पत्रकारों पर जुल्म के मामले में कुख्यात हैं ये देश, चीन है नंबर एक पर

आधे से ज्यादा पत्रकार तो सिर्फ इन पांच देशों की जेलों में बंद हैं. 110 पत्रकारों को जेल में डालने के साथ चीन "दुनिया का सबसे बड़ा जेलर" है. इसके बाद म्यांमार (62), ईरान (47), वियतनाम (39) और बेलारूस (31) का स्थान है.

world’s five biggest jailers of journalists
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST
  • तीन चौथाई जेल में बंद पत्रकार एशिया और मिडिल ईस्ट के हैं.
  • 57 पत्रकारों ने रिपोर्टिंग के दौरान जान गंवाई

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के विरोध प्रदर्शनों के कारण, 2022 में दुनिया भर के जेलों में बंद पत्रकारों की संख्या 533 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई. फ्रांस स्थित एनजीओ  के अनुसार, यह आंकड़ा 2021 में 488 था. इसके अलावा 65 पत्रकार और मीडिया कर्मियों को गैरकानूनी ढंग से बंधक बनाकर रखा गया है और कुल 49 पत्रकार लापता हैं. यह सारी जानकारी ‘रिपोर्टर्स विदआउट बॉडर्स’ की एक वार्षिक रिपोर्ट में सामने आई है.

चीन की जेल में बंद हैं सबसे ज्यादा पत्रकार
रिपोर्ट की मानें तो आधे से ज्यादा पत्रकार तो सिर्फ इन पांच देशों की जेलों में बंद हैं. 110 पत्रकारों को जेल में डालने के साथ चीन "दुनिया का सबसे बड़ा जेलर" है. इसके बाद म्यांमार (62), ईरान (47), वियतनाम (39) और बेलारूस (31) का स्थान है. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के महासचिव क्रिस्टोफ डेलॉयर ने कहा हिरासत में लिए गए पत्रकारों की संख्या में यह नया रिकॉर्ड इन बेईमान सरकारों का विरोध करने और पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर लगाम लगाने की कोशिश है. तानाशाही और निरंकुश सरकारें पहले से कहीं ज्यादा तेजी से पत्रकारों को जेल में डालकर अपनी जेलें भर रही हैं."

ईरान भी हुआ लिस्ट में शामिल
ईरान एकमात्र देश है जो पिछले साल की लिस्ट में शामिल नहीं था. 22 वर्षीय महसा अमिनी की हिरासत में मौत को लेकर सितंबर में विरोध शुरू होने के बाद ईरान में अब तक 34 मीडिया पेशेवरों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जेल में बंद महिला पत्रकारों की संख्या भी दुनिया भर में अपने उच्चतम स्तर पर है, एक साल के अंदर ही ये संख्या 60 से बढ़कर 78 हो गई है. हिजाब मामले में विरोध प्रदर्शन दौरान गिरफ्तार की गईं 15 महिला पत्रकारों को मौत की सजा सुनाई गई है.

57 पत्रकारों ने रिपोर्टिंग के दौरान जान गंवाई
रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया है कि तीन चौथाई जेल में बंद पत्रकार एशिया और मिडिल ईस्ट के हैं. मारे गए पत्रकारों की संख्या भी इस साल बढ़ी है. इस साल 57 पत्रकारों ने खबरों की रिपोर्टिंग के दौरान जान गंवाई. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि रूस और यूक्रेन युद्ध पर रिपोर्टिंग करने वाले 8 पत्रकारों में 5 दूसरे देशों के थे. महसा अमीनी की मौत को दुनिया के सामने लाने वाली नीलूफर हमेदी और इलाहे मोहम्मदी को भी जेल में डाल दिया गया है. इन्हें मौत की सजा भी सुनाई जा सकती है.

 

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