इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग में हजारों लोग मारे जा चुके हैं. अब इसी से जुड़ी एक ऑडियो इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने जारी किया है. इसमें मिलिट्री इंटेलिजेंस डायरेक्टरेट के एक सदस्य को गाजा में एक फिलिस्तीनी व्यक्ति से अपने परिवार की सुरक्षा के लिए खान यूनिस की ओर जाने का आग्रह करते हुए सुना जा सकता है. हालांकि, कॉल पर मौजूद व्यक्ति का दावा था कि ये काफी मुश्किल है क्योंकि हमास ने सड़कों को ब्लॉक कर रखा है.
IDF ने ये ऑडियो यह दिखाने के लिए जारी किया है कि कैसे आखिर हमास आम नागरिकों को ह्यूमन शील्ड या मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब हमास गाजा के आम नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग कर रहा है.
क्या है ह्यूमन शील्ड?
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के मुताबिक, आम नागरिकों का ह्यूमन शील्ड के रूप में इस्तेमाल करना भी वॉर क्राइम का ही हिस्सा है. इसकी एक व्याख्या यह है कि भारी आबादी वाले आम नागरिक क्षेत्रों के आसपास हथियार चलाना और अड्डे बनाना भी वॉर क्राइम है. विशेष रूप से स्कूल, अस्पताल या मस्जिद या उन सुविधाओं के पास में जिन्हें जिनेवा कन्वेंशन के अनुसार संरक्षित किया जाना चाहिए.
शुरू से हमास ले रहा आम नागरिकों का सहारा
इजरायल शुरू से ही गाजा में मौजूद हमास पर और दूसरे आतंकवादी समूहों पर ये आरोप लगा रहा है कि वे आम नागरिकों का इस्तेमाल ह्यूमन शील्ड के रूप में करते हैं. वे उनके पीछे छिपकर खुद की जान बचाते हैं.
इजरायल ने मौजूदा संघर्ष और 2014 के पिछले युद्ध में रणनीति के रूप में हमास के मानव ढाल का उपयोग करने के कई उदाहरणों का हवाला दिया है. इसमें दावा किया गया है कि हमास ने अपने मिलिट्री टनल सिस्टम और कमांड नेटवर्क के कुछ हिस्सों को गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल जैसी जगहों पर छिपाया है.
आम नागरिकों को होता है इससे नुकसान
पिछले शुक्रवार को आईडीएफ ने एक इन्फोग्राफिक जारी किया था जिसमें बताया गया था कि यह अस्पताल के अंतर्गत हमास का कमांड मुख्यालय है. अगले दिन, आईडीएफ और घरेलू सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने फुटेज जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि यह जानकारी हमास के आर्म्ड विंग के दो सदस्यों की पूछताछ से दी गई थी, ये वो लोग थे जिन्होंने इजरायल में घुसपैठ की थी. वे इस बात की पुष्टि करते दिखे हैं कि हमास के आतंकवादी आईडीएफ हमलों से खुद को बचाने के लिए गाजा पट्टी में अस्पतालों का सहारा ले रहे थे.