World Red Cross Day 2024: कैसे हुई थी विश्व रेडक्रॉस दिवस की शुरुआत, क्या है इसका मकसद और इस बार की थीम, जानिए सबकुछ

World Red Cross Day 2024: आज पूरी दुनिया में वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाया जा रहा है. रेड क्रॉस एक ऐसी संस्था है जो हर आपदा में लोगों की मदद के लिए तैयार रहती है. 1863 में इसकी शुरुआत और हुई और तब से लेकर आज तक पूरी दुनिया में लाखों करोड़ों लोगों को संस्था मदद कर चुकी है.

World Red Cross Day 2024 (File Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:25 PM IST

आज 8 मई है और दुनियाभर में वर्ल्ड रेड क्रॉस डे या क्रिसेंट डे मनाया जा रहा है. भोजन की कमी, प्राकृतिक आपदाओं, महामारी संबंधी बीमारियों और अन्य संकटों से पीड़ित लोगों के लिए आज का दिन समर्पित है. पूरी दुनिया में ये संस्था लोगों की भलाई का काम कर रही है. ऐसे में हम आपको आज बताएंगे कि विश्व रेडक्रॉस दिवस की शुरुआत कैसे हुई थी, इसका इसका क्या है और इस बार की थीम क्या है.

किसने की थी स्थापना

रेड क्रॉस की स्थापना हेनरी ड्यूनेंट ने की थी. उनका जन्म 8 मई 1828 को स्विट्जरलैंड के जेनेवा में हुआ था. हेनरी की बर्थ एनिवर्सरी  8 मई को है और यही वजह है कि इस दिन पूरी दुनिया में रेड क्रॉस डे मनाया जाता है. बता दें कि पहली बार 1948 में विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया गया था. हेनरी को शानदार कार्यों और रेड क्रॉस की स्थापना के लिए 1901 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था. आज पूरी दुनिया में यह संस्था एक्टिव है और इसके 8 करोड़ से ज्यादा वॉलेंटीयर है.

ऐसे हुई थी स्थापना

1859 में इटली में हुए एक जंग में कई सैनिकों की मौत हो गई थी और लाखों घायल हो गए थे. इसके बाद हेनरी और उनके गांव के लोगों ने घायल सैनिकों की मदद की. इसी के बाद हेनरी के मन में ख्याल आया. उन्होंने 1863 में इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेडक्रॉस नाम से एक कमेटी बनाई. 

रेडक्रॉस संस्था का मकसद 

रेड क्रॉस संस्था का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, महामारी संबंधी बीमारियों और युद्ध जैसे संकटों में पीड़ित लोगों की मदद करना है. मुश्किल घड़ी में रेड क्रॉस लोगों को रहने और भोजन की व्यवस्था करता है. इसके लाखों करोड़ों वॉलेंटीयर हर वक्त सेवा के लिए तैयार रहते हैं. इसके साथ ही ये संस्था आम लोगों को फर्स्ट एड ट्रेनिंग देता है ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में लोग खुद को बचा सकें. बता दें कि इस साल की थीम 'मैं खुशी के साथ देता हूं, और जो खुशी मैं देता हूं वह एक इनाम है.'

 

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