Statue of Liberty: 15 मंजिला इमारत जितनी ऊंचाई, 138 साल पुराना इतिहास, अमेरिका को तोहफा... जानिए स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की कहानी

साल 1886 में फ्रांस ने स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को अमेरिका को तोहफे में दिया था. यह मूर्ति 151 फीट एक इंच ऊंची है. यह अमेरिका की सबसे ऊंची मूर्ति है. यह मूर्ति हवा में हवा में 3 इंच तक झूलती है. जबकि मशाल 5 इंच तक झूलती है. मशाल वाली भुजा लंबाई 14 मीटर है. उंगली की लंबाई 2.4 मीटर है.

Statue of Liberty
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST

डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद यूरोप के साथ अमेरिका के रिश्तों में तनाव देखने को मिल रहा है. अब फ्रांस ने अमेरिका से फेमस स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को वापस करने की मांग की है. इसपर अमेरिका ने फ्रांस को दूसरे विश्वयुद्ध में जर्मनी के हमले की याद दिला दी. आखिर फ्रांस स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को क्यों मांग रहा है? कब फ्रांस ने इसे अमेरिका को दिया था और क्यों? चलिए आपको पूरी कहानी बताते हैं.

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी पर भिड़े फ्रांस और अमेरिका-
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को लेकर उस वक्त विवाद शुरू हुआ, जब फ्रांस के सेंटर-लेफ्ट पॉलिटिशियन राफेल ग्लक्समैन ने कहा कि वर्ल्ड फेमस स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को फ्रांस को वापस ले लेना चाहिए. उनका कहना है कि अमेरिका उन मूल्यों को नहीं मानता है, जिनके लिए फ्रांस ने साल 1886 में स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी गिफ्ट किया था. उन्होंने कहा कि अमेरिका तानाशाहों का साथ दे रहा है तो हमें हमारी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी वापस चाहिए.

फ्रांस की इस डिमांड पर व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने कहा कि स्टैच्यू कहीं नहीं जा रहा, उस फ्रांसीसी लीडर को याद दिलाना चाहूंगी कि अगर अमेरिका न होता तो फ्रांस आज जर्मन बोल रहा होता. हमें शुक्रिया कहो.

क्या हुआ था दूसरे विश्वयुद्ध में-
दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी के तानाशाह हिटलर की सेना ने फ्रांस का काफी हिस्सा जीत लिया था. फ्रांस की सेना ने हिटलर के सामने सरेंडर कर दिया था. जर्मन सेनाओं ने पेरिस पर कब्जा कर लिया था और अपनी सरकार बनवा ली थी. लेकिन साल 1944 में मित्र राष्ट्रों की सेनाओं ने वापस हमला किया. जिसके बाद फ्रांस को आजादी मिली थी. इस युद्ध में अमेरिका ने अहम रोल निभाया था.

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का इतिहास-
28 अक्टूबर साल 1886 को न्यूयॉर्क हार्बर में स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को खड़ा किया गया था. इस मूर्ति को फ्रांस ने अमेरिका को आजादी की 100 सालगिरह पर तोहफे में दी थी. यह मूर्ति आजादी और लोकतंत्र की प्रतीक है. इस मूर्ति को फ्रांस में बनाया गया था. फिर इसे अलग किया गया और अमेरिका भेजा गया.

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के बनने की कहानी-
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के बनने का प्लान साल 1865 में एक रात डिनर के दौरान बना था. दरअसल उस डिनर में फ्रांस के कुछ लोग अपने सम्राट और अमेरिका की लोकतांत्रिक सरकार पर चर्चा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने अमेरिकी आजादी के लिए एक स्मारक बनाने का फैसला किया. उस डिनर में फेमस मूर्तिकार फ्रेडरिक-ऑगस्टे बार्थोल्डी भी थे. उन्होंने इस मूर्ति को बनाया. इस मूर्ति को बनाने में 21 साल वक्त लगा और साल 1886 में इसे स्थापित किया गया.

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की खासियत-
यह मूर्ति 46 मीटर 2.5 सेंटीमीटर ऊंची है. यह अमेरिका की सबसे ऊंची मूर्ति है. मूर्ति हवा में 3 इंच तक झूलती है. जबकि मशाल 5 इंच तक झूलती है. मशाल वाली भुजा की लंबाई 14 मीटर है. जबकि उंगली की लंबाई 2.4 मीटर. मूर्ति की नाक की लंबाई 1.5 मीटर है. मूर्ति सिक्के के आकार की पतली तांबे की 300 शीटों से ढकी हुई है. मुकुट में 7 किरणें धरती के 7 समुद्रों का प्रतिनिधित्व करती हैं.

 

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