कैलिफॉर्निया का ग्लास बीच सबसे अनोखे पर्यटक आकर्षणों में से एक है. यह समुद्र तट रंगीन, चिकने कांच के कंकड़ों से ढका हुआ है. जी हां, आपने सही पढ़ा, यहां आपको रेतीले तटों की जगह कांच के कंकड़ मिलेंगे. और इसके पीछे इंसान और प्रकृति, दोनों का हाथ है.
क्या है ग्लास बीच का इतिहास
दरअसल 1906 में, फोर्ट ब्रैग के निवासियों ने इस क्षेत्र को एक डंप साइट में बदल दिया था. यहां पर लोग सामान्य कचरे के अलावा बेकार कांच भी डंप करने लगे. जिस कारण यहां पर कांच और मेटल वेस्ट इक्ट्ठा हो गया. 1943 तक, यह डंप पूरी भर गई और स्थानीय लोगों को अपने कांच के कचरे को पास की दूसरी साइट पर ले जाना पड़ा. 1967 के अंत तक, फोर्ट ब्रैग क्षेत्र में साइट 1, साइट 2 और साइट 3 नामक तीन डंप साइटें बन गई थीं.
इसके बाद, लोगों को एहसास होना शुरू हुआ कि इस तरह से कूड़ा डालना सही बात नहीं है. यह क्षेत्र लंबे समय तक सीमा से बाहर रहा, और तब तक, सभी बायोडिग्रेडेबल चीजें समुद्र में समा गई थी. लोगों ने फिर यहां से मेटल वेस्ट को इक्ट्ठा करना शुरू किया और रिसायकल करने लगे. इसके बाद यहां पर कांच और सेरेमिक वेस्ट बच गया.
प्रकृति का कारनाम
हम सब जानते हैं कि लहरें अगर कई सालों तक एक चीज पर पड़ती रहें तो क्या होता है? उदाहरण के लिए समुद्र किनारे की चट्टानें चिकनी हो जाती हैं. इन कांच और सेरेमिक के कूड़े के साथ भी यही हुआ. सालों तक समुद्र में किनारे रहने के कारण कांच के टुकड़े पॉलिश हो गए और अब इन चिकने रंगीन कांच के कंकड़ों से पूरी समुद्र तट भरा पड़ा है. फोर्ट ब्रैग क्षेत्र में कुल मिलाकर तीन ऐसे ग्लास बीच हैं.
आज, ग्लास बीच एक संरक्षित क्षेत्र है और मैककेरिचर स्टेट पार्क का एक हिस्सा है. हर साल, हजारों पर्यटक अद्वितीय सुंदरता का आनंद लेने के लिए समुद्र तट पर आते हैं. हालांकि, समस्या यह है कि टूरिस्ट्स ने कांच के कंकड़ों को अपने साथ ले जाना शुरू कर दिया है और यह बिल्कुल गलत है.
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