राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के खिलाफ हुई डिबेट में डोनाल्ड ट्रम्प (Kamala Harris vs Donald Trump) कई बार अपने संदेश से भटकते नजर आए. चीन और इमिग्रेशन जैसे मुद्दों पर ट्रम्प की बातें सुनकर लगा कि उनके पास जनता के सामने पेश करने के लिए कोई दावे नहीं हैं. इन सब बातों के बीच ट्रम्प ने कई ऐसी बातें भी बोलीं जो बेबुनियाद थीं. कई बार तो डिबेट आयोजित करने वाले एबीसी न्यूज के एंकर्स ने ट्रम्प को मौके पर ही टोक दिया.
पहला झूठ : अमेरिका में आ रहे अपराधी शरणार्थी
ट्रम्प-कमला के बीच डिबेट की शुरुआत अमेरिकी अर्थव्यवस्था से शुरू हुई. लेकिन ट्रम्प ने इमिग्रेशन को देश के लिए एक बड़ी चिंता बताने में ज्यादा समय व्यर्थ नहीं किया. ट्रम्प ने दावा किया कि दूसरे देश 'पागलखानों और जेलों से' लोगों को गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका भेज रही हैं. यह दावा गलत था. ट्रम्प के कैंपेन ने भी इस दावे के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया है.
अमेरिकी फैक्ट चेक एजेंसी पॉलिटीफैक्ट के अनुसार, अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने 2021 से 2024 के बीच 1,03,700 ऐसे गैर-अमेरिकी नागरिकों को गिरफ्तार किया जिनके ऊपर अमेरिका या दूसरे देशों में आरोप साबित हो चुके थे. इनमें से कुछ लोगों को ही अमेरिका में प्रवेश करने दिया गया. ध्यान देने वाली बात यह है कि इन गिरफ्तारियों में वे लोग भी शामिल हैं जो कानूनी तौर पर अमेरिका आए थे.
दूसरा झूठ : कमला हैरिस मार्क्सिस्ट हैं
ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस को मार्क्सिस्ट कहा. उन्होंने कहा कि कमला के पिता डोनाल्ड जे. हैरिस भी मार्क्सिस्ट थे. क्या यह दावा सच है? दरअसल कमला के पिता स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी के इकोनॉमिक्स विभाग में प्रोफेसर थे. द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी के अखबार ने 1976 में डॉ हैरिस को एक ऐसे प्रोफेसर के तौर पर परिभाषित किया था जो "बच्चों को नियो-क्लासिकल इकोनॉमिक्स" से दूर ले जा रहा है.
कमला ने हालांकि कभी भी अपने पिता की विचारधारा से खुद को नहीं जोड़ा. उन्होंने हमेशा यह दावा किया है कि वह एक कैपिटलिस्ट हैं. इस चुनाव के लिए उन्हें बड़ी कंपनियों के 80 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का समर्थन भी मिला है जो उन्हें 'व्यवसायी समर्थक' बताते हैं.
तीसरा झूठ : शिशुओं को मारना चाहते हैं डेमोक्रेट
जब बात अबॉर्शन की आई तो ट्रम्प ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी नौंवे महीने में भी अबॉर्शन के अधिकार का समर्थन करती है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता नवजात शिशुओं को मारने का भी समर्थन करते हैं.
पॉलिटीफैक्ट के अनुसार, अमेरिकी के हर राज्य में किसी नवजात शिशु की हत्या करना अपराध है. गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में गर्भपात की घटनाएं बहुत कम होती हैं. ऐसी घटनाएं ज्यादातर होती भी तब हैं जब गर्भवती महिला किसी जानलेवा मेडिकल इमरजेंसी में फंसी हो.
ज्यादातर डेमोक्रेट करीब 24वें हफ्ते यानी दूसरी तिमाही के अंत तक अबॉर्शन का समर्थन करते हैं.
चौथा झूठ : वे हमारे जानवर खा रहे हैं.
अमेरिका के ओहायो राज्य के स्प्रिंगफील्ड शहर को लेकर हाल ही में एक अफवाह उड़ी कि हैती से आए शरणार्थी वहां स्थानीय लोगों के पालतू जानवरों को अगवा कर खा रहे हैं. ट्रम्प ने डिबेट के दौरान इस बात को दोहराया भी. उन्होंने कहा, "आप देखिए स्प्रिंगफील्ड, ओहायो में क्या हो रहा है. स्प्रिंगफील्ड में वो कुत्ते खा रहे हैं. जो लोग बाहर से आए हैं वे बिल्लियां खा रहे हैं. वे स्थानीय लोगों के पालतू जानवर खा रहे हैं."
ट्रम्प ने भले ही हैती से आए लोगों का नाम नहीं लिया, लेकिन वह साफ तौर पर उसी अफवाह के बारे में बात कर रहे थे. द न्यूयॉर्क टाइम्स ने पुष्टि की है कि स्थानीय अधिकारियों को इस तरह की घटनाओं का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है. जब एबीसी न्यूज के एंकर डेविट म्यो ने डिबेट में यह दावा सुना तो उन्होंने ट्रम्प से सबूत पेश करने के लिए कहा. ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने यह "टीवी पर लोगों के मुंह से सुना था."
पांचवां झूठ : पुलिस से फंड वापस लेना चाहती हैं कमला
ट्रम्प ने कहा कि कमला हैरिस अमेरिकी पुलिस की फंडिंग रोकना चाहती हैं. उनका यह दावा भ्रामक है और कमला के एक पुराने बयान को तोड़-मरोड़कर बताता है. कमला ने 2020 में मिनियापोलिस के एक पुलिस अफसर के हाथों जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद सामाजिक सुरक्षा पर पुनर्विचार करने की बात कही थी.
जब कमला से 'डिफंड द पुलिस' नाम के आंदोलन के बारे में सवाल किया गया था, तो उन्होंने कहा था कि सामाजिक सुरक्षा के ढांचे और पुलिस बजट पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने लॉस एंजिलस के मेयर के उस प्रस्ताव का भी स्वागत किया था जिसमें पुलिस बजट के एक हिस्से को सामुदायिक कामों में खर्च करने की बात कही गई थी.
इस डिबेट के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों का एक और अहम पड़ाव पार हो गया है. अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान पांच नवंबर को होंगे. चुनावों के नतीजे आने में कितना समय लगेगा, इसकी अभी पुष्टि नहीं की जा सकती.