पाकिस्तान में संसद भंग मामले की सुनवाई करने वाली बेंच के जजों के बारे में जानिए

पाकिस्तान में संसद भंग का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल की अगुवाई में 5 सदस्यीय टीम सुनवाई कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान का सियासी भविष्य टिका है.

SC bench formed over dissolution of Pak National Assembly
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST
  • 5 जजों की बेंच कर रही है संसद भंग मामले की सुनवाई
  • चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल की अगुवाई में सुनवाई

पाकिस्तान में संसद भंग मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है. कल सुनवाई के दौरान पीएमएल-एन के वकील मकदूम अली खान ने कई दलीलें दी. उन्होंने कहा कि पूर्व चीफ जस्टिस को कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाना अदालत को प्रभावित करने की कोशिश है. इसके बाद सुनवाई आज तक के लिए टाल दी गई. आज फिर मामले की सुनवाई हो रही है.
संसद भंग मामले की सुनवाई 5 जजों की बेंच कर रही है. इस बेंच में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल के अलावा जस्टिस इजाजुल अहसन, न्यायमूर्ति मोहम्मद अली मजहर, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और जस्टिस जमाल खान मंडोखाइल शामिल हैं. इमरान खान और पाकिस्तान की सियासत का भविष्य तय करने वाले इन जजों के बारे में जान लीजिए...

चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल-
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल संसद भंग मामले की सुनाई करने वाले बेंच की अगुवाई कर रहे हैं. जस्टिस उमर 16 सितंबर 2023 तक चीफ जस्टिस रहेंगे. बंदियाल उस वक्त चर्चा में आए थे जब मुशर्रफ को चुनौती दी थी. साल 2017 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान में आपातकाल लगा दिया था. इसके बाद पीसीओ एक्ट के तहत बंदियाल से दोबारा शपथ लेने को कहा गया. लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था. इसको लेकर वो काफी सुर्खियों में रहे. जस्टिस उमर कई बार अपनी टिप्पणियों से चर्चा में रहे हैं.

जस्टिस इजाजुल अहसन-
जून 2016 से इजाजुल अहसन पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीश हैं. इससे पहले अहसन लाहौर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे.  साल 2009 में लाहौर हाई कोर्ट के वकीलों का बड़ा आंदोलन हुआ था. उसके बाद ही इजाजुल अहसन को हाई कोर्ट में जज बनाया गया था. वो पाकिस्तान की सबसे पुरानी कानूनी फर्म सीएलएम में सहयोगी की भूमिका निभाई है.

मजहर आलम मियांखेल-
सुप्रीम कोर्ट के बेंच में जस्टिस मजहर आलम मियांखेल भी हैं. मजहर आलम इससे पहले पेशावर हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस थे. वो साल 2011 से 2014 तक हाईकोर्ट में जज रहे हैं. मजहर ने साल 1979 में गोमल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. साल 1982 में कानून की डिग्री ली है. निचली अदालतों में वकील के तौर पर काम किया और दो साल की प्रैक्टिस के बाद हाई कोर्ट में वकील बन गए. मजहर डीआई खान जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

मुनीब अख्तर-
मुनीब अख्तर मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने. मुनीब पाकिस्तान के पूर्व कानून मंत्री खालिद अनवर के दामाद हैं. मुनीब साल 1986 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में बीए किया है.

जमाल खान मंडोखाइल-
जमाल खान 9 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने. इससे पहले वो बलूचिस्तान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके थे. जमाल अक्टूबर 2019 से अगस्त 2021 तक हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रहे.

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