अमेरिकी राष्ट्रपति की दौड़ में एक और भारतवंशी शामिल हो गए हैं. जी हां, भारतीय मूल के इस अमेरिकी इंजीनियर का नाम हर्षवर्धन सिंह है. निक्की हेली और विवेक रामास्वामी के बाद हर्षवर्धन तीसरे भारतीय हैं, जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल होने का निश्चय किया है. निक्की और विवेक की तरह हर्षवर्धन ने भी रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उम्मीदवारी की मांग है. ये सभी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, जो कानूनी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद 2024 के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन की दौड़ में आगे चल रहे हैं.
वीडियो ट्वीट कर दी जानकारी
हर्षवर्धन सिंह ने ट्वीट कर अपनी दावेदारी पेश की है. एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए सिंह ने कहा कि जीवन भर वे रिपब्लिकन रहे. उन्होंने हमेशा अमेरिका फर्स्ट की नीति के तहत काम किया. सिंह ने रिपब्लिकन पार्टी के लिए न्यूजर्सी में रुढ़िवादी विंग को बहाल करने के लिए काम किया. टेक और फार्मा कंपनियों के भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी स्वतंत्रता पर लगातार हमला किया जा रहा है. वीडियो में सिंह ने आगे कहा कि पिछले कुछ वर्षों में काफी बदलाव हुए हैं. इसलिए परिवर्तनों को पलटने और अमेरिकी मूल्यों को स्थापित करने के लिए मजबूत नेतृत्व की आवश्यक्ता है. इस वजह से मैंने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी से नामांकन भरने का फैसला किया है. रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने गुरुवार को संघीय चुनाव आयोग के समक्ष आधिकारिक तौर पर अपनी उम्मीदवारी दाखिल की.
ट्रंप के हैं जबरदस्त फैन
वीडियो संदेश में हर्षवर्धन खुद को सच्चा रिपब्लिकन और ट्रंप का फैन बताते हैं. वह कहते हैं कि अमेरिका को जितना समृद्ध रिपब्लिकन राष्ट्रपतियों ने किया, उतना किसी ने नहीं. अब फिर देश को रिपब्लिकन राष्ट्रपति की जरूरत है. गवर्नर पद के लिए अपनी सबसे हालिया दौड़ में उन्होंने अंतिम उम्मीदवार जैक सियाटारेली के खिलाफ दावेदारी पेश की थी. इस दौरान हर्ष ने खुद को डोनाल्ड ट्रंप के नजदीकी के रूप में पेश किया था. उम्मीदवारी की रेस में वह तीसरे नंबर पर रहे थे.
हर्षवर्धन सिंह
भारतीय अप्रवासी माता-पिता से जन्मे हर्षवर्धन सिंह ने 2009 में न्यू जर्सी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की. उन्हें 2003 में अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स की ओर से एविएशन एंबेसडर से सम्मानित किया गया था. सिंह ने खुद को राष्ट्रपति पद के लिए एकमात्र शुद्ध उम्मीदवार बताया, क्योंकि उन्होंने कभी कोविड टीकाकरण नहीं कराया. खबर में कहा गया है कि सिंह 2017 और 2021 में न्यू जर्सी के गवर्नर के लिए, 2018 में प्रतिनिधि सभा की सीट के लिए और 2020 में सीनेट के लिए रिपब्लिकन प्राइमरी में मुकाबले में शामिल रहे, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी की ओर से नामांकन पाने में असफल रहे.
निक्की हेली
भारतीय मूल की रिपब्लिकन नेता निक्की हेली दक्षिण कैरोलिना की दो बार की गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत रह चुकी हैं. निक्की हेली लगातार तीन चुनावों में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने वाली तीसरी भारतीय-अमेरिकी हैं. हेली का जन्म सिख माता-पिता अजीत सिंह रंधावा और राज कौर रंधावा के घर हुआ था, जो 1960 के दशक में पंजाब से कनाडा और फिर अमेरिका चले गए थे.
विवेक रामास्वामी
भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी साल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए खुद की उम्मीदवारी की घोषणा फरवरी में कर चुके हैं. उन्होंने एक बाहरी के रूप में रिपब्लिकन में प्रवेश किया था, लेकिन अब वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस के बाद तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं. रामास्वामी का जन्म अमेरिका के ओहियो के सिनसिनाटी में हुआ था. उनके माता-पिता केरल के पलक्कड़ से अमेरिका गए थे. उनके पिता का नाम गणपति रामास्वामी है, जो पेशे से इंजीनियर थे. उनकी मां गीता रामास्वामी, पेशे से एक सायकायट्रिस्ट थीं.
अगले साल होगा उम्मीदवार का चयन
रिपब्लिकन अपनी पार्टी के अगले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को औपचारिक रूप से चुनने के लिए अगले साल जुलाई में एक राष्ट्रीय सम्मेलन करेगा. ये सम्मेलन विस्कॉन्सिन के मिल्वौकी शहर में 15 से 18 जुलाई तक होगा.
पार्टियां दो तरीकों से चुनती हैं राष्ट्रपति उम्मीदवार
1. प्राइमरी चुनाव: अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार चुनने का पहला तरीका प्राइमरी है. प्राइमरी चुनाव राज्य सरकारों के अंतर्गत कराए जाते हैं. ये खुले और बंद तरीके से होते हैं. इसका मतलब है कि अगर राज्य सरकार चाहती है कि खुले रूप से चुनाव हो तो पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता भी वोट कर सकती है. जबकि बंद रूप से चुनाव होता है तो इसमें सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता ही उम्मीदवार को चुनते हैं. प्राइमरी सिस्टम से राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने का तरीका ज्यादातर राज्यों में अपनाया जाता है.
2. कॉकस सिस्टम: इसके अंतर्गत राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए चुनाव पार्टी ही कराती है. इसमें पार्टी कार्यकर्ता एक जगह इकट्ठा होते हैं और अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करते हैं. जो शख्स पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनना चाहता है तो वो अपनी बात कहता है. समर्थक उसे सुनते हैं. उसके बाद अपनी राय बनाते हैं. उस सभा में मौजूद सभी कार्यकर्ता हाथ खड़ा करके अपने उम्मीदवार को समर्थन देते हैं. हालांकि ये तरीका बहुत ही कम राज्यों में अपनाया जाता है.