Moscow Concert Hall Shooting: रूस की राजधानी मॉस्को के उत्तरी क्रास्नोगोर्स्क स्थित क्रोकस सिटी हॉल में कॉन्सर्ट के दौरान हुए बडे़ आतंकी हमले ने दुनिया भर को स्तब्ध कर दिया है. इस हमले में अब तक दर्जनों लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. कई गंभीर रूप से घायल है. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. इस हमले की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर के नेताओं ने जहां निंदा की है, वहीं इस कत्लेआम की कथित जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) से जुड़े आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) ने ली है.
पीएम मोदी ने की आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, हम मॉस्को में हुए जघन्य आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. दुख की इस घड़ी में भारत रूसी संघ की सरकार और लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है.
उधर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस आतंकवादी हमले की निंदा की है. यह आतंकी हमला ऐसे समय हुआ है जब व्लादिमीर पुतिन ने हाल में संपन्न राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की है और रूस के राष्ट्रपति के रूप में लगातार 5वां कार्यकाल संभालने जा रहे हैं. दूसरी ओर रूस बीते दो साल से यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहा है.
आतंकियों ने इस राइफल से बरसाई गोलियां
व्हाइट हाउस (यूएस) की प्रवक्ता ने कहा कि 22 मार्च 2024 की शाम मॉस्को के कन्सर्ट हॉल क्रोकस सिटी में हुए बम धमाकों के पीछे आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) खोरासान का हाथ होने की बात सामने आई है. आतंकियों ने कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल से गोलियां बरसाईं. इस राइफल को रूसी भाषा में 'कलश' भी कहा जाता है.
सोवियत काल में 1974 में पहली बार इस राइफल को बनाया गया था, जो एके-74 के रूप में भी चर्चित है. हमले के बाद मौके पर पहुंची जांच टीम ने कई मैगजीन, जैकेट और इस्तेमाल किए गए गोलियों के खोल इकट्ठा किए हैं. आतंकियों द्वारा छोड़े गए हथियारों को बरामद किया है और जांच में जुटी है. आतंकियों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखा था और उनके पास विस्फोटक भी थे. गोलीबारी करने के बाद आतंकियों ने हॉल में विस्फोटक से भी हमले किए. इससे हॉल में आग लग गई.
क्या है ISIS-K
इस्लामिक स्टेट खुरासान (ISIS-K) आईएस की ही एक शाखा है. इसे खोरासान ग्रुप के नाम से भी जाना जाता है. जनवरी 2015 में इस आतंकी संगठन की स्थापना तालिबान के पाकिस्तानी सहयोगी के असंतुष्ट सदस्यों ने किया था. खोरासान शब्द एक प्राचीन इलाके के नाम पर आधारित है, जिसमें कभी उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और इराक का हिस्सा शामिल हुआ करता था.
वर्तमान में यह अफगानिस्तान व सीरिया के बीच का हिस्सा है.यह संगठन 2014 के अंत में पूर्वी अफगानिस्तान क्षेत्र में तेजी से उभरा. इस ग्रुप को मुख्य तौर पर सीरिया और खोरासान से चलाया जाता है. ISIS-K को तालिबान और अमेरिका का कट्टर दुश्मन माना जाता है. आईएस की नींव अबू बकर अल बगदादी ने रखी थी. वह अल-कायदा इराक का प्रमुख था.
आईएस खोरासान ने किए हैं ये बड़े आतंकी हमले
इस्लामिक स्टेट खुरासान ने अफगानिस्तान में कई आतंकी हमले किए हैं. 2021 में जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अपने सैनिकों को निकालने का फैसला किया, तब काबुल एयरपोर्ट के बाहर दो आत्मघाती हमले हुए थे. इन हमलों में अमेरिकी मरीन कमांडो समेत कम से कम 60 लोगों की मौत हुई थी. इस आतंकी संगठन ने मई में काबुल में लड़कियों के एक स्कूल पर हुए घातक विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 68 लोग मारे और 165 घायल हो गए थे.
आईएस-खोरासान ने जून में ब्रिटिश-अमेरिकी हालो (HALO) ट्रस्ट पर भी हमला किया था, जिसमें 10 लोग मारे और 16 अन्य घायल हो गए थे. इस साल की शुरुआत में इस समूह ने ईरान में दोहरे बम विस्फोट किए थे जिसमें लगभग 100 लोग मारे गए थे. ISIS-K ने सितंबर 2022 में काबुल में रूसी दूतावास पर एक घातक आत्मघाती बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी.