दूसरे देशों में रह रहे भारतीय जल्द ही अपने अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों के जरिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) कर सकेंगे. इन 10 देशों के अनिवासी भारतीय (एनआरआई) अपने भारत के फोन नंबर पर निर्भर हुए बिना लेनदेन के लिए यूपीआई सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं.इन देशों की लिस्ट में सिंगापुर, यूएस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और ब्रिटेन (यूके) शामिल हैं.
30 अप्रैल तक का समय
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल नंबर वाले NRE/NRO (अनिवासी बाहरी और अनिवासी साधारण) जैसे खाते UPI का उपयोग करके लेनदेन कर सकते हैं. पेमेंट्स कॉरपोरेशन ने पार्टनर बैंकों को निर्देशों का पालन करने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया है. एक एनआरई खाता अनिवासी भारतीयों को विदेशी कमाई को भारत में ट्रांसफर करने में मदद करता है, जबकि एक एनआरओ खाता उन्हें भारत में अर्जित आय का प्रबंधन करने में मदद करता है.
2,600 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी
इसके लिए एकमात्र शर्त यह है कि बैंक यह सुनिश्चित करें कि ऐसे खातों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के नियमों के अनुसार अनुमति दी जाए, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों का पालन करें और मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ सुरक्षा करें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक कैबिनेट समिति ने RuPay डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 2,600 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी है.
अधिकारियों ने कहा कि बड़े यूपीआई कदम से अंतरराष्ट्रीय छात्रों, विदेश में रहने वाले परिवारों और स्थानीय व्यवसायों को मदद मिलेगी. योजना के तहत बैंकों को RuPay और UPI का उपयोग कर लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा. पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "RuPay डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के संबंध में कैबिनेट के फैसले से डिजिटल भुगतान में भारत की प्रगति और मजबूत होगी." केवल छह वर्षों में यूपीआई लेनदेन में भारी उछाल आया है. दिसंबर में, 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन हुए हैं.