Israel-Hamas War: इजरायल और हमास युद्ध के बीच गुजरात की इन दो लड़कियों के बारे में क्यों हो रही है चर्चा... इजरायली सेना का हैं हिस्सा

सात अक्‍टूबर को हमास ने इजरायल पर हमला किया था. ये जंग अभी भी जारी है. अब तक दोनों तरफ मिलाकर करीब तीन हजार लोगों की मौत हो चुकी है. इस भीषण जंग के बीच गुजराती मूल की दो लड़कियां भी सुर्खियों में बनी हुई हैं.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

7 अक्टूबर के हमास हमले के जवाब में इजराइल से गाजा पट्टी पर हवा, समुद्र और जमीन से भारी बमबारी जारी है. अब तक दोनों तरफ मिलाकर करीब तीन हजार लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच गुजराती मूल की दो महिलाएं सुर्खियों में हैं क्योंकि उन्होंने इजरायली सेना में सेवा करने के लिए हथियार उठाए थे. इन महिलाओं का नाम निशा और रिया है. कथित तौर पर, निशा संचार और साइबर सुरक्षा विभाग में तैनात हैं और फ्रंटलाइन यूनिट की प्रभारी भी हैं, जो चुनौतियों का डटकर मुकाबला करती हैं. रिया फिलहाल दुनिया की सबसे मजबूत सेना में स्थायी कमीशन पाने के लिए कमांडो ट्रेनिंग कर रही हैं.

किन लोगों के लिए है छूट
इन दोनों लड़कियों के पिता जीवाभाई मुलियासिया और सवदासभाई मुलियासिया जूनागढ़ के मनावदार तालुका के कोठाडी गांव के रहने वाले हैं. ये दोनों कई साल पहले इजरायल चले गए थे और वहां उन्होंने इजरायल नागरिकता ले ली थी. मुलियासियास सालों से इजरायल में बसे हुए हैं. जीवाभाई राजधानी तेल अवीव में एक जनरल स्टोर चलाते हैं. इजरायल में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए सेना में भर्ती होना अनिवार्य है. केवल शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को इससे अलग रखा गया हैं. वहीं प्रदर्शन करने वाले कलाकारों और खिलाड़ियों में पुरुषों के लिए 2 साल और आठ महीने और महिलाओं के लिए दो महीने की अनिवार्य भर्ती अवधि में 75 प्रतिशत की छूट दी गई है. इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF)में पुरुषों और महिलाओं की संख्या लगभग बराबर है.

देनी होती है आर्मी में सेवा
मुलियासिया ने यह भी बताया कि इजरायल की शिक्षा प्रणाली बच्चों में नेतृत्व गुणों को बढ़ावा देती है. निशा पिछले दो सालों से लेबनान, सीरिया, जॉर्डन और मिस्र की सीमाओं पर तैनात रह चुकी हैं. वह गश डेन में भी तैनात थी. यह वह जगह है जहां से इजरायल की सेना ने साल 2021 में गाजा में हमास पर हमला किया था. फिलहाल वो दोनों विदेश में हैं और इस युद्ध का हिस्‍सा नहीं है. इजरायल बड़ी संख्या में गुजरातियों का घर है. गुजराती व्यापार, शिक्षा और रोजगार जैसी कई वजहों से देश में आते हैं. इजरायल में, एक नियम है जिसके तहत पुरुषों और महिलाओं दोनों को कम से कम 24 से 32 महीने तक आईडीएफ में सेवा करना अनिवार्य होता है. गुजरात के कोठडी गांव के कई लोग 30 से 35 सालों से इजरायल में रह रहे हैं. ये सभी इस समय सुरक्षित हैं. विभिन्न मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी और उनकी पत्नी अंजलिबेन ने अपनी पिछली यात्रा के दौरान तेल अवीव में जीवाभाई के आवास का दौरा किया था.

वहीं ​निशा मुनियासिया की चचेरी बहन रिया मुनियासिया भी गुजरात की रहने वाली हैं. वह हाल ही में अपना स्कूल खत्म करने के बाद आईडीएफ में शामिल हुई हैं. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ही रिया को स्थायी कमान सौंपी जाएगी. मुनियासिया परिवार को गर्व है क्योंकि उनकी बेटियां युद्ध के दौरान इजरायली सेना की सेवा कर रही हैं.

ईरान ने दी धमकी
इजरायल ने गाजा में हमास के आतंकियों के ठिकाने पर हमला और तेज कर दिया है. इसे लेकर अब ईरान ने इजरायल को धमकी दी है. ईरान ने कहा है कि अगर इजरायल ने गाजा पर जारी हमले बंद नहीं किए तो अन्य मोर्चे पर युद्ध शुरू हो सकता है. संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जानकारी दी गई है कि उत्तरी गाजा में 11 लाख लोगों को स्थान छोड़ने का आदेश दिया गया है.

 

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