Padma Bhushan to Sundar Pichai: जानिए सुंदर पिचाई के बारे में जिन्हें पद्म भूषण से किया गया सम्मानित

तमिलनाडु में 12 जुलाई 1972 को जन्मे गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई को व्यापार और उद्योग श्रेणी में 2022 के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. पिचाई को सैन फ्रांसिस्को में उनके करीबी परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को पद्म भूषण से किया गया सम्मानित
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:53 AM IST
  • तमिलनाडु में 12 जुलाई 1972 को एक साधारण परिवार में हुआ था जन्म
  • सम्मानित होने के बाद भारत सरकार का जताया आभार

तमिलनाडु में 12 जुलाई 1972 को जन्मे गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई को व्यापार और उद्योग श्रेणी में 2022 के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. भारतीय-अमेरिकी 50 वर्षीय पिचाई को शुक्रवार को सैन फ्रांसिस्को में उनके करीबी परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया.इस साल 25 जनवरी को पिचाई को भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण देने का एलान किया गया था.आइए आज जानते हैं सुंदर पिचाई के जीवन के बारे में.सुंदर का जन्म तमिलनाडु के मदुरै शहर में हुआ था और इसी राज्य में इनका शुरुआती जीवन बीता हुआ है. इनके पिता एक विद्युत इंजीनियर हुआ करते थे और इनकी मां बतौर स्टेनोग्राफर के तौर पर कार्य किया करती थीं. इन्होने अंजलि नाम की लड़की से विवाह किया था और इनके कुल दो बच्चे हैं.

10 वीं कक्षा तक की पढ़ाई जवाहर विद्यालय से की
भारत का नाम विश्व में रोशन कर रहें इस भारतीय इंजीनियर ने अपनी 10 वीं कक्षा तक की पढ़ाई जवाहर विद्यालय से की हुई है, जबकि अपनी 12 वीं कक्षा की पढ़ाई इन्होंने वाना वानी स्कूल से पूरी की है.इन्होंने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग विषय में डिग्री भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर से प्राप्त की हुई है.अपनी डिग्री हासिल करने के बाद ये अमेरिका चले गए थे और यहां पर जाकर इन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला ले लिया था और इस विश्वविद्यालय से भौतिक विज्ञान और इंजीनियरिंग के विषय में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की थी. इसके अलावा इन्होंने व्हार्टन स्कूल ऑफ पेंसिल्वेनिया से भी एमबीए की पढ़ाई कर रखी है.

एक बार जो फोन नंबर डायल करते हैं, वह हमेशा याद रहता है
सुंदर पिचाई को नंबर काफी जल्दी से याद हो जाते हैं. वह एक बार जो फोन नंबर डायल करते हैं, उसे हमेशा याद रखते हैं. इनकी काबिलियत को देखते हुए माइक्रोसॉफ्ट जैसी बहुराष्ट्रीय दिग्गज कंपनियों ने इन्हें नौकरी का प्रस्ताव दिए था, लेकिन इन्होंने गूगल कंपनी के साथ ही बने रहने का फैसला लिया था.सुंदर पिचाई बेहद ही साधारण परिवार से नाता रखते थे और इनके बचपन के दिनों में इनके घर में ना ही टीवी हुआ करता था और ना ही गाड़ी हुआ करती थी.

गूगल का हिस्सा बनने से पहले सुंदर पिचाई मैकिंसे एंड कंपनी से जुड़े थे 
गूगल का हिस्सा बनने से पहले सुंदर पिचाई मैकिंसे एंड कंपनी में कार्य किया करते थे. बाद में गूगल कंपनी को ज्वाइन कर लिया था. जिस वक्त इन्होंने इस कंपनी को ज्वाइन किया था, उस वक्त ये इस कंपनी की एक छोटी सी टीम का हिस्सा हुआ करते थे, जो कि गूगल सर्च टूलबार पर कार्य किया करती थी.गूगल क्रोम, ब्राउजर को बनाने के पीछे इनकी अहम भूमिका रही थी. साल 2008 को इनको इस कंपनी के उत्पाद विकास विभाग का उपाध्यक्ष बना दिया गया था और साल 2012 में ये क्रोम और ऐप्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बन गए थे.इनके द्वारा किए गए कार्यों को देखते हुए इन्हे गूगल का सीईओ बना दिया गया था.

गूगल कंपनी ने अधिक पैसे देकर ट्विटर कंपनी में जाने से रोक लिया था
साल 2011 में सुंदर पिचाई ने ट्विटर कंपनी को ज्वाइन करने का फैसला कर लिया था, लेकिन गूगल कंपनी ने इन्हें अधिक पैसे देकर ट्विटर कंपनी में जाने से रोक लिया था.गूगल कंपनी में सीईओ का पद हासिल करने के लिए इन्होंने कई सालों तक कड़ी मेहनत की है और साथ में ही नए नए सुझाव देकर इस कंपनी को नई बुलंदियां पर पहुंचाया है.सुंदर पिचाई और उनकी पत्नी एक साथ ही आईआईटी कॉलेज में पढ़ाई किया करते थे और इसी दौरान इन्होंने एक दूसरे को डेट करना शुरू कर दिया था.

भारतीय राजदूत तरणजीत एस संधू ने सौंपा पुरस्कार
अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत एस संधू ने कहा कि गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को पद्म भूषण सौंपकर खुशी हुई. मदुरै से माउंटेन व्यू तक की उनकी प्रेरणादायक यात्रा, भारत-अमेरिका आर्थिक और तकनीकी को मजबूत करती है. संबंधों, वैश्विक नवाचार में भारतीय प्रतिभा के योगदान की पुष्टि करता है. 

पिचाई ने कहा-भारत मेरा एक हिस्सा है
पिचाई ने कहा, मैं इस अपार सम्मान के लिए भारत सरकार और भारत के लोगों का बहुत आभारी हूं. भारत मेरा एक हिस्सा है, और मैं गूगल और भारत के बीच महान साझेदारी को जारी रखने की उम्मीद करता हूं, क्योंकि हम प्रौद्योगिकी के लाभ लाने के लिए मिलकर काम करते हैं. पिचाई ने कहा कि तकनीकी बदलाव की तेज गति को देखने के लिए वर्षों में कई बार भारत लौटना आश्चर्यजनक रहा है. भारत में किए गए नवाचार डिजिटल भुगतान से लेकर आवाज प्रौद्योगिकी तक दुनिया भर के लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं. पिचाई ने कहा कि व्यवसाय डिजिटल बदलाव के अवसरों को भुना रहे हैं, और पहले से कहीं अधिक लोगों की इंटरनेट तक पहुंच है, जिसमें ग्रामीण गांव भी शामिल हैं. पिचाई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का डिजिटल इंडिया विजन निश्चित रूप से उस प्रगति के लिए एक उत्प्रेरक रहा है और मुझे गर्व है कि गूगल ने दो परिवर्तनकारी दशकों में सरकारों, व्यवसायों और समुदायों के साथ साझेदारी करते हुए भारत में निवेश करना जारी रखा है. 

 

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