मालिक कर्मचारी की सैलरी बढ़ाते हैं तो कर्मचारी खुश हो जाते हैं. वहीं म्यांमार में कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने पर दुकान के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया. दरअसल, म्यांमार के एक दुकानदार को फायदा हुआ तो उसने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का ऐलान कर दिया.
सैलरी बढ़ाने की बात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. सैलरी बढ़ने के फैसले से कर्मचारी तो खुश हो गए लेकिन सैन्य सरकार ने दुकान के मालिक को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही दुकानदार की दुकान को भी बंद कर दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
म्यांमार के मांडला में रहने वाले प्याए फ्यो जॉ मोबाइल फोन की तीन दुकानों के मालिक हैं. इस साल उनकी अच्छी कमाई हुई तो उन्होंने अपने कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का फैसला किया. इससे कर्मचारी खुश हो गए. इसके बाद ऑनलाइन ये खबर फैल गई.
सोशल मीडिया के जरिए म्यांमार की सैन्य सरकार को इसका पता चला. इसके बाद दुकान के मालिक प्याए फ्यो जॉ को गिरफ्तार कर लिया गया. उनकी तीनों दुकानों पर ताला लगा दिया. जॉ पर देश में दंगे फैलाने का आरोप भी लगाया गया है.
प्याए फ्यो जॉ की एक दुकान के बाहर सेना ने एक नोटिस लगाया है. इस नोटिस में लिखा है- ''समुदाय में शांति व्यवस्था भंग करने के कारण इस दुकान पर ताला लगा दिया गया है''. इस मामले में प्याए फ्यो जॉ को तीन साल तक की जेल हो सकती है.
इस बारे में जॉ के कर्मचारियों ने बताया कि सैलरी बढ़ने से हम सभी खुश थे लेकिन अब दुकान बंद है और हमें कोई पैसा नहीं मिल रहा है. जॉ अकेले नहीं हैं जिनको सेना ने गिरफ्तार किया है. जॉ के अलावा म्यांमार के अन्य 10 दुकानदारों को सेना ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है.
क्यों किया गिरफ्तार?
म्यांमार में कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाना कोई अपराध नहीं है. दरअसल, म्यांमार आर्थिक संकट से गुजर रहा है. कई देशों के साथ म्यांमार का व्यापार बंद हो गया है. देश के हालात खराब हैं. देश में सामान कम हैं और कीमतें बढ़ रही हैं.
सरकार का मानना है कि लोगों के पास ज्यादा पैसा आ रहा है इसलिए महंगाई बढ़ रही है. ऐसे में मोबाइल व्यापारी प्याए फ्यो जॉ ने अपने कर्मचारियों की सैलरी को बढ़ाने का फैसला किया. इस वजह से म्यांमार की सेना ने जॉ को गिरफ्तार कर लिया.
सरकार का मानना है कि लोगों के पास कम पैसा रहेगा तो वे कम खर्च कर पाएंगे. इससे पहले म्यांमार की सरकार ने चावल और मीट समेत कई चीजों को कम खरीदने का आदेश दिया था. सैन्य सरकार ने सोना खरीदने और विदेशी मुद्रा के खरीदने पर भी रोक लगा दी थी. पिछले महीने, सेना ने सोना और विदेशी मुद्रा की खरीद-फरोख्त को लेकर 35 लोगों को गिरफ्तार किया था.
म्यांमार में आर्थिक संकट
साल 2021 में तत्माडॉ( म्यांमार की सेना) ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार का तख्तापलट कर दिया था. म्यांमार की सेना ने देश की बागडोर मिलिट्री जुन्ता को सौंप दी थी. इसके बाद से म्यांमार आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
म्यांमार की सैन्य सरकार के खिलाफ हथियार बंद जातीय समूह विद्रोह कर रहे हैं. लोकतंत्र का समर्थन करने वाले इन जातीय समूहों ने आधे से ज्यादा म्यांमार पर कब्जा कर लिया है. वे लगातार सेना के ठिकानों पर हमला कर रहे हैं.
विद्रोहियों के कब्जे की वजह से चीन, भारत और थाईलैंड के साथ म्यांमार का व्यापार बंद हो गया है. पश्चिमी देशों ने म्यांमार पर कई सारे प्रतिबंध लगा दिए हैं. इस वजह से म्यांमार की मुद्रा क्यात निचले स्तर पर गिर गई है.