भारत में पूरे जोर-शोर से 100% कोरोना टीकाकरण पर फोकस किया जा रहा है. कुछ समय पहले सरकार द्वारा हर घर दस्तक पहल भी शुरू की गई है और यह काफी अच्छे तरीके से आगे बढ़ रही है. इसी बीच एक और अच्छी खबर आई है.
भारत की स्वदेशी वैक्सीन- कोवैक्सीन और कोविशील्ड को दुनिया के बहुत से देश आगे बढ़कर स्वीकृति दे रहे हैं. जिस वैक्सीन को शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंजूरी नहीं दी थी, आज उस वैक्सीन को दुनिया के 110 देशों ने मंजूरी दी है.
कुछ समय पहले WHO ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज लिस्टिंग में शामिल किया है. इस तरह से भारत वैक्सीन के मामले में वैश्विक स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बना चुका है.
विदेशों में भारत की स्वदेशी वैक्सीन को मंजूरी:
आधिकारिक सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार लगातार दूसरे देशों के सम्पर्क में है. ताकि स्वदेशी वैक्सीन की डोज़ भारतीयों को मान्यता प्राप्त हो. इससे लोगों की दूसरे देशों में शिक्षा, नौकरी और पर्यटन के लिए यात्रा आसान रहेगी. फिलहाल, 110 देश टीकाकरण प्रमाण पत्रों की पारस्परिक मान्यता पर सहमत हुए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत का कुछ देशों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर या WHO से मान्यता प्राप्त टीकों से कराए गए टीकाकरण के प्रमाण पत्रों पर पारस्परिक मान्यता देना का समझौता है. हालांकि, कुछ ऐसे देश भी हैं, जिनके साथ भारत का कोई समझौता नहीं है.
लेकिन ये फिर भी ऐसे भारतीयों को छूट देते हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर या WHO से मान्यता प्राप्त वैक्सीन ली हुई है.
दुनिया की मदद के लिए आगे रहा है भारत:
अब बात अगर कोरोना काल में दूसरे देशों की मदद की करें तो भारत इस काम में शुरुआत से आगे रहा है. खासकर कि वैक्सीन के मामले में. बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान जैसे कई देशों में भारत ने वैक्सीन पहुंचाई है. और सरकार ने आगे भी मदद करने का दावा किया है.
खबर है कि COVAX मिशन में भारत की तरफ से मदद की जाएगी. जिन देशों में अभी 35% से कम वैक्सीनेशन है, उन्हें अतिरिक्त वैक्सीन डोज़ भेजने के बारे में सोच-विचार किया जा रहा है.