Israel-Hamas War: वो छह दिन जब रुक गई थी गज़ा में लड़ाई, जानिए युद्धविराम तक कैसे पहुंचे थे इज़राइल और हमास

Israel Hamas War: इसराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के एक साल बाद भी इसके रुकने की कोई संभावनाएं नहीं दिख रही हैं. लेकिन नवंबर 2023 में छह दिन के लिए इस युद्ध पर अस्थायी विराम लग गया था.

Israel Hamas War
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST
  • एक साल से जारी है इजराइल-हमास के बीच युद्ध
  • मारे जा चुके हैं 42000 से ज्यादा लोग

फलस्तीन की गज़ा पट्टी पर इजराइल और हमास के बीच जारी जंग (Israel-Hamas War) का एक साल पूरा हो चुका है. इजराइल की सैन्य कार्रवाई में करीब 20 लाख लोग विस्थापित हुए हैं जबकि कम से कम 42,000 लोग मारे जा चुके हैं. कुछ आंकड़ों के अनुसार मरने वालों की संख्या दो लाख के करीब भी है. लेकिन इस अंतहीन युद्ध और विनाश के बीच छह दिन ऐसे भी रहे थे जब इजराइल और हमास ने युद्ध बंद करने (Israel-Hamas Ceasefire 2023) का फैसला किया था. 

'सीज़फायर' तक कैसे पहुंचे थे इजराइल-हमास?
सात अक्तूबर 2023 को हमास ने इजराइल की सीमा में घुसकर 250 लोगों को बंदी बना लिया था. इनमें नागरिक और सैनिक दोनों शामिल थे. हमास ने इन बंदियों को छोड़ने के लिए इजराइल के सामने पेशकश रखी, जिसका नाम था 'एवरीवन फोर एवरीवन.' यानी हमास सभी इजराइलियों को रिहा करने के लिए तैयार था, बशर्ते इजराइल भी अपनी जेलों में बंद सभी फलस्तीनियों को रिहा कर दे. 

इस युद्ध के शुरू होने से पहले इजराइली जेलों में 5200 फलस्तीनी नागरिक कैद थे. लेकिन हमले के बाद इजराइल ने बड़ी संख्या में फलस्तीनियों को डिटेन करना शुरू कर दिया. यहां तक कि दो ही हफ्तों में इजराइली जेलों में बंद फलस्तीनियों की संख्या 10,000 के पार पहुंच गई. इजराइल के नागरिक इस समझौते के लिए तैयार थे. विदेश मंत्री योव गैलेंट ने शुरुआत में इस समझौते का विरोध किया लेकिन बाद में दोनों पक्ष कैदियों के आदान-प्रदान के लिए राज़ी हो गए.

क्या थीं सीज़फायर की शर्तें? 
इजराइल और हमास के बीच इस समझौते की अगवानी कतर, मिस्र और अमेरिका ने की थी. हफ्तों की कोशिश के बाद 22 नवंबर को दोनों पक्ष चार दिन के लिए युद्ध रोकने को लेकर राज़ी हुए. इस सीज़फायर की शर्तें कुछ यूं थीं:

दोनों पक्ष लड़ाई को चार दिन के लिए रोकने पर सहमत हुए थे.

बदले में, हमास 237 बंदियों में से 50 नागरिक महिलाओं और बच्चों को रिहा करने पर सहमत हुआ था.

समझौते के तहत इजराइल भी अपनी जेलों से 150 फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को रिहा करने पर सहमत हुआ था.

कतर ने कहा था कि इस समझौते से गजा में आर्थिक मानवीय सहायता में बढ़ोतरी होगी. 

इजराइल ने कहा था कि अगर हमास हर दिन 10 अतिरिक्त बंधकों को रिहा करता है तो वह सीज़फायर की अवधि बढ़ाने को भी तैयार है. 

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा हुआ कि युद्ध 23 नवंबर की रात को ही रुक जाएगा, हालांकि सीज़फायर 24 नवंबर से शुरू हुआ. कतर के विदेश मंत्रालय ने 27 नवंबर को घोषणा की कि सीज़फायर दो दिन के लिए बढ़ा दिया गया है, जिसमें 20 इजराइली और 60 फलस्तीनियों को रिहा किया जाएगा. ये दो दिन खत्म होने से पहले 30 नवंबर को भी युद्धविराम रखने की घोषणा की गई.

सीज़फायर का हुआ था उल्लंघन भी
युद्धविराम के पहले ही दिन इजराइली सेना ने उत्तरी गज़ा में अपने घरों को लौटने की कोशिश कर रहे सैकड़ों फलस्तीनियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो की मौत भी हो गई थी और 11 लोग घायल हुए थे. यह घटना तब हुई जब कई लोग अपना सामान वापस लेने के लिए घर लौट रहे थे. आईडीएफ ने पर्चे गिराकर फलस्तीनियों को वापस न लौटने की चेतावनी दी थी लेकिन कपड़ों और भोजन की कमी की वजह से लोगों ने गज़ा में अपने घर लौटने का फैसला किया था.

दिसंबर में खत्म हो गया था समझौता
आखिर एक दिसंबर को यह संघर्ष विराम खत्म हो गया. हमास ने आरोप लगाया कि कि इजराइल ने संघर्ष विराम को बढ़ाने के लिए बंधकों की अदला-बदली से इनकार कर दिया. इसके बाद हमास ने स्देरोत में रॉकेट लॉन्च किए. इजराइल ने इसके जवाब में गज़ा पर हमला किया था जिसमें 20 लोगों की मौत हुई थी.

दो दिसंबर तक दोनों पक्षों के बीच बातचीत भी पूरी तरह बंद हो गई. इजरायली प्रतिनिधिमंडल ने बात बिगड़ने के बाद कतर भी छोड़ दिया था. हमास ने घोषणा की थी कि वे युद्ध के अंत तक किसी भी बंधक को रिहा नहीं करेंगे. उस दिन के बाद से गज़ा में इजराइल की सैन्य कार्रवाई खत्म नहीं हुई है.

गज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि करीब 42,000 लोग इस संघर्ष में मारे जा चुके हैं, जबकि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार मरने वालों की संख्या इससे कई गुना ज्यादा है. इजराइल का दावा है कि उसने इस युद्ध में 17,000 हमास लड़ाकों को मार दिया है, जबकि उसके 726 सैनिक मारे गए हैं और 4,576 सैनिक घायल हुए हैं. हाल ही में इजराइल को 8.7 अरब डॉलर देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी लगातार युद्धविराम की तसदीक की है लेकिन फिलहाल इसके कोई आसार नजर नहीं आ रहे. 

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