India–Nepal Relations: क्या भारत विरोधी हैं KP Oli? नेपाल के नए पीएम का क्या रहा है हमारे देश को लेकर रूख

साल 2015 में जब केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) पहली बार नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री बने थे, उस दौरान भारत (India) के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. नेपाली सरकार ने नया नक्शा जारी किया था, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना हिस्सा बताया था. हालांकि भारत ने इसे पूरी तरह से खारिज किया था. इसके अलावा ओली ने ये भी दावा किया था कि भारत ने राम को हड़प लिया है. असली अयोध्या नेपाल में है.

KP Sharma Oli
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 1:51 PM IST

नेपाल में खड़ग प्रसाद शर्मा ओली (KP Oli) की सरकार बन गई है. 72 साल के केपी ओली तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं. काठमांडू के राष्ट्रपति ऑफिस में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उनको पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. ओली को चीन का समर्थक माना जाता है. उन्होंने पुष्प कमल दहल प्रचंड की जगह ली है. नेपाल में राजशाही को औपचारिक तौर पर खत्म होने के बाद 13 बार सरकार बन चुकी है. इस पहाड़ी देश में साल 2008 में राजशाही को हटाया गया था. चलिए आपको बताते हैं कि नए प्रधानमंत्री का भारत को लेकर क्या रूख रहा है और इसका दोनों देशों के संबंधों पर क्या असर होगा.

तीसरी बार पीएम बने केपी ओली-
केपी शर्मा ओली तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं. ओली ने पहली बार साल 2015 में 11 अक्तूबर को सत्ता संभाली थी और 3 अगस्त 2016 तक इस पद पर रहे थे. इसके बाद दूसरी बार ओली साल 2018 में 5 फरवरी को प्रधानमंत्री बने थे और 13 मई 2021 तक इस पद पर रहे थे. पहले ओली की छवि भारत विरोधी लीडर की नहीं थी. लेकिन ओली जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, उसके बाद भारत को लेकर उनके रूख में बदलाव आना शुरू हुआ था.

भारत के साथ कैसे रहे हैं ओली के रिश्ते-
जब केपी ओली पहली बार पीएम बने तो दोनों देशों के संबंधों में तनाव आने लगा. ओली ने भारत पर नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और उनकी सरकार गिराने का आरोप लगाया था. नेपाल ने भारत के साथ बॉर्डर एरिया को लेकर कड़ा रुख अपनाया था. नेपाल सरकार ने भारत के कुछ इलाकों को अपने नक्शे में दिखाया था. नक्शे में उत्तराखंड में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था. लेकिन भारत ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया था.

जुलाई 2020 में ओली ने दावा किया था कि भारत ने राम को हड़प लिया है. असली अयोध्या नेपाल में है. हालांकि बाद में नेपाल के विदेश मंत्रालय को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा था.

दोनों देशों के संबंधों पर क्या होगा असर-
एक बार फिर ओपी शर्मा ओली नेपाल के प्रधानमंत्री बन गए हैं. केपी ओली की छवि भारत विरोधी रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि उनके पीएम बनने के बाद एक बार फिर दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ सकता है. हालांकि ओली की पार्टी सीपीएन यूएमएल ने नई सरकार बनने से पहले भारत की तारीफ की है. पार्टी का कहना है कि भारत के साथ घनिष्ठ संबंध रखे बिना नेपाल प्रगति नहीं कर सकता है. पार्टी ने भारत-नेपाल संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की बात कही.

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