Israel Hamas War: ये Houthis कौन हैं? जो हमास और Hezbollah के बाद इजरायल के लिए बने सिरदर्द

इजरायल और हमास युद्ध में तीसरी ताकत की इंट्री हुई है. यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया. हूती विद्रोहियों का गढ़ यमन की राजधानी सना इजरायल से 1000 मील दूर है. हूतियों का उदय 1980 के दशक में हुआ था. ईरान हूती विद्रोहियों का समर्थन करता है.

हूती विद्रोहियों ने इजरायल पर मिसाइलों से हमला किया
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:39 AM IST

इजरायल और हमास के बीच युद्ध बीते 3 हफ्तों से चल रहा है. इस युद्ध में एक और इस्लामी गुट की इंट्री हुई है. यमन की तरफ से इजरायल पर मिसाइलें दागी गई हैं. कहा जा रहा है कि यमन के हूती विद्रोहियों ने मिसाइलें लॉन्च की है. हालांकि इजरायल के एरो एयर डिफेंस सिस्टम ने इस हमले को नाकाम कर दिया. लेकिन इस हमले से मिडिल-ईस्ट का संकट और गहरा गया है. हूती विद्रोही अपनी सत्ता के केंद्र सना से 1000 मील दूर इजरायल पर क्यों हमले कर रहे हैं? कौन हैं ये हूती विद्रोही? चलिए आपको बताते हैं कि इन हूती विद्रोहियों की पूरी कहानी बताते हैं.

कौन हैं हूती विद्रोही-
हूतियों का उदय 1980 के दशक में यमन में हुआ था. यह शिया मुस्लिमों का सबसे बड़ा आदिवासी संगठन है. इस संगठन का उदय सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा के विस्तार के विरोध में हुआ था. हूती अब्दुल्ला सालेह की आर्थिक नीतियों से नाराज थे, जिसकी वजह से यमन के उत्तरी क्षेत्र में असमानता बढ़ी थी. हूतियों ने 2000 के दशक में नागरिक सेना बनाई.

हूती विद्रोहियों का संघर्ष-
हूतियों ने साल 2004 से 2010 के बीच अब्दुल्ला सालेह की सेना से 6 युद्ध किए. साल 2011 में अरब ने इसमें हस्तक्षेप किया और युद्ध शांत हुआ. इसके बाद 2 साल तक बातचीत हुई. लेकिन इसमें असफलता हाथ लगी. इसके बाद हूतियों ने सऊदी अरब समर्थित लीडर अबेद रब्बो मंसूर हादी को सत्ता से बेदखल कर दिया. यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया. 
शिया समुदाय से आने वाले हूतियों की ताकत बढ़ती देख सुन्नी बहुल सऊदी अरब और यूएई में घबराहट बढ़ गई. उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से हूतियों के खिलाफ हमले शुरू कर दिए. इसका असर ये हुआ कि यमन युद्ध का मैदान बन गया.

हूती विद्रोहियों की सैन्य क्षमता-
साल 2019 के सितंबर महीने में पीटर सैलिसबरी और रेनाड मंसूर की एक रिपोर्ट के मुताबिक हूती विद्रोहियों के पास एक लाख 80 हजार से लेकर 2 लाख की सेना है. सेना के ये जवान टैंक चलाने, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल चलाने, लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल चलाने से लेकर तकनीकी वाहन तक को चलाने में सक्षम हैं. यमन की सेना के कुछ सैनिक भी हूतियों के साथ जुड़े हैं.

ईरान करता है हूतियों का समर्थन-
हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन है. दरअसल ईरान शिया बहुल देश है और हूती मुस्लिम भी इसी समुदाय से आते हैं. ईरान और सऊदी अरब का लंबे समय से विवाद चल रहा है. उधर, इजरायल और हमास युद्ध में ईरान हमास का समर्थन कर रहा है. इसी की चलते हूती विद्रोही भी हमास का समर्थन और इजरायल पर मिसाइल दाग रहे हैं.

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