यूक्रेन पोलैंड बॉर्डर पर रोते हुए दिखे भारतीय छात्र, कहा- इससे अच्छा किसी मिसाइल से मर जाते

एक वीडियो में निखिल कुमार नाम का छात्र बताता है, कि वो लोग कैब करके होस्टल से पोलैंड के लिए निकले थे. लेकिन बॉर्डर से लगभग 25 km पहले कैब ने उतार दिया. इसके बाद छात्रों को पैदल चलकर 25 km दूर पोलैंड बॉर्डर पहुंचना पड़ा.

यूक्रेन पोलैंड बॉर्डर पर रोते हुए दिखे भारतीय छात्र, जानिए इनकी बेबसी का दास्तां
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST
  • कैब ने 25 किमी पहले ही उतार दिया
  • मदद न मिलने से नाराज हैं छात्र

रूस का यूक्रेन पर हमला लगातार तेज़ होता जा रहा है. इस बीच भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकलने की कोशिश भी शुरू हो चुकी है.  लेकिन कई ऐसे छात्र हैं जो अब यूक्रेन पोलैंड बॉर्डर पर फंस गए हैं. आज तक यूक्रेन से एक भारतीय छात्र आर्यन ने अपने सीनियर स्टूडेंट के वीडियो भेजे हैं. वीडियो में छात्र अपनी आपबीती बात रहे हैं.

कैब ने 25 किमी पहले ही उतार दिया
एक वीडियो में निखिल कुमार नाम का छात्र बताता है, कि वो लोग कैब करके होस्टल से पोलैंड के लिए निकले थे. लेकिन बॉर्डर से लगभग 25 km पहले कैब ने उतार दिया. इसके बाद छात्रों को पैदल चलकर 25 km दूर पोलैंड बॉर्डर पहुंचना पड़ा. लेकिन वीडियो में दिख रहे छात्र निखिल कुमार का आरोप है कि पोलैंड बॉर्डर में उन्हें एंट्री नहीं दी जा रही है. सिर्फ यूक्रेन के लोगों को लेने के लिए पोलैंड से छोटी छोटी वैन आ रही हैं. निखिल के साथ वीडियो में कई छात्र देखे जा सकते हैं. निखिल का कहना है कि वो लोग पिछले 13 घंटे से बिना खाना पानी के हैं.

आखिर खुद को कितना संभालें
वहीं एक और वीडियो एक भारतीय छात्र रोता हुआ दिखाई पड़ रहा है. छात्र रोते हुए कहता है कि 'खुद को कितना संभाला जाए.. हम लोग जूनियर को अभी तक संभाल रहे थे. अब तो लगता है इससे अच्छा होता कि किसी मिसाइल  का ही शिकार हो जाते. ऐसा लगता है हम यहां अनाथ है कोई हमारा है ही नहीं.'

मदद न मिलने से नाराज हैं छात्र
एक और वीडियो आज तक को मिला है, जिसमें कुछ बच्चे फ़ोन कॉल पर किसी से बहस करते हुए दिखाई पड़ते हैं. बातचीत से लगता है कि छात्र किसी अधिकारी से बहस कर रहे हैं. कॉल पर मौजूद दूसरा आदमी कहता है कि उसने ऊपर अधिकारियों से सब कुछ बता दिया है. छात्र इस वीडियो में मदद न मिलने से नाराज़ दिखाई पड़ते हैं.

यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हैं बच्चे
हालांकि यूक्रेन से भारतीय छात्रों को लाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. सुबह भी फ्लाइट छात्रों को लेकर पहुंची हैं, लेकिन अभी भी कई भारतीय बच्चे यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं. रूस ने जिस तरह से यूक्रेन के रिहायशी इलाकों में पर भी हमला करना शुरू किया है. कई भारतीय छात्र और उनके परिवार की चिंता बढ़ने लगी है.

 

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