Mona Lisa Painting: जब भी दुनियाभर की सबसे फेमस पेंटिंग्स की बात आती है तो सबसे पहला नाम मोनालिसा की पेंटिंग (Mona Lisa Painting) का आता है. मोनालिसा पेंटिंग को मशहूर चित्रकार लियोनार्डो दा विंची (Leonardo Da Vinci) ने बनाया था. इस फेमस पेंटिंग को बनने में 14 साल का समय लग गया था. मोनालिसा की पेंटिंग दुनिया की सबसे चर्चित पेंटिंग है.
मोनालिसा की पेंटिंग साल 1804 से फ्रांस की राजधानी पेरिस (Paris France) के लूव म्यूजियम में रखी है. आज ही के दिन 21 अगस्त 1911 को फेमस मोनालिसा की पेंटिंग चोरी (Mona Lisa Painting Robbery) हुई थी.
चोरी से पहले मोनालिसा पेंटिंग के बारे में लोगों को कम पता था. चोरी होने के बाद मोनालिसा पेंटिंग पूरी दुनिया में फेमस हो गई. लगभग दो साल बाद मोनालिसा की पेंटिंग का चोर पकड़ा गया.
मोनालिसा की पेंटिंग इटली में मिली. बाद में मोनालिसा की पेंटिंग को इटली से पेरिस के म्यूजियम में वापस रखा गया. आइए जानते हैं मोनालिसा पेंटिंग के कुछ राज.
कितने साल में बनी पेंटिंग
मोनालिसा की पेंटिंग को फेमस चित्रकार लियोनार्डो दा विंची ने बनाया था. इस पेंटिंग को बनाने में पूरे 14 साल लगे थे. पेंटिंग को बनाने का काम साल 1503 में किया गया था. साल 1517 में पेंटिंग बनकर तैयार हो गई. कहा जाता है कि लियोनार्डो को इस पेंटिंग में मोनालिसा के होंठ बनाने में सिर्फ 12 साल लग गए थे.
मोनालिसा पेंटिंग को दुनिया की सबसे रहस्यमयी पेंटिंग के लिए भी जाना जाता है. मोनालिसा पेंटिंग में चेहरे की मुस्कान पर कई रिसर्च हो चुकी हैं. पेंटिंग को अलग-अलग एंगल से देखने पर चेहरे की स्माइल अलग दिखाई देती है. शुरू में देखने पर मोनालिसा की स्माइल ज्यादा दिखाई देती है. थोड़ी देर देखने पर चेहरे की मुस्कान कम होती दिखाई देती है.
इस मुस्कान के पीछे भी लोगों की अपनी-अपनी कहानी है. कोई कहता है वो हंस रही है. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि वो उदास है. मोनालिसा पेंटिंग की मुस्कुराहट के पीछे का असल राज तो लियोनार्डो ही बता सकते थे. इस पेंटिंग के पूरा होने से पहले ही लियोनार्डो दा विंची की मौत हो गई. कहा जाता है कि लियानार्डो के साथियों ने इस पेंटिंग को पूरा किया था.
चोरी से हुई फेमस
मोनालिसा पेंटिंग अपने आप में बेहद खूबसूरत है लेकिन 19वीं शताब्दी तक यह बहुत ज्यादा फेमस नहीं थी. आम लोगों को मोनालिसा पेंटिंग के बारे में कम लोगों को पता है. इस पेटिंग को फेमस करने में एक चोर की अहम भूमिका है. 21 अगस्त 1911 को मोनालिसा की पेंटिंग पेरिस के लूव म्यूजियम से चोरी हो गई थी.
खास बात ये है कि पेंटिंग चोरी होने के एक दिन बाद तक किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी थी. कहा जाता है कि उस समय पेंटिंग्स को आर्ट वर्क के लिए अलग-अलग जगह ले जाया जाता था. सिक्योरिटी गार्ड को भी लगा कि मोनालिसा पेंटिंग भी आर्ट वर्क के लिए कहीं गई है.
कैसे हुई चोरी?
मोनालिसा की पेंटिंग को विन्सेंजो पेरुगिया (Monalisa Painting Vincenzo Peruggia) ने चोरी किया था. विन्सेंजों को म्यूजिम में कांच का फ्रेम बनाने का काम दिया गया था.
कांच का फ्रेम बनाने के बाद विन्सेंजो पेरुगिया बाहर जाने के बजाय रात को म्यूजियम में रुक गया. अगले दिन सुबह विन्सेंजो मोनालिसा की पेटिंग अपने कोट में छिपाकर बाहर ले गया.
एक दिन बाद म्यूजियम में पता चला कि मोनालिसा की पेंटिंग चोरी हो गई. जहां मोनालिसा पेंटिंग लगी थी, उस जगह को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.
फ्रांस के सभी न्यूजपेपर्स में मोनालिसा पेंटिंग की चोरी की खबर छपी. इस घटना से पहले आम लोगों को मोनालिसा पेंटिंग के बारे में पता नहीं थी. चोरी के बाद मोनालिसा पेंटिंग दुनियाभर में फेमस हो गई.
कैसे पकड़ा चोर?
मोनालिसा पेंटिंग को चोरी करने वाले शख्स को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान चलाया. पुलिस ने फ्रांस में पेंटिंग के 6 हजार पोस्टर बांटे. विन्सेंजो पेरुगिया ने चोरी करते हुए कोई सुराग नहीं छोड़ा था.
म्यूजियम में पुलिस को कुछ खास सुराग नहीं मिला. इस वजह से पुलिस को चोर को पकड़ने में काफी परेशानी हो रही थी. इस दौरान पुलिस ने इस चोरी के लिए चित्रकार पाब्लो पिकासो (Pablo Picasso) को पकड़ा लेकिन बाद में छोड़ भी दिया गया.
आखिरकार दो साल बाद 1913 में मोनालिसा पेंटिंग का चोर पकड़ा गया. दरअसल, विन्सेंजो पेरुगिया ने मोनालिसा पेंटिंग को दो साल अपने घर में रखा. इसके बाद विन्सेंजो पेरुगिया ने पेंटिंग को बेचने के लिए इटली के एक आर्ट डीलर को चिट्ठी लिखी.
मोनालिसा पेंटिंग को बेचने के लिए इटली में मीटिंग हुई. इसी दौरान पुलिस ने चोर को पेंटिंग के साथ पकड़ लिया. बाद में इटली ने मोनालिसा पेंटिंग फ्रांस को वापस लौटा दी. इतनी बड़ी चोरी के लिए विन्सेंजो पेरुगिया को सिर्फ 1 साल 15 दिन की सजा सुनाई गई. विन्सेंजो को 7 महीने बाद ही जेल से रिहा कर दिया गया.