जापान के 8 अगस्त को 7.1 तीव्रता का भूकंप आया. जिसके बाद मौसम विभाग ने महाभूकंप की चेतावनी जारी की. इस एडवाइजरी में कहा गया है कि समंदर के नीचे नानकाई घाटी में भारी भूकंप आ सकता है. जिसकी वजह से दक्षिण-पश्चिम इलाके प्रभावित हो सकते हैं. हालांकि भूकंप का कोई समय नहीं बताया गया है. इसमें ये बताया गया है कि कभी भी भूकंप आ सकता है. ये भी कहा गया है कि इसका मतलब ये नहीं है कि एक तय समय में निश्चित ही भूकंप आएगा.
क्या है नानकाई घाटी-
नानकाई घाटी समंदर के अंदर 900 किलोमीटर लंबा एक सबडक्शन जोन है, जहां यूरेशियन प्लेट फिलीपीन सागर प्लेट से टकराती है. इससे टेक्टोनिक स्ट्रेस होता है, जो महाभूकंप का कारण बनता है. इससे 8 तीव्रता से अधिक का भयानक भूकंप आता है.
साल 2023 में नेचर जर्नल में एक स्टडी छपी थी. जिसमें बताया गया था कि इस टकराव से हर 100 से 150 साल में एक बार बड़ा भूकंप आया है. भूकंप के झटके आपतौर पर जोड़े में आए हैं. दूसरा बड़ा भूकंप 2 साल के अंतराल पर आते हैं. हाल में ये जुड़वां भूकंप साल 1944 और साल 1946 में आए थे.
यूएस जियोलॉजिकल सुर्वे के मुताबिक 8 अगस्त को आया 7.1 तीव्रता का भूकंप नानकाई घाटी के पास आया था. विशेषज्ञों का मानना है कि अगला भूकंप का झटका भयानक और विनाशकारी हो सकता है.
भूकंप आया तो क्या होगा-
जनवरी 2022 में जापान की भूकंप रिसर्च कमेटी ने कहा था कि अगले 30 साल में 8-9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है. इसकी आशंका 70 फीसदी है. इस तरह के भूकंप के झटके सेंट्रल शिजुओका (Shizuoka) से मियाजाकी तक महसूस किए जा सकते हैं. इस भूकंप के कुछ मिनटों में ही 98 फीट ऊंची सुनामी लहरें प्रशांत तट तक पहुंच सकती हैं.
साल 2013 की एक सरकारी रिपोर्ट में बताया गया कि नानकाई घाटी में आया एक बड़ा भूकंप जापान के एक तिहाई हिस्से को प्रभावित कर सकता है. इस हिस्से में जापान की करीब आधी आबादी यानी 120 मिलियन से अधिक लोग रहते हैं. इस भूकंप की वजह से 1.5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है.
भूकंप की भविष्यवाणी संभव है?
भूकंप की सटीक भविष्यवाणी संभव नहीं है. क्योंकि भूकंप की भविष्यवाणी के लिए धरती के अंदर से एक सिग्नल की जरूरत होती है, जिसमें ये पता चल सके कि एक बड़ा भूकंप आने वाला है. ये सिग्नल भी बड़े भूकंप के पहले मिलना चाहिए. अभी तय ऐसा कोई डिवाइस नहीं बना है, जो ऐसा सिग्नल दे सके. जापान के मौसम विभाग एजेंसी ने महाभूकंप की सिर्फ चेतावनी दी है. यह कोई भविष्यवाणी नहीं है. इसका साइंस से कुछ भी लेनादेना नहीं है.
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