हमास और इजरायल के बीच अभी भी युद्ध कुछ शांत नहीं हुआ है. ऐसे में कई देशों ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNRWA) के वित्तपोषण को निलंबित कर दिया है. अब इसी को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने रविवार को दूसरे देशों से अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है. साथ ही यह आश्वासन भी दिया है कि वह हमास में शामिल पाए जाने वाले किसी भी स्टाफ सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे.
कई देशों ने रोक दी थी फंडिंग
बता दें, 20 लाख फिलिस्तीनी UNRWA सेवाओं पर निर्भर हैं. ऐसे में अगर फंडिंग फरवरी तक बहाल नहीं की गई तो हालात खराब हो जाएंगे. दरअसल, अमेरिका और आठ अन्य पश्चिमी देश जो मिलकर यूएनआरडब्ल्यूए के 2022 के बजट का आधे से ज्यादा हिस्से को कवर करते हैं. ने इजरायल द्वारा एजेंसी के कुछ स्टाफ सदस्यों पर 7 अक्टूबर के हमले में शामिल होने का आरोप लगाया था. और इसके बाद उन्होंने पैसे में कटौती कर दी थी.
क्या है UNRWA?
यूएनआरडब्ल्यूए एक एजेंसी है जो फिलिस्तीनी शरणार्थियों को राहत पहुंचाने का काम करती है. साल 1949 से बनी ये एजेंसी लगभग 700,000 फिलिस्तीनियों को सहायता प्रदान करने के लिए बनाई गई थी. ये वो लोग थे जिन्हें 1948 के अरब-इजराइल युद्ध के दौरान इजरायल में अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हुआ पड़ा था. ये एजेंसी गाजा और इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के साथ-साथ लेबनान, सीरिया और जॉर्डन में काम करती है. ये सब देश व्ही हैं जिनमें शरणार्थियों ने शरण ली थी. यूएनआरडब्ल्यूए के अनुसार, यह एजेंसी शरणार्थी शिविरों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, राहत और सामाजिक सेवाएं, माइक्रोफाइनेंस और आपातकालीन सहायता जैसे कार्यक्रम चलाती है.
वर्तमान में, ये एजेंसी 59 लाख फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद कर रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें, तो यूएनआरडब्ल्यूए को लगभग पूरी तरह से अमेरिका जैसे देशों से फंड मिलता है.
इजरायल का क्या आरोप है?
गौरतलब है कि इजरायल ने UNRWA पर आरोप लगाया था कि 7 अक्टूबर जो हमला हुआ है उसमें यूएनआरडब्ल्यूए के 12 कर्मचारी शामिल थे. इसके अलावा यह भी कहा कि हमास को इससे मदद की जा रही है. हालांकि, यूएनआरडब्ल्यूए ने सभी आरोपों से इनकार कर दिया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि उसका हमास से कोई संबंध नहीं है.
हालांकि, फिलहाल ये फंडिंग बेहद जरूरी है. अगर ये बहाल नहीं की गई तो कई लाखों शरणार्थियों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है.