Israeli Hostages: कुर्सी पर सोना, टॉयलेट के लिए लंबा इंतजार, बेतरतीब खाना... Gaza में बंधकों ने ऐसे गुजारा दिन

Hamas free Hostages Story: गाजा में 50 दिनों से बंधक बनाए गए इजरायल के 13 लोग शुक्रवार को रिहा किए गए. उस दौरान वो बाहरी दुनिया से पूरी तरह से कट गए थे. उनको कुर्सियों पर सोना पड़ा था, टॉयलेट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था.

Israeli Hostages
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:07 AM IST

हमास ने बंधक बनाए गए 39 इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया है. जिसके बदले में 117 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा गया है. 7 अक्टूबर को बंधक बनाए गए इजरायलियों का गाजा में 50 दिन कैसे बीता? कैसे उनको रखा गया था? खाने में उनको क्या मिलता था? कैद से रिहा हुए बंधकों ने अपने रिश्तेदारों को आपबीती बताई.

कुर्सियों में सोते थे बंधक-
गाजा में एक महिला अपने बेटे के साथ बंधक बनाई गई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रिहाई के बाद उस महिला ने अपने रिश्तेदार को बताया कि वो एक साथ रखी कुर्सियों पर सोते थे. एक 85 साल की महिला ने दिन गिनने का जिक्र किया. ये महिलाएं रिहा की गईं 13 बंधकों में शामिल हैं. हमास की कैद से छुड़ाए गए बंधकों ने सीधे तौर पर मीडिया से बात नहीं की. ज्यादातर लोगों का इजरायल के अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

बंधकों के साथ क्या हुआ?
बंधकों को रिश्तेदारों ने बताया कि कैद से रिहा हुए लोग काफी दुबले हो गए हैं. 54 साल के केरेन मुंडेर भी हमास के कैद से रिहा हुए हैं. उनके साथ उनके 9 साल के बेटे ओहद मुंडेर जिचरी और उनकी 78 साल की मां रूथ मुंडेर को भी रिहा किया गया है. केरेन मुंडेर के चचेरे भाई मेरव मोर रवीव ने बताया कि उनको खाना मिल मिल रहा था, लेकिन नियमित तौर पर नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि उनको चावल और रोटी खाने को दी गई. बंधक बनाए गए कैदी केरेन ने उनको बताया कि उनका और उनकी मां का वजन 6-8 किलोग्राम कम हो गया है. रिश्तेदार ने बताया कि उनको रिसेप्शन रूम में सोने के लिए जगह दी गई थी. उन्होंने सोने के लिए 3 कुर्सियों को जोड़कर बेंच बनाई. इतना ही नहीं, रिश्तेदार ने बताया कि जब बंधक बाथरूम जाना चाहते थे, तो उन्हें दरवाजा खटखटाना पड़ता था और इंतजार करना पड़ता था. कभी-कभी तो उनको दो-दो घंटे तक इंतजार करना पड़ता था.

85 साल की महिला का वजन घट गया-
हमास से कैद से रिहा हुए बंधकों में अदवा अदार की 85 साल की दादी याफा अदार भी शामिल थीं. उन्होंने बताया कि उनकी दादी का वजन कम हो गया था और उनको पता था कि उनको 50 दिनों तक बंधक बनाया गया था. क्योंकि वो दिनों की गिनती कर रही थी. रविव ने बताया कि बंधक कितने अलग-थलग थे, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रूथ मुंडेर को रिहा होने के बाद पता चला कि उनके बेटे को 7 अक्टूबर को हमले में मार दिया गया था. रूथ मुंडेर ने मान लिया था कि उनके पति अवराम मुंडेर को मार दिया गया होगा. लेकिन रिहाई के बाद उनको बताया गया कि वो बच गए हैं.

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