22 साल पहले आज के दिन यानी 11 सितंबर 2001 को अमेरिका ने अपने इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला झेला था. इस हमले में करीब 3 हजार लोगों की मौत हुई थी. इस हमले के लिए आतंकियों ने 4 विमानों को हाईजैक किया था. न्यूयॉर्क के मशहूर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर से 2 विमान टकराए. जबकि एक प्लेन अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के पेंटागन पर क्रैश हुआ था. चौथे विमान से हमला नाकामयाब हो गया था, क्योंकि ये विमान पेंसिल्वेनिया के एक खेत में क्रैश हो गया था.
कैसे हुआ अमेरिका पर हमला-
11 सितंबर 2001 को सुबह सबकुछ नॉर्मल था. लेकिन सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर अमेरिकन एयरलाइंस का एक विमान न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर से टकराया. इसके ठीक 17 मिनट बाद 9 बजकर 3 मिनट पर यूनाइटेड एयरलाइंस का एक विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के साउथ टॉवर से टकराया. आधे घंटे के भीतर हुए 2 हमलों से अमेरिका को दहशत में ला दिया. सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट हो गई. लेकिन अभी और भी बहुत कुछ होने वाला था.
सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर एक और विमान हाईजैक हुआ था, जो सुबह 9 बजकर 37 मिनट पर अमेरिकी डिफेंस हेडक्वार्टर पेंटागन पर क्रैश हो गया. 3 विमानों से हमले से पूरा अमेरिका सकते में आ गया था. इन हमलों के बाद अमेरिका में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया. इस बीच 8 बजकर 42 मिनट पर यूनाइटे एयरलाइंस का एक और विमान हाईजैक हो गया था. इसकी जानकारी नहीं मिल रही थी. सुबह 10 बजकर 3 मिनट ये विमान पेंसिल्वेनिया के एक खेत में क्रैश हो गया था. इस तरह से 4 विमानों से अमेरिका पर हमला किया गया था. इस हमले के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया था. अमेरिका पूरी तरह से अलर्ट हो गया था.
3 घंटे तक हवा में उड़ता रहा बुश का प्लेन-
जब अमेरिका इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला झेल रहा था तो अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश फ्लोरिडा के एक स्कूल में बच्चों के साथ बातचीत कर रहे थे. तभी उनके पास व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ एंड्रयू कार्ड पहुंचे और कहा कि अमेरिका इज अंडर अटैक. इसके बाद राष्ट्रपति को स्कूल से बाहर लाया गया. यहीं से जॉर्ज बुश ने देश को संदेश दिया. उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके बाद राष्ट्रपति वॉशिंगटन के लिए एयरफोर्स वन से रवाना हो गए. 3 घंटे 10 मिनट तक अमेरिकी राष्ट्रपति बुश का प्लेन हवा में उड़ता रहा. इसके साथ ही एयरफोर्स वन के आसपास 2 लड़ाकू विमानों को उड़ने का आदेश दिया गया था.
एक हजार फीट नीचे बंकर में भेजे गए थे उपराष्ट्रपति-
इस हमले के फौरन बाद अमेरिकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी को व्हाइट हाउस के अंडर ग्राउंड बंकर में शिफ्ट किया गया था. यह बंकर जमीन से एक हजार फीट नीचे बना है. हवा से अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और बंकर से उपराष्ट्रपति डिक चेनी हालात को संभाल रहे थे. इसके बाद देश में इमरजेंसी लगा दी गई. इस दौरान अमेरिका में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया था. इसके साथ ही व्हाइट हाउस ने आसमान में उड़ते किसी भी एयरक्राफ्ट को मिसाइल से मार गिराने का आदेश दे दिया था.
3 हजार लोगों की हुई थी मौत-
इस हमले में करीब 3 हजार लोगों की मौत हुई थी. इस हमले में 77 देशों के नागरिकों की मौत हुई थी. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के हमले में 2763 लोगों की मौत हुई थी. जबकि पेंटागन के हमले में 189 लोगों की मौत हुई थी. जो प्लेन पेंसिल्वेनिया के खेत में गिरा था, उसमें 44 लोगों की जान गई थी. इस हमले में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से करीब 18 लाख टन मलबे को साफ करने और हटाने में 9 महीने का वक्त लग गया.
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