आपने 2004 में रिलीज हुई टॉम हैंक्स की फिल्म "द टर्मिनल" देखी है? शिकागो के ओ'हारे एयरपोर्ट ( O’Hare International Airport) पर एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है. ओ'हारे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तीन महीने तक अज्ञात रहने वाले 37 वर्षीय भारतीय युवक को बरी कर दिया गया है. जज एड्रिएने डेविस (Adrienne Davis) ने आदित्य सिंह नाम के इस व्यक्ति को अनधिकृत प्रवेश के आरोपों से बरी किया है.
द शिकागो ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आदित्य ने कोरोना वायरस महामारी के डर के कारण उड़ान ही नहीं भरी और वह एयरपोर्ट पर ही छिपे रहे. 16 जनवरी को गिरफ्तार होने से पहले वह 3 तीन महीने तक एयरपोर्ट पर ही रहे.
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के अनुसार, 37 वर्षीय आदित्य सिंह छह साल पहले अपनी मास्टर्स की पढ़ाई करने अमेरिका गए थे. पिछले साल कोरोना महामारी में जब अक्टूबर में उन्होंने भारत आने का सोचा. फ्लाइट में शिकागो उनका पहला स्टॉप था. लेकिन उनके वायरस के डर के कारण वह एयरपोर्ट पर ही रुक गए. लगभग तीन महीने एयरपोर्ट पर रूकने के बाद उन्हें यूनाइटेड एयरलाइंस के कर्मचारियों ने देखा. एयरपोर्ट ऑपरेशन मैनेजर की रिपोर्ट के बाद जनवरी में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया.
हालांकि, आदित्य सिंह ने पुलिस को बताया कि वह कोरोना वायरस के डर से एयरपोर्ट पर रह रहे थे और उड़ान भरने से डर रहे थे.
एयरपोर्ट पर इतने महीने कैसे रहे?
दरअसल, आदित्य एयरपोर्ट पर 3 महीने तक सिक्योरिटी टर्मिनल की एरिया की दुकानों में, फूड और पब्लिक बाथरूम में छिपे रहे. जब यूनाइटेड एयरलाइन्स के कर्मचारियों ने उन्हें देखा तब कहीं जाकर उनकी गिरफ़्तारी हुई.
नहीं किया किसी नियम का उल्लंघन
पब्लिक डिफेंडर, कोर्टनी स्मॉलवुड के अनुसार, अधिकारियों को इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि आदित्य ने एयरपोर्ट की पब्लिक साइड को छोड़ दिया था. बता दें, शिकागो एयरपोर्ट का प्रबंधन देखने वाली ट्रांसपोर्टेशन सिक्यॉरिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि उन्होंने एयरपोर्ट के किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है.
एविएशन डिपार्टमेंट की प्रवक्ता क्रिस्टीन कैरिनो ने एक बयान में कहा, “सिंह ने किसी प्रकार से भी सिक्योरिटी नहीं तोड़ी है, उन्होंने किसी क्षेत्रों में अनुचित तरीके से प्रवेश नहीं किया. वह वहां ठीक ऐसे ही पहुंचे जैसे हजारों आने वाले यात्री हर दिन किसी फ्लाइट से उतरते हैं.”
अदालत में लगा रहेगा आना-जाना
यूं तो कुक काउंटी की जज ने उन्हें बरी कर दिया है, लेकिन अभी आदित्य का अदालत में आना जाना लगा रहेगा. आपको बता दें, उन पर अपने इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटिरिंग सिस्टम (Electroning Monitoring System) का उल्लंघन करने का भी आरोप है.
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