दुनिया भर में कोरोना महामारी पर रिसर्च की जा रही है. फिर चाहे वह वैक्सीन हो या इस वायरस का नेचर, सभी वैज्ञानिक खोजने में लगे हुए हैं. ऐसी ही एक रिसर्च में पाया गया है कि कोरोना वायरस महज एक मौसमी संक्रमण हो सकता है. हाल ही में हुई एक रिसर्च में पाया गया कि कोविड-19 कम तापमान (low temperarture) और नमी (humidity) से जुड़ा एक मौसमी संक्रमण हो सकता है, जो मौसमी इन्फ्लूएंजा की तरह है (seasonal influenza). ये अध्ययन नेचर कम्प्यूटेशनल साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
स्पेन के बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ (ISGlobal) के नेतृत्व में एक रिसर्च टीम ने यह जानने की कोशिश की कि क्या SARS-CoV-2 इन्फ्लूएंजा जैसे मौसमी वायरस के रूप में व्यवहार कर रहा है, या व्यवहार करेगा, या क्या यह साल के किसी भी समय में समान रूप से फैलेगा?
क्या था अध्ययन?
पहले थियोरेटिकल मॉडलिंग अध्ययन में पाया गया कि जलवायु कोरोना के संक्रमण का चालक नहीं है. यानि कोरोना अपने आप नहीं फैलता है, इसे एक व्यक्ति से दूसरे तक जाने के लिए किसी चालक की जरूरत होती है. हालांकि, कुछ अध्ययन में पाया गया है कि चीन में कोविड -19 जब संक्रमित होना शुरू हुआ तब वह 30 से 50 डिग्री के टेंपरेचर के बीच में फैला था. इसमें नमी का स्तर और तापमान दोनों कम था.
कितने देशों को किया गया शामिल?
सबसे पहले यह जानने की कोशिश की गयी कि कोविड का तापमान और नमी से क्या संबंध है. इसके लिए शोधकर्ताओं ने पांच महाद्वीपों के 162 देशों में फैले SARS-CoV-2 के शुरुआती फेज पर अध्ययन किया. इसमें उन्होंने पाया कि ट्रांसमिशन रेट (Ro) और तापमान और नमी दोनों के बीच नेगेटिव संबंध हैं.
स्टैटिस्टिकल मेथड का किया गया उपयोग
इसके बाद शोधकर्ताओं ने ये जाना कि आखिर समय के साथ जलवायु और बीमारी के बीच ये संबंध कैसे विकसित हुआ, और क्या यह अलग-अलग स्थानों पर एक सा है. उन्होंने इसके लिए एक स्टैटिस्टिकल मेथड का उपयोग किया. इसमेंकोविड केस की संख्या और तापमान और नमी के बीच नेगेटिव संबंध पाया गया.
शोध में क्या पाया गया?
जहां भी कोरोना के मामले पाए गए उन सभी क्षेत्रों में शोधार्थियों को पहली, दूसरी और तीसरी, तीनों वेव के दौरान एक से ही पैटर्न दिखे. उनके अनुसार, तापमान और नमी बढ़ने के साथ पहली लहर के दौरान महामारी का असर कम हुआ और दूसरी लहर में तापमान और नमी कम हुई तो महामारी का असर ज्यादा हुआ.
ISGlobal के शोधकर्ता Alejandro Fontal ने कहा कि महामारी बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे यह युवा लोगों की भीड़, पर्यटन और एयर कंडीशनिंग आदि." हालांकि शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि यह सभी आंकड़ें सांकेतिक हैं, इनपर और अध्ययन करने की आवश्यकता है.
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