इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच जंग अभी भी जारी है. हालांकि, कई बार इस जंग को रोकने के लिए कई प्रयास किए जा चुके हैं. अब इसी कड़ी में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने हमास की सीजफायर वाली शर्तों (Three-Stage Ceasefire) को खारिज कर दिया है. इजरायल के पीएम ने इन शर्तों को ‘भ्रामक’ बताकर कहा कि गाजा पर हमास के कंट्रोल को खत्म करने के लिए युद्ध जारी रहेगा. हमास स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अबतक 27,700 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं और कम से कम 65,000 घायल हुए हैं.
हमास और इजरायल बीच चल रही शत्रुता को रोकने की पहल
दरअसल, मौतों की बढ़ती संख्या के बीच में हमास ने इजरायल के साथ चल रही दुश्मनी को रोकने के लिए तीन-चरणीय पहल का प्रस्ताव रखा था. जिसमें 45-45 दिनों तक चलने वाले लगातार तीन सीजफायर शामिल थे. हालांकि, युद्ध विराम वाले इस डॉक्यूमेंट की एक कॉपी रॉयटर्स को मिली है.
युद्धविराम प्रस्ताव (ceasefire proposal) तब पेश किया गया जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने इजरायल की यात्रा की थी. इसमें सऊदी अरब ने अपने रुख की पुष्टि करते हुए कहा था कि वह इजरायल के साथ संबंधों को तब तक सामान्य नहीं करेगा जब तक कि वे एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य को स्वीकार नहीं करते हैं.
क्या है तीन स्टेज वाला ये सीजफायर प्लान?
पहले चरण में, हमास ने इजरायली जेलों में बंद फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों के बदले में इजरायली महिला बंधकों, 19 साल से कम उम्र के लड़कों और बीमार या बुजुर्ग व्यक्तियों की रिहाई का प्रस्ताव रखा था. इसके अलावा, इजरायल अपने सैन्य बलों को आबादी वाले क्षेत्रों से हटा लेगा, और पुनर्निर्माण के प्रयास, विशेष रूप से अस्पतालों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, गाजा में शुरू होंगे.
वहीं, दूसरे चरण में बचे हुए पुरुष बंधकों की रिहाई और गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी शामिल होगी.
तीसरा चरण दोनों पक्षों के मारे गए व्यक्तियों के शवों और अवशेषों के आदान-प्रदान पर केंद्रित होगा. इस 135 दिन की अवधि के माध्यम से, हमास इसी समझौते पर बातचीत करना चाहता था.
लोगों के दबाव का सामना करना पड़ रहा है
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने हमास की मांगों को 'थोड़ा ज्यादा' बताया है. लेकिन कहा है कि बातचीत जारी रहेगी. इस बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अपनी सरकार के भीतर ही कुछ लोगों के दबाव का सामना करना पड़ रहा है. ये वो लोग हैं जो चाहते हैं कि इजरायल हमास की इन शर्तों को मानें. इनमें बंधकों के कुछ परिवार वाले भी शामिल हैं.
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