Israel-Hamas Updates: क्या है UNRWA जो गाजा को पहुंचा रहा है खाना-पानी और दवाइयां, अब फ्यूल डिलीवरी को लेकर कही ये बात

मिस्र के लगाए हुए प्रतिबंधों के साथ-साथ 2007 से जारी इजरायली नाकेबंदी के कारण गाजा को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इनकी वजह से गाजा में खाना, ईंधन, चिकित्सा आपूर्ति और लोगों के आम जनजीवन को बाधित कर दिया है.

गाजा
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 12:26 PM IST
  • हो रही है ईंधन की कमी 
  • गाजा की अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भरता

हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग रुकने का नाम ही नहीं ले रही है. अब तक हजारों गाजा और इजरायल के बेकसूर लोगों की जान जा चुकी है. गाजा में खाना-पानी और दवाई की आपूर्ति भी अब कम हो रही है. ऐसे में अब संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (UNRWA) ने ईंधन (Fuel) आपूर्ति को लेकर चिंता जताई है.  

क्या है UNRWA?

बता दें, UNRWA गाजा पट्टी में मानवीय संसाधन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यूएन जनरल असेंबली द्वारा स्थापित UNRWA फिलिस्तीनी शरणार्थियों की सहायता के लिए समर्पित संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है. यह शरणार्थियों से जुड़े मानवीय और विकासात्मक दोनों जिम्मेदारियों को पूरा करने का काम करती है. इसका मतलब यह है कि यह न केवल गाजा पट्टी में बल्कि वेस्ट बैंक, लेबनान, सीरिया और जॉर्डन में स्थित दर्जनों शरणार्थी शिविरों में अपनी सेवाएं देती है. इस वक्त गाजा में, यूएनआरडब्ल्यूए में 13,000 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें 125 स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी शामिल हैं, जो स्वास्थ्य केंद्रों पर बारी-बारी से काम करते हैं.

गाजा की अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भरता

मिस्र के लगाए हुए प्रतिबंधों के साथ-साथ 2007 से जारी इजरायली नाकेबंदी के कारण गाजा को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इनकी वजह से गाजा में खाना, ईंधन, चिकित्सा आपूर्ति और लोगों के आम जनजीवन को बाधित कर दिया है. यही कारण है कि गाजा अपनी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों पर बहुत अधिक निर्भर हो गया है. यूएन ने पिछले कई साल से गाजा में अपनी उपस्थिति बनाए रखी है. 1993 के बाद से फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय विकास और मानवीय सहायता $50 बिलियन से ज्यादा हो गई है. 

यूएनआरडब्ल्यूए क्या कर रही प्रयास

जबसे हमास और इजरायल के बीच जंग छिड़ी है तबसे यूएनआरडब्ल्यूए ने गाजा पट्टी में चल रहे स्कूलों को तेजी से शेल्टर्स में बदल दिया है. यहां इनकी मदद से मेडिकल केयर, काउन्सलिंग और साइकोलॉजिकल सपोर्ट दिया जाता है.  

हालांकि, UNRWA को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. एजेंसी के मुताबिक, उनके शेल्टर्स में रहने की स्थिति बेहद खराब है, ईंधन और दवाओं के भंडार खत्म होने की कगार पर है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर को इन युद्ध में यूएनआरडब्ल्यूए के 35 स्टाफ सदस्यों की जान चली गई है और 18 घायल हो गए हैं.

हो रही है ईंधन की कमी 

UNRWA ने ईंधन की कमी को लेकर सख्त चेतावनी जारी की है. तत्काल ईंधन वितरण के बिना, एजेंसी गाजा में अपनी सेवाएं नहीं दे सकती है, उन्हें इसे बंद करना होगा. हालांकि खाना, पानी और दवा की कुछ सीमित डिलीवरी की अनुमति दी गई है, लेकिन ईंधन की अनुमति नहीं दी गई है. क्योंकि इजरायल इस बात को लेकर संदेह में है कि ये ईंधन हमास आतंकवादियों को दिया जा सकता है. 


 

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