डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने वाले हैं. हाल ही में, उन्होंने इशारा किया कि अगर उनके समर्थक चाहें तो वह तीसरे कार्यकाल पर विचार कर सकते हैं. इसी के बाद से बहस चल पड़ी है कि क्या ऐसा हो सकता है? या क्या वर्तमान में अमेरिकी संविधान इसकी अनुमति देता है?
हाउस रिपब्लिकन्स से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "शायद मैं फिर से नहीं लड़ूंगा, जब तक कि मेरे समर्थक ऐसा न कहें." उनके इस बयान के बाद यह सवाल उठने लगा कि क्या वह कानूनी रूप से तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव में खड़े हो सकते हैं.
बदलना होगा संविधान का 22वां संशोधन
अमेरिकी संविधान के 22वें संशोधन के तहत, एक राष्ट्रपति केवल दो कार्यकाल तक ही सेवा कर सकता है. इसलिए, अगर ट्रंप तीसरी बार चुनाव लड़ना चाहें तो इस संशोधन को बदलना होगा. इस नियम को बदलने के लिए ट्रंप को बहुत समर्थन की जरूरत होगी. सबसे पहले, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के दो-तिहाई सदस्यों (290 सदस्य) और सीनेट के दो-तिहाई सदस्यों (67 सदस्य) को इस बदलाव के पक्ष में वोट देना होगा. इसके बाद, देश के तीन-चौथाई राज्यों (38 राज्यों) को भी इस पर सहमत होना होगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस संशोधन को बदलना बेहद मुश्किल होगा.
1951 के बाद से ऐसा होता आ रहा है
1951 में अमेरिका के संविधान में 22वें संशोधन को अपनाया गया था. उसके बाद से ही, अमेरिकी राष्ट्रपतियों को अधिकतम दो चार-वर्षीय कार्यकाल तक सीमित कर दिया गया है. हालांकि, अगर उत्तराधिकार के तहत कार्यभार संभाला गया है तो दो और साल तक इसे बढ़ाया जा सकता है. इसका मतलब है कि किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति का अधिकतम कार्यकाल दस साल का हो सकता है. हालांकि, यह नियम पिछले सात दशकों से अमेरिकी लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन यह हमेशा से ऐसा नहीं था. इस नियम के बनने की कहानी अपने आप में काफी अलग है.
मूल संविधान का हिस्सा नहीं था ये नियम
राष्ट्रपति कार्यकाल की सीमा को मूल अमेरिकी संविधान का हिस्सा नहीं बनाया गया था. संविधान के निर्माताओं ने चर्चा की थी कि क्या राष्ट्रपति को एक निश्चित समय के लिए चुना जाना चाहिए? या फिर कांग्रेस द्वारा नियुक्त किया जाना चाहिए, जिसमें जिंदगी भर वे उसी पद पर बने रह सकते हों. आखिर में सभी ने मिलकर फैसला किया कि चार-वर्षीय कार्यकाल और उसके बाद फिर से चुनाव होना चाहिए.
हालांकि, इसमें इस बात का जिक्र नहीं था कि वह कितनी बार चुनाव लड़ सकते हैं? या कितने समय तक बने रह सकते हैं. 1796 में जब जॉर्ज वॉशिंगटन ने अपने दूसरे कार्यकाल को पूरा किया, तो उन्होंने तीसरा कार्यकाल न लेने का निर्णय लिया, हालांकि वह चुनाव लड़ते तो जीत सकते थे.
जॉर्ज वॉशिंगटन के इस निर्णय ने एक अनौपचारिक दो-कार्यकाल सीमा की परंपरा बन दी. कई बाद के राष्ट्रपतियों ने इस परंपरा का स्वेच्छा से पालन किया.
4 बार बने राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट
दो कार्यकाल का ये अनकहा नियम तब तक कायम रहा जब तक कि फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट (FDR) ने 1940 में तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं लड़ा. उस समय दुनिया दूसरे विश्व युद्ध की उथल-पुथल में थी. लोगों के कहने पर फ्रैंकलिन रूजवेल्ट ने चुनाव लड़ा और उन्होंने तीसरे और चौथे कार्यकाल की जीत हासिल की. इससे वे दो से ज्यादा बार राष्ट्रपति बनने वाले अकेले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए.
कुछ समय बाद, साल 1947 में 22वें संशोधन का मसौदा तैयार किया गया. इसमें कहा गया, "कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति पद के लिए दो बार से ज्यादा निर्वाचित नहीं होगा, और वह व्यक्ति जिसने राष्ट्रपति के रूप में सेवा की हो या राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया हो, अगर किसी अन्य व्यक्ति को राष्ट्रपति के रूप में चुना है, तो वह राष्ट्रपति के पद पर दो साल से ज्यादा के लिए काम नहीं करेगा.”
1951 में, 22वें संशोधन को लागू कर दिया गया. हालांकि, 22वें संशोधन ने यह भी प्रावधान दिया कि अगर कोई राष्ट्रपति उत्तराधिकार के तहत कार्यभार संभालता है और उसके कार्यकाल में दो साल या उससे कम समय बचा है, तो वह दो पूरे कार्यकाल के लिए भी चुनाव लड़ सकता है, जिससे उनका कुल कार्यकाल दस साल का हो सकता है.