ईरान की सेना ने पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक की है. ईरान ने बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया है. पाकिस्तान ने इस हमले को लेकर नाराजगी जताई है और इसके गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी है. पाकिस्तान का कहना है कि इस हमले में दो बच्चों की मौत हुई है और 3 जख्मी हुए हैं.
ईरान ने आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों को निशाना बनाया है. इसका मतलब 'न्याय की सेना' होता है. इसका मुख्यालय पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है, ये संगठन पहले जुंदल्लाह का हिस्सा था. चलिए आपको इस खूंखार आतंकी संगठन के बारे में बताते हैं.
कैसे बना जैश अल अदल-
जैश अल अदल एक सुन्नी सलाफी अलगाववादी आतंकी संगठन है. यह संगठन पाकिस्तान से संचालित होता है और ईरान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है. इस संगठन ने ईरान में सेना पर भी हमले किए हैं. ये संगठन पहले ग्लोबल आतंकी संगठन जुंदाल्लाह का हिस्सा था. लेकिन बाद में वो इससे अलग हो गया.
साल 2010 में ईरान ने जुंदाल्लाह के लीडर अब्दोलमलेक रिगी को मार डाला था. इसके बाद साल 2012 में इस संगठन के सदस्यों ने एक दूसरा संगठन बनाया, जिसे जैश अल अदल कहा जाता है. फिलहाल इसका मुखिया सलाउद्दीन फारूकी है. जैश अल अदल को ईरान, जापान, अमेरिका और न्यूजीलैंड ने बैन किया है.
कहां-कहां है संगठन की पकड़-
आतंकी संगठन जैश अल अदल की तीन देशों में पकड़ है. इसमें ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान शामिल है. ये संगठन पाकिस्तान के बलूचिस्तान इलाके से संचालित होता है. इसकी ज्यादातर गतिविधियां पाकिस्तान सीमा के पास ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में होती हैं. इस संगठन ने ईरान में कई बड़े आतंकी धमाके किए हैं.
इस संगठन ने पिछले साल दिसंबर में ईरान के सिस्तान में एक पुलिस स्टेशन को उड़ा दिया था. जिसमें 11 पुलिसवालों की मौत हुई थी. इसको लेकर ईरान ने पाकिस्तान से नाराजगी जताई थी.
ISI से हैं संगठन के संबंध-
जैश अल अदल को पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई का खास माना जाता है. पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव को ईरान से पाकिस्तान ले जाने में भी इस संगठन के आतंकी शामिल थे.इस संगठन के लोगों ने ही जाधव को ईरान में अगवा किया था और आईएसआई को सौंप दिया था. जाधव को ईरान के चाबहार से किडनैप किया गया था और फिर पाकिस्तान ले जाया गया था. बाद में पाकिस्तान की अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई. फिलहाल जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद है और ये मामला इंटरनेशनल कोर्ट में है.
ये भी पढ़ें: