Sudan Crisis: कहीं बंदूक के दम पर लूट तो कहीं भूख से तड़पते लोग, सूडान की कहानी जानिए वहां से लौटे भारतीयों की जुबानी

बीते दस दिनों से सूडान सुलग रहा है. सूडान की राजधानी खार्तूम और देश के दूसरे हिस्सों में सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स आपस में भिड़ गए हैं. जिससे हालात बेकाबू दिख रहे हैं. ऐसे मुश्किल हालात में हिंदुस्तान. सूडान में रह रहे भारतीयों की सकुशल वतन वापसी की कोशिशों में जुटा है. सूडान में फंसे भारतीयों के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू कर दिया है. सूडान से वापस लौटे लोगों ने जो कहानी बताई है, वो काफी दिल दहलाने वाली है.

कहीं बंदूक के दम पर लूट तो कहीं भूख से तड़पते लोग, सूडान की कहानी जानिए वहां से लौटे भारतीयों की जुबानी
अनामिका गौड़
  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:01 PM IST
  • ऑपरेशन कावेरी के तहत हो रहा है रेस्क्यू
  • सूडान में अभी भी मौजूद हैं 3 हजार भारतीय

ऑपरेशन कावेरी, सूडान में फंसे भारतीयों की वतन वापसी का मेगा मिशन है. दरअसल सूडान में गृह युद्ध से हालात बेहद खराब हैं. ऐसे में ऑपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकाला जा रहा है. सूडान में जारी संकट के बीच सभी भारतीय बेहद मुश्किल हालात में फंसे हुए थे. खाने पीने की चिंता तो छोड़िए, ये हर वक्त यही दुआ कर रहे थे कि किसी तरह इस मुसीबत की घड़ी से निजात मिले.

ऑपरेशन कावेरी के तहत हो रहा है रेस्क्यू
अब जब भारत की ओर से ऑपरेशन कावेरी शुरू हो चुका है, जिसकी मदद से 360 भारतीयों को सुरक्षित तरीके से भारत लाया गया है. भारतीय वायुसेना और नौसेना की मदद से सूडान में फंसे लोगों को पहले आईएनएस सुमेधा की मदद से सूडान पोर्ट लाया गया, फिर C130J की मदद से लोगों को जेद्दा पहुंचाया गया. जेद्दा से कमर्शियल फ्लाइट से लोगों को दिल्ली सुरक्षित वापस लाया गया. 

सूडान में अभी भी मौजूद हैं 3 हजार भारतीय
पूरे सूडान में करीब 3,000 भारतीय हैं, जिन्हें भारत लाने का मिशन है. ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से रेस्क्यू किए गए लोगों में बड़ी तादाद में बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय पूरी ताकत के साथ ऑपरेशन कावेरी चला रहा है ताकि हर भारतीय सुरक्षित घर पहुंच सके. भारत में सूडान के राजदूत अब्दुल्ला ओमेर बशीर अल हुसैन का कहना है कि, "हमने भारतीयों को रेस्क्यू करना शुरू कर दिया है. हम भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. सूडान में करीब 3 हज़ार भारतीय मौजूद हैं. इनमें से कुछ वहां काम करते हैं. कुछ अलग-अलग वजहों से सूडान की यात्रा पर थे.

534 भी किया जा चुका है रेस्क्यू 
वॉर जोन से अब तक 534 भारतीयों का रेस्क्यू किया जा चुका है. इनमें 278 को INS Sumedha से और 256 को C-130J से लाया जा रहा है. विदेश मंत्रालय की टीम चौबीसों घंटे रेस्क्यू मिशन में जुटी है. जब तक प्रभावित क्षेत्र से आखिरी भारतीय को सकुशल बाहर नहीं निकाल लिया जाता. तब तक ऑपरेशन कावेरी जारी रहेगा.

सूडान युद्ध का आंखों देखा हाल
राहत और बचाव का काम युद्धस्तर पर जारी है. लेकिन युद्धक्षेत्र में फंसे लोग लगातार अपनों को मैसेज भेज रहे हैं. सरकार से खुद को जल्द से जल्द अपने देश पहुंचाने की अपील कर रहे हैं. इनकी मानें तो दिन पर दिन हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं. युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. कंट्रोल रूम से लगातार हालात पर नजर रखी जा रही है. बचाव इंतजामों की समीक्षा की जा रही है. ऐसे में जो भारतीय अपने वतन पहुंचे सबकी अपनी अपनी कहानी थी. वापस लौटने पर उन्होंने गुड न्यूज टुडे को बताया कि इस वक्त सूडान के हालात कुछ ऐसे हैं कि किसी के सिर पर भी बंदूक रखकर उसे लूटा जा रहा है. लोग जान बचा बचा कर एक शहर से दूसरे शहर भाग रहे हैं. लोग भूखे-प्यासे दिन काटने को मजबूर हो रहे हैं. अपनी आंखों के सामने लोग शहर जलते देख रहे हैं.

सूडान में क्यों छिड़ा है गृह युद्ध?
उत्तर पूर्वी अफ्रीका में मौजूद सूडान में गृहयुद्ध ने भारी तबाही मचा रखी है. सेना और मजबूत अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स ने अपने ही देश को जंग का मैदान बना दिया है. दो जनरल आमने सामने हैं. जिससे हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, जिस सेना और अर्धसैनिक बल को सूडान के हितों की रक्षा करनी थी. सूडान को दुश्मनों से बचाना था. वही सेना और अर्धसैनिक बल आपस में देश की सत्ता पर नियंत्रण के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस संघर्ष में खून बह रहा है सूडान के आम लोगों का.

 

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