The Great Wall of China: कैसे चीन की दीवार अब तक खड़ी है जस की तस, वैज्ञानिकों ने खोज निकाला जवाब

The Gread Wall of China: बायोक्रस्ट में साइनोबैक्टीरिया, एलगी, काई, फंगी और लाइकेन शामिल होते हैं. इसी बायोक्रस्ट ने चीन की दीवार को बचाने का काम किया है.  

The Great Wall of China
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:40 PM IST
  • शुष्क जगहों की मिट्टी पर बायोक्रस्ट आम है  
  • दीवार का लिया सैंपल 

इतिहास की कई ऐसी चीजें हैं इनको देखने के लिए लोग बेताब रहते हैं. ठीक ऐसी ही संरचना है चीन की दीवार (The Great Wall of China). इसे इंसानों द्वारा बनाई गई सबसे आकर्षक संरचनाओं में से एक माना जाता है. चीन के सम्राटों ने अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए कई शताब्दियों तक इसे बनाया था. आज लाखों पर्यटक इसे देखने के लिए जाते हैं. ये लगभग 3,000 साल पहले बनी हुई संरचना है. हालांकि, ये इतने सालों से जस की तस खड़ी हुई है. लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इसकी मजबूती का पता लगा लिया है. 

कैसे बच रही है ये दीवार 

बता दें, चीन की दीवार को मिट्टी के साथ प्राकृतिक चीजों से बनाया गया है. लेकिन एक नए अध्ययन से पता चला है कि इसके ऐसे खड़े होने के पीछे सबसे बड़ा कारण इसके ऊपर की स्किन है. दीवार के ऊपर मौजूद जड़ रहित छोटे पौधे जिन्हें बायोक्रस्ट्स नाम से जाना जाता है, इसे बचाने का काम कर रही है. ये एक तरह की जीवित स्किन (Living Skin) है, जो चीन की दीवार को बचाने का काम कर रही है. 

शुष्क जगहों की मिट्टी पर बायोक्रस्ट आम है  

मिट्टी को लेकर रिसर्च कर रहे मैथ्यू बॉकर बताते हैं, "दुनिया भर में शुष्क जगहों की मिट्टी पर बायोक्रस्ट आम हैं, लेकिन हम आम तौर पर मानव निर्मित मिट्टी पर उनकी तलाश नहीं की जाती है.” बायोक्रस्ट में साइनोबैक्टीरिया, एलगी, काई, फंगी और लाइकेन शामिल होते हैं. इसी बायोक्रस्ट ने चीन की दीवार को बचाने का काम किया है.  

हालांकि, अक्सर माना जाता है कि मिट्टी पर इस तरह की बायो लेयर्स एसिड बनाती हैं जिससे कोई भी बिल्डिंग या स्ट्रक्चर खराब हो जाता है. लेकिन अब नए अध्ययन से पता चलता है कि ये लिविंग स्किन चट्टान को खराब होने से बचाती हैं. 

दीवार का लिया सैंपल 

रिसर्च के लिए चीन की दीवार के 480 किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र का सैंपल लिया गया. इस दौरान दो-तिहाई से ज्यादा क्षेत्र में बायोक्रस्ट की उपस्थिति दिखाई दी है. रिसर्च में जब बायोक्रस्ट वाली जगह और बिना बायोक्रस्ट वाली जगह की तुलना की गई तो अध्ययन में पाया गया कि बायोक्रस्ट वाले सैंपल तीन गुना तक मजबूत थे.

इसे लेकर आखिर में चीन कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बो जियाओ कहते हैं, "हमें लगता था कि ये बायोक्रस्ट कहीं न कहीं चीन की दीवार को खराब कर रही है. और कुछ समय में इसे पूरी तरह से नष्ट कर देगी, लेकिन परिणाम इसके विपरीत हैं. ये इसे बचाने का काम कर रही है. 
 

 

Read more!

RECOMMENDED