सभी अमिनो एसिड मिलते हैं, तो प्लांट बेस्ड प्रोटीन में नहीं मिलता है.

 

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