क्या कोई ऐसा भी हो सकता है जो हंसना भूल जाए...जी हां जापान के लोग हंसना भूल चुके हैं और इन दिनों वे हॉलीवुड स्माइल की ट्रेनिंग ले रहे हैं. टोक्यो आर्ट स्कूल के छात्र अपने चेहरे पर मिरर लगाकर मुंह के किनारों को उंगलियों से ऊपर की ओर खींचते हुए देखे जा सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कैसी ट्रेनिंग है तो तो हम बता दें जापान के ये बच्चे मुस्कुराने यानी हॉलीवुड स्माइल की प्रैक्टिस कर रहे हैं.
क्यों हंसना भूल गए जापानी लोग
हॉलीवुड स्माइल एक कॉस्मेटिक डेंटल प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की मुस्कान को बेहतर बनाने की कोशिश करती है, जिससे वो दिखने में ज्यादा आकर्षक लगे. हालांकि ये ऐसा कुछ नहीं है जिसके लिए लोगों को किसी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की जरूरत पड़े... हंसना तो इंसान जन्म लेने के साथ ही सीख जाता है लेकिन जापानी लोग पैसे देकर हंसने की कला सीथ रहे हैं. जापान में smile instructor की डिमांड कोविड के बाद से बहुत बढ़ी है. कोविड के कारण यहां के लोगों ने 3 साल अपना चेहरा मास्क के अंदर छुपाकर रखा और यही वजह है कि जापानी मुस्कुराना तक भूल गए.
एक घंटे की ट्रेनिंग के लिए खर्च कर रहे 5000 रुपये तक
जापान में कोई अपनी जॉब के लिए हंसना सीख रहा है तो कोई अपनी मानसिक शांति के लिए. कवानो की कंपनी "स्माइल एजुकेशन" की मांग पिछले साल की तुलना में चार गुना बढ़ गई है. यहां एक घंटे की ट्रेनिंग के लिए 7,700 येन (भारतीय रुपयों में करीब 4,544 रुपये) चार्ज किए जाते हैं.
डर की आंशका से कम मुस्कुराते हैं जापानी
कोविड से पहले भी वायरल के मौसम में जापान में मास्क लगाना अनिवार्य था. ज्यादातर जापानी लोग अभी भी मास्क पहनते हैं. NHK के आंकड़ों के मुताबिक केवल 8% जापानी ही ऐसे हैं जिन्होंने मास्क पहनना पूरी तरह से बंद कर दिया है. जापान के लोगों को हॉलीवुड स्टाइल स्माइलिंग टेक्नीक सिखाई जा रही है. सुरक्षा की भावना के कारण जापानी लोग पश्चिमी लोगों की तुलना में कम मुस्कुराते हैं. इसलिए जापानी लोग मुस्कुराने के लिए कोच की मदद ले रहे हैं. टीवी और सोशल मीडिया की जानी-मानी शख्सियत कवानो ने पिछले छह सालों में 4,000 से ज्यादा लोगों को मुस्कुराने की कला सिखाई है.