जानें क्या है Lying-in-State जिसके दौरान आम जनता कर सकेगी Queen Elizabeth II के अंतिम दर्शन, कितनी टाइट होगी सुरक्षा

Queen Elizabeth II Death: लोग ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम दर्शन कर सकेंगे. बुधवार शाम 5 बजे से सोमवार 19 सितंबर को सुबह 6:30 बजे तक महारानी लाइंग-इन-स्टेट (Lying-in-State) में रहेंगी. रॉयल फैमिली ने इसे लेकर सभी जानकारी साझा कर दी हैं.

Queen Elizabeth
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST
  • क्वीन एलिजाबेथ के कॉफिन को शाही झंडे में लपेटा गया है
  • 19 सितंबर को सुबह महारानी का अंतिम संस्कार किया जाएगा

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) का निधन हो गया है. उनके जाने से एक युग का अंत हो गया है.महारानी लंदन के वेस्टमिंस्टर हॉल में बुधवार शाम 5 बजे से सोमवार 19 सितंबर को सुबह 6:30 बजे तक लाइंग-इन-स्टेट (Lying-in-State) में रहेंगी. जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. बता दें, महारानी का पार्थिव शरीर कॉफिन में रखा गया है. स्कॉटलैंड के बालमोरल कैसल (Balmoral Castle) में निधन के बाद महारानी के पार्थिव शरीर को छह घंटे की यात्रा के बाद सीधे एडिनबर्ग लाया गया. 

क्या है लाइंग-इन-स्टेट? 

दरअसल, लाइंग-इन स्टेट आमतौर पर किसी रानी-महारानी और कभी-कभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए आरक्षित होता है. ये एक औपचारिक अवसर होता है जिसके दौरान जनता उनके पार्थिव शरीर या कॉफिन के अंतिम दर्शन करते हैं. इसमें हजारों लोग आते हैं. क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम दर्शन के लिए भी लोग सकेंगे. इसे लेकर रॉयल फैमिली ने सारी जानकारी शेयर कर दी हैं. 

कब कर सकेंगे महारानी के अंतिम दर्शन?

स्कॉटलैंड के रॉयल रेजिमेंट के सैनिक दिवंगत महारानी के कॉफिन को होलीरूडहाउस पैलेस लेकर गए हैं. कुछ समय के लिए उनके पार्थिव शरीर को सेंट गिल्स कैथेड्रल भी ले जाया जाएगा. इसके बाद 13 सितंबर को महारानी के पार्थिव शरीर को आरएएफ नॉर्थहॉल्ट लाया जाएगा. उसी दिन शाम को महारानी के पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग के जरिए बकिंघम पैलेस ले जाया जाएगा. 

इसके बाद आखिरी चरण के तहत उनका पार्थिव शरीर वेस्टमिंस्टर पैलेस के वेस्टमिन्स्टर एबे (Westminster Abbey) लाया जाएगा, जहां अगले कुछ दिनों तक लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे. ब्रिटेन के समयानुसार 19 सितंबर को सुबह 11 बजे महारानी का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

बता दें, वेस्टमिंस्टर हॉल संसदीय संपत्ति की सबसे पुरानी इमारत है, यह 1099 की है. ये जगह प्रमुख घटनाओं का स्थल रही है- जैसे कि चार्ल्स I का ट्रायल, राज्याभिषेक भोज, और विश्व नेताओं के संबोधन आदि.

कैसे रखा जाएगा महारानी को लाइंग-इन-स्टेट में और क्या प्रतिबंधित होगा? 

क्वीन एलिजाबेथ के कॉफिन को शाही झंडे में लपेटा जाएगा. एक मुकुट और अन्य राजचिह्न पारंपरिक रूप से कॉफिन  के ऊपर रखे जाएंगे. बॉडीगार्ड से लेकर फुट गार्ड या घरेलू कैवेलरी माउंटेड रेजिमेंट की यूनिट द्वारा 24 घंटे इसकी देखरेख की जाती है. इसके अलावा, जिस तरह से एयरपोर्ट पर सुरक्षा होती है ठीक उसी से विजिटर्स को गुजरनी इतना ही नहीं, लोगों को मोमबत्ती, सॉफ्ट टॉय और फोटो सहित फूल या अन्य श्रद्धांजलि सामग्री लाने की अनुमति नहीं होगी. बैनर, झंडे, हैम्पर्स, कंबल और फोल्डेबल कुर्सियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. पैलेस ऑफ वेस्टमिंस्टर के भीतर फिल्म, फोटो, मोबाइल फोन या अन्य उपकरणों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा. 

ब्रिटेन में इससे पहले किसे रखा गया था लाइंग-इन-स्टेट में? 

ब्रिटेन में महारानी एलिजाबेथ से पहले उनकी मां क्वीन मदर को लाइंग-इन-स्टेट में साल 2002 में वेस्टमिंस्टर हॉल में रखा गया था. उसमें अनुमानित 200,000 लोग तीन दिनों में श्रद्धांजलि देने के लिए आए थे. 

गौरतलब है कि ब्रिटेन में लाइंग-इन-स्टेट की परंपरा 17 वीं शताब्दी से शूरू हुई. वेस्टमिंस्टर हॉल में 1898 में विलियम ग्लैडस्टोन और 1965 में सर विंस्टन चर्चिल भी लाइंग-इन-स्टेट में रखे गए थे, जिसमें सैकड़ों हजारों लोग शामिल हुए थे. 


 

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