अमेरिकी सिक्के पर पहली बार किसी अश्वेत महिला की तस्वीर! जानिए माया एंजेलो की कहानी

न्होंने अपनी पुस्तक आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स (1969) में अपने अनुभवों को बड़ी मार्मिकता के साथ बताया है. यह पुस्तक उनके बचपन की कहानियों का एक संग्रह है और इस पुस्तक ने उन्हें बेस्टसेलर सूची में पहुंचने वाली पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिलाओं में से एक बना दिया. ‘आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स’ को राष्ट्रीय पुस्तक पुरस्कार के लिए भी नॉमिनेट किया गया था.

American Poet Maya Angelou
अंजनी
  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST
  • सिक्के में बाहों को ऊपर उठा कर खड़ी है महिला 
  • ‘आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स’ के जरिये बचपन के अनुभवों को साझा 
  • दक्षिण अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी से की शादी 
  • सिविल राइट्स आंदोलन में बढ़-चढ़ कर लिया हिस्सा 
  • यौन दृश्यों और हिंसा के लिए झेलनी पड़ी आलोचना

You may write me down in history
With your bitter, twisted lies,
You may trod me in the very dirt
But still, like dust, I’ll rise.

– Maya Angelou from ‘Still I rise’

ऊपर लिखी पंक्तियों से कवि की मजबूत शख्सियत का पता चला है. इन पंक्तियों की लेखिका माया एंजेलो ने अपनी कविताओं से अमेरिका को एक नई दिशा दिखाई. उनकी रचनाओं ने कई आंदोलनों को जन्म दिया और उनका सम्मान करते हुए अमेरिकी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. दिवंगत कवि और सामाजिक कार्यकर्ता माया एंजेलो की छवि अमेरिकी सिक्के पर दर्ज की गई है. सिक्के
के सोमवार को प्रचलन में आने के बाद माया एंजेलो अमेरिकी सिक्के पर अपनी छवि दर्ज कराने वाली पहली अश्वेत महिला बन गई हैं.

सिक्के में बाहों को ऊपर उठा कर खड़ी है महिला 

इस सिक्के में एंजेलो की एक छवि है जिसमें उसकी बाहों को ऊपर उठाया गया है, एक पक्षी उड़ता हुआ दिखाई दे रहा है और उसके पीछे एक उगता सूरज है, जिसमें "सिर" की तरफ जॉर्ज वाशिंगटन का चित्र है. यूएस मिंट ने कहा कि एंजेलो की छवि उनकी कविता से प्रेरित थी और उनके जीने के तरीके को दर्शाती है. आधुनिक अमेरिकी कवयित्री और लेखिका माया एंजेलो अमेरिका की प्रमुख महिला समकालीन कवियों में से एक हैं. माया एंजेलो ने थिएटर, अभिनय, उपन्यास लिखने और नागरिक अधिकार आंदोलन के सदस्य के रूप में बहुत प्रसिद्धि हासिल की. 

‘आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स’ के जरिये बचपन के अनुभवों को साझा 

माया एंजेलो जिनका मूल नाम मार्गुराइट जॉनसन है,  का जन्म 4 अप्रैल, 1928 को सेंट लुइस, मिसौरी में हुआ था. माया एंजेलो का बचपन संघर्षों में बीता. उन्होंने अपनी पुस्तक आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स (1969) में अपने अनुभवों को बड़ी मार्मिकता के साथ बताया है. यह पुस्तक उनके बचपन की कहानियों का एक संग्रह है और इस पुस्तक ने उन्हें बेस्टसेलर सूची में पहुंचने वाली पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिलाओं में से एक बना दिया. ‘आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स’ को राष्ट्रीय पुस्तक पुरस्कार के लिए भी नॉमिनेट किया गया था. एक बच्चे के रूप में अपने जीवन में झेले गए भेदभाव के बावजूद, माया एंजेलो मानवता और आशा का एक सकारात्मक संदेश देती हैं. माया एंजेलो ने कहा है कि "मनुष्य का कर्तव्य प्रेम करना है."

दक्षिण अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी से की शादी 

माया एंजेलो ने एक दक्षिण अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी से शादी की और कुछ समय के लिए काहिरा में रहीं जहां वह अरब ऑब्जर्वर की संपादक थीं. हालांकि, 1960 के दशक में वह अमेरिका लौट आई और सिविल राइट्स आंदोलन में भाग लिया. उन्हें राष्ट्रपति कार्टर (अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष के पालन पर राष्ट्रीय आयोग) और राष्ट्रपति फोर्ड (अमेरिकी क्रांतिकारी द्विशताब्दी सलाहकार परिषद) की ओर से काम करने के लिए कहा गया था. एक कवि और लेखक होने के साथ-साथ, माया एंजेलो का टीवी और फिल्म में बढ़िया करियर रहा. उन्होंने कला में एफ्रो-अमेरिकन जैसे पुरस्कार जीतने वाले कई स्क्रीनप्ले लिखे.

सिविल राइट्स आंदोलन में बढ़-चढ़ कर लिया हिस्सा 

1960 के दशक में, वह मैल्कम एक्स और मार्टिन लूथर किंग दोनों के संपर्क में आने के बाद सिविल राइट्स आंदोलन में सक्रिय हुईं. वह उत्तरी अमेरिका से दक्षिणी ईसाई नेतृत्व सम्मेलन (एससीएलसी) की नेता थीं. मैल्कम एक्स के साथ, उन्होंने अफ्रीकी अमेरिकी एकता के नए संगठन को बनाने में मदद की. 1960 के दशक के अंत में किंग और मैल्कम एक्स दोनों की हत्या के बाद वह हताश हो गई थी. 1960 के दशक के अंत में, उन्होंने एक प्रभावशाली आत्मकथा लिखी, जिसमें उन्होंने अपने अनुभवों की बात की. ‘आई नो व्हाई द केज्ड बर्ड सिंग्स (1969)’ अफ्रीकी अमेरिकी महिलाओं को व्यक्तिगत आवाज देने के लिए उनका एक महत्वपूर्ण कार्य माना जाता है. उन्होंने कुल सात आत्मकथाएं लिखीं.

यौन दृश्यों और हिंसा के लिए झेलनी पड़ी आलोचना 

वह फिल्म और टेलीविजन में भी काफी सक्रिय रहीं. डॉ. एंजेलो ने पुलित्जर जीतने वाली पटकथा लिखी और 1972 की फिल्म जॉर्जिया, जॉर्जिया के लिए संगीत तैयार किया. बिल क्लिंटन के समारोह पर 'ऑन द पल्स ऑफ द मॉर्निंग' कविता पढ़ने के बाद, वह सबसे प्रसिद्ध अफ्रीकी-अमेरिकी लेखकों में से एक बन गईं और इसके बाद उनकी रचनाओं की बिक्री में काफी वृद्धि हुई. उनके कार्यों को यौन दृश्यों और हिंसा के लिए भी आलोचना झेलनी पड़ी. हालांकि, उनकी किताबें कई स्कूल के सिलेबस में शामिल हैं. माया एंजेलो की लोकप्रियता जीवन के कई अनुभवों के बारे में एक ज्वलंत और लिखने की आकर्षक शैली की वजह से है जो पाठक का ध्यान खींचती है. डॉ. एंजेलो ने 50 से अधिक मानद डिग्रियां प्राप्त कीं और वेक वन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर भी काम किया. 28 मई 2014 को डॉ. माया एंजेलो की मृत्यु हो गई.


 

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