नेपाल की संसद में पास हुआ नया नागरिकता विधेयक, 15 लाख से अधिक अनागरिकों को नागरिकता मिलने का रास्ता खुला

Nepal New Citizenship Bill: नेपाल में शादी करने वाली भारतीय महिलाओं को तत्काल नेपाली नागरिकता मिल सकेगी. इसके लिए नेपाल संसद में नया नागरिकता विधेयक पास हो गया है. इससे लाखों लोगों को उनकी नागरिकता मिल सकेगी.

Nepal and India
सुजीत झा
  • नई दिल्ली,
  • 23 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 9:53 AM IST
  • लाखों लोगों के लिए खुलेगा नागरिकता मिलने का नया रास्ता 
  • नेपाल में शादी करने वाली भारतीय महिलाओं को मिल सकेगी नेपाली नागरिकता

नेपाल की संसद ने बहुप्रतीक्षित नागरिकता विधेयक को बहुमत से पारित कर दिया गया है. नेपाली संसद के नीचले सदन प्रतिनिधि सभा में शुक्रवार को विपक्षी दलों के विरोध और कुछ सत्ता पक्ष के सांसदों की आपत्ति के बावजूद बहुमत से नागरिकता संशोधन बिल को पास कर दिया है. इस ऐतिहासिक बिल के संसद के ऊपरी सदन में पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास इसे भेजा जाएगा. 

बता दें, इस विधेयक को लेकर नेपाली संसद में करीब 8 घंटे तक चली बहस चली, जिसके बाद नागरिकता संशोधन विधेयक को पास किए जाने की घोषणा स्पीकर अग्नि सापकोटा ने की. इस बिल के पारित होने के बाद नेपाल में रह रहे लाखों ‘अनागरिकों’  को नेपाली नागरिकता मिलने का रास्ता खुल गया है.

लाखों लोगों के लिए खुलेगा नागरिकता मिलने का नया रास्ता 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नेपाल में नागरिकता विहीन नागरिकों की संख्या करीब 15 लाख के आसपास है जो नए कानून के अभाव में नागरिकता प्रमाण पत्र लेने से वंचित थे. नेपाल में कई पीढ़ी से रह रहे नेपाली नागरिकों को अब बिना किसी व्यवधान के नागरिकता मिल सकेगी. 

इसी तरह नेपाल में जन्में ऐसे नागरिकों के बच्चों को भी नेपाल की नागरिकता मिलने का रास्ता खुल गया है, जिन्हें  जन्मसिद्ध के आधार पर नागरिकता मिली थी. बता दें, जिन बच्चों का जन्म नेपाल में हुआ है उनके बच्चे को कौन सी नागरिकता दी जाए इसको लेकर कोई कानून नहीं था. ऐसे अनागरिकों की संख्या 11 लाख के आस पास है.

नेपाल में शादी करने वाली भारतीय महिलाओं को मिल सकेगी नेपाली नागरिकता

आपको बता दें, इस नए नागरिकता बिल के पास होने के बाद भारत से ब्याह कर आने वाली बेटियों को सहज ढंग से ही नेपाल की वैवाहिक अंगीकृत नागरिकता मिलने का रास्ता खुल गया है. सन् 2015 में जब नेपाल में नया संविधान जारी किया गया था उस समय भारतीय महिलाओं के नेपाल में शादी करने के बाद नागरिकता के पुराने प्रावधान को खत्म कर दिया गया था. उसके बाद ओली सरकार के समय भारतीय महिलाओं को नेपाल में शादी करने के 7 साल के बाद नागरिकता देने का प्रावधान सहित का नागरिकता बिल संसद में पेश किया गया था.

मधेशी दलों के विरोध के कारण इस बिल को संसदीय समिति में पास होने के बावजूद संसद के किसी भी सदन में पेश तक नहीं किया जा सका. बाद में वर्तमान देउवा सरकार ने पुराने बिल को वापस लेने का निर्णय करते हुए नया बिल लेकर आई और संसद से उसे पारित भी करवा दिया. 

भारत और नेपाल के रिश्ते 

नेपाल में नागरिकता कानून में पिछली सरकार के कारण दोनों देशों के बीच रहे पारिवारिक रिश्तों पर असर हुआ था. नेपाल के नए संविधान में नेपाल में शादी करके आने वाली महिलाओं को न सिर्फ नागरिकता से वंचित कर दिया गया था बल्कि उनके राजनैतिक अधिकार भी खत्म कर दिया गया था. 2015 के बाद नेपाल और भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में जो वैवाहिक रिश्ता बनता था उसमें एका एक 80 प्रतिशत तक की गिरावट आ गई थी.
 

 

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