Israel-Hamas Ceasefire: अमेरिका, मिस्त्र और कतर की मध्यस्थता लाई रंग, इजराइल-हमास के बीच 15 महीने के बाद हुआ युद्धविराम, जानिए आखिर किन शर्तों पर हुई गाजा डील, अब आगे क्या?

Israel-Hamas Gaza Ceasefire: इजराइल और हमास के बीच सीजफायर की घोषणा से खुशी सिर्फ Israel-Hamas War: इजराइल में ही नहीं है, सुकून गाजा को भी मिला है, जो जंग में इस हद तक तबाह हो चुका है कि तबाही के लिए अब कुछ बचा ही नहीं है. अभी तक युद्ध में गाजा के 47 हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है इसलिए सीजफायर की खुशी सही मायनो में जितनी गाजा को है, किसी को नहीं होगी.

Israel-Hamas Ceasefire
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:45 AM IST
  • 42 दिनों का सीजफायर तीन चरणों में होगा
  • पहले चरण में हमास 33 इजराइली बंधकों को करेगा रिहा 

इजराइल और हमास के बीच युद्ध रोकने में अमेरिका, मिस्त्र और कतर की मध्यस्थता रंग लाई है. आखिरकार 15 महीने के युद्ध के बाद इजराइल (Israel) और हमास (Hamas) गाजा (Gaza) में युद्धविराम (Ceasefire) को राजी हुए हैं. उम्मीद है कि इजराइल की कैबिनेट मतभेद के बावजूद इस पर मुहर लगा देगी. यह सीजफायर 19 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा. आइए जानते हैं आखिर गाजा डील किन शर्तों पर हुई है. 

गाजा को मिला है सबसे अधिक सुकून
इजराइल और हमास के बीच सीजफायर की घोषणा से खुशी सिर्फ इजराइल में ही नहीं है. सुकून गाजा को भी मिला है, जो जंग में इस हद तक तबाह हो चुका है कि तबाही के लिए अब कुछ बचा ही नहीं है. खंडहर में तब्दील हो चुके घर, मलबों में बदल गईं रिहायशी बस्तियां, दाने दाने को तरसते लोग, कुपोषण की मार झेलते बच्चे ही सिर्फ गाजा की पूरी कहानी बयान नहीं करती बल्कि लाखों लोगों विस्थापित हुए हैं. 47 हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इसलिए सीजफायर की खुशी सही मायनो में जितनी गाजा को है, किसी को नहीं होगी.

तीन चरणों में होगा सीजफायर 
पिछले कई महीनों से इजराइल और हमास के बीच युद्ध विराम के लिए बातचीत हो रही थी. आखिरकार मिस्र, कतर और खासतौर पर अमेरिका की कोशिश रंग लाई है. हमास की ओर से शेयर किए गए डॉक्यूमेंट के मुताबिक 42 दिनों का ये सीजफायर तीन चरणों में होगा. पहले चरण के तहत हमास 33 इजराइली बंधकों को रिहा करेगा जबकि इजराइल भी फिलिस्तीनी बंधकों को रिहा करेगा. रिहा करने में महिलाएं और बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी. 

फिलीस्तीन के 250 कैदियों को रिहा करेगा इजराइल
इस बात पर सहमति बनी है कि सीजफायर के पहले दिन तीन महिला इजराइली बंधकों को रिहा किया जाएगा. सातवें दिन हमास चार और इजरायली बंधक रिहा करेगा. इस तरह हर सात दिन पर बंधक रिहा किए जाएंगे. सीजफायर के छठे हफ्ते में हमास सभी बचे हुए बंधकों को रिहा कर देगा. इसके बदले में इजराइल अपनी जेलों में बंद फिलीस्तीन के 250 कैदियों को रिहा करेगा. जिन फिलीस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाना है, उसकी लिस्ट हमास ने इजराइल की नेतन्याहू सरकार को सौंप दी है. समझौते के तहत इजराइली सेना गाजा की सीमा से 700 मीटर पीछे लौटेगी.

गाजा से इजराइली सेना पूरी तरह हो जाएगी वापस 
सीजफायर के दूसरे चरण में दूसरे चरण में हमास सभी बंधकों को रिहा करेगा. इस वक्त हमास की कैद में इजराइल के 60 लोग हैं. ये जिन्दगियां इजराइल के लिए बहुत कीमती हैं. दूसरे चरण में इजराइल और हमास अपने सैन्य ऑपरेशन को स्थायी तौर पर रोक देंगे. इसके साथ ही गाजा से इजराइली सेना पूरी तरह वापस हो जाएगी.

इस वक्त इजराइली सैनिकों का पूरे गाजा पर, मिस्र की सरहद तक कंट्रोल है लेकिन अब उनकी वापसी तय हो गई है. इसके साथ ही तीसरे चरण में इजराइल और हमास दोनों एक दूसरे के मृत नागरिकों के शव सौंपेगे. तीसरे चरण में गाजा पट्टी में पुनर्निमाण की परियोजनाओं पर ध्यान दिया जाएगा. 

ट्रंप ने दी थी चेतावनी
हमास पिछले कई महीनों से सीजफायर के लिए तैयार था. अमेरिका भी इसके लिए नेतन्याहू सरकार पर दबाव बना रहा था. लेकिन बंधकों की रिहाई को लेकर पेंच फंसा हुआ था क्योंकि हमास ने उनकी रिहाई के लिए कुछ शर्ते रखी थीं, जो इजराइल को मंजूर नहीं था. हालांकि हिजबुल्लाह के साथ सीजफायर के बाद गाजा में भी शांति के लिए दबाव बढ़ा.

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्य पूर्व के लिए अपना विशेष दूत भेजा. इससे कतर में हो रही बातचीत को रफ्तार मिली. ट्रंप हर हाल में गाजा की लड़ाई खत्म करवाना चाहते थे. ये बात तब साबित हो गई जब कुछ दिन पहले ट्रंप ने सीधे और सख्त लहजे में कह दिया कि उनके शपथ ग्रहण से पहले यदि इजराइल-हमास में सीजफायर नहीं हुआ तो मध्य पूर्व में कयामत होगी. ट्रंप 20 फरवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. उसके चार दिन पहले ही समझौता हो गया. इसका फायदा ये होगा कि अक्टूबर 2023 से चल ही लड़ाई रुक जाएगी.

हमास ने कर दिया था हमला 
7 अक्टूबर 2023 को हमास ने दक्षिणी इजराइल पर हमला किया था और 1200 लोगों की हत्या कर दी थी. इसके साथ ही 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था. इसके बाद इजराइल ने हमास के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया था, जिसने गाजा में बर्बादी की दास्तान लिख दी. गाजा को फिर से आबाद होने में जाने कितना वक्त लगेगा.

फिलहाल युद्ध रूकने से फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए बेहद जरूरी मानवीय सहायता मिलने लगेगी. उधर, 15 महीने से अधिक समय तक कैद में रहने के बाद बंधक इजराइल में अपने परिवार से मिल पाएंगे. हालिया समझौते के बाद भी यह स्पष्ट नहीं है कि गाजा पर नियंत्रण किसके हाथ में होगा क्योंकि इजराइल शायद ही चाहे कि गाजा पट्टी पर पहले की तरह हमास का कंट्रोल बना रहे.

ट्रंप को दिया जा रहा सीजफायर का क्रेडिट 
इजराइल-हमास के बीच सीजफायर का क्रेडिट काफी हद तक ट्रंप को दिया जा रहा है. जिन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा है कि ये ऐतिहासिक समझौता, राष्ट्रपति चुनाव में हमारी जीत की वजह से हो पाया. ये डील मेरे प्रशासन की शांति स्थापित करने और अमेरिका व उसके सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास का सबूत है. वहीं जो बाइडेन ने भी व्हाइट हाउस से अपने आखिरी भाषण में सीजफायर को अपनी उपलब्धि बताया. बाइडेन ने सीजफायर को लेकर कहा कि हमारे कूटनीतिक प्रयास कभी रुके नहीं. यह समझौता हमास पर बढ़ते दबाव, क्षेत्रीय समीकरणों में बदलाव और लेबनान में सीजफायर के बाद ही संभव हो सका.

यह अमेरिका की कूटनीति का नतीजा है. इसे अमेरिका की कूटनीति कहिए या ट्रंप का दबाव, अच्छी खबर ये है कि हमास और इजराइल दोनों शांति के लिए राजी हो गए हैं. मध्य पूर्व में अमन चैन का दौर लौटने वाला है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी सीजफायर समझौते पर खुशी जताई है. विदेश मंत्रालय ने कहा, हम बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्ध विराम के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं. हमें उम्मीद है कि इससे गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित, निरंतर आपूर्ति हो सकेगी. हमने लगातार सभी बंधकों की रिहाई, युद्ध विराम और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है.

 

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