Nobel Peace Prize 2023: ईरान की मानवाधिकार कार्यकर्ता Narges Mohammadi को मिला नोबेल शांति पुरस्कार

जन... ज़िंदगी... आजादी... का नारा देने वाली ईरान की मानवाधिकार कार्यकर्ता Narges Mohammadi को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है. ईरान में नरगिस को 5 बार दोषी ठहराया गया है और कुल मिलाकर 31 साल की जेल की सजा हुई है. नरगिस को 154 कोड़े मारे गए थे.

ईरान की मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को नोबल शांति पुरस्कार मिला (Photo/Twitter)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 7:36 PM IST

महिलाओं की आजादी और हक की लड़ाई लड़ने वाली ईरान की मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी (Narges Mohammadi) को साल 2023 के नोबल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) के लिए चुना गया है. नरगिस ने जन (Woman), जिंदगी (Life) और आजादी (Freedom) का नारा दिया. नरगिस ने कई सालों तक एक पत्रकार के तौर पर काम किया. 51 साल की नरगिस इस समय ईरान की एविन जेल में बंद हैं. उनको 31 साल की सजा हुई है.

5 बार दोषी, 31 साल की सजा
ईरान में महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ने वाली नरगिस मोहम्मदी को वहाँ की हुकूमत ने 13 बार गिरफ्तार किया. नरगिस को अदालत ने 5 बार दोषी भी ठहराया. कुल मिलाकर उनको 31 साल की जेल की सजा सुनाई गई. इसके साथ ही 154 कोड़े मारने की सजा भी सुनाई गई थी. नरगिस के खिलाफ अभी भी कई मामले अदालत में चल रहे हैं. साल 2022 में न्यूयॉर्क टाइम्स में नरगिस मोहम्मदी का इंटरव्यू छपा था. उसमें उन्होंने कहा था कि 'मैं एक स्वतंत्र ईरान का सपना देखती हूं. जितना वो मुझे दंडित करते हैं, जितना अधिक वो मुझसे छीनते हैं, उतना ही मैं मजबूत होती हूं.'

नरगिस जेल में, पति निर्वासन में
नरगिस मोहम्मदी ईरान सरकार के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने के आरोप में बीते 12 साल से जेल में बंद हैं. उनको 31 साल की सजा सुनाई गई है. नरगिस ने अपने जुड़वां बच्चों को आखिरी बार एक साल पहले देखा था. नरगिस के पति ताघी रहमानी एक लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं. जिनको 14 साल की जेल हुई थी. फिलहाल रहमानी अपने बच्चों के साथ फ्रांस में रह रहे हैं.

नरगिस के पिता किसान
नरगिस मोहम्मदी का पालन-पोषण एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ है. उनके पिता एक किसान थे. उनकी मां एक राजनीतिक परिवार से थीं. साल 1979 में ईरान में इस्लामी क्रांति हुई थी, जिसमें राजशाही को उखाड़ फेंका गया था. जिसमें उनके एक चाचा और दो चचेरे भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया था. जब नरगिस एक छोटी बच्ची थी तो उनकी मां ने कहा था कि कभी भी राजनीति में मत पड़ना. ईरान जैसे देश में सिस्टम से लड़ने की कीमत बहुत अधिक होगी.

कॉलेज में हुई थी पति से पहली मुलाकात
21 अप्रैल 1972 को जंजान शहर में जन्मीं नरगिस की पढ़ाई-लिखाई कज्विन शहर में हुई. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान नरगिस लड़कियों के ग्रुप में शामिल होना चाहती थी. लेकिन जब उनको पता चला कि इस कॉलेज में लड़कियों का कोई ग्रुप नहीं है. इसके बाद उन्होंने वुमन स्टूडेंट ग्रुप की स्थापना की. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात अपने पति ताघी रहमानी से हुई थी. उस वक्त रहमानी बौद्धिक हलकों में फेसम थे. वो गुप्त रूप से सिविल सोसायटी के बारे में क्लास चलाते थे. 1999 में दोनों ने शादी कर ली थी.

नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला
नरगिस ईरान में सजा-ए-मौत के खात्मे की लिए भी आवाज उठाती रही हैं. नरगिस को पहली बार 1998 में गिरफ्तार किया गया था जब उन्हें एक साल जेल में बिताना पड़ा था. नरगिस Defenders of Human Rights Center की वाइस प्रेसिडेंट हैं. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी इस संगठन की प्रमुख हैं. नोबेल शांति पुरस्कार के 122 साल पुराने इतिहास में मोहम्मदी यह अवॉर्ड जीतने वाली 19वीं महिला हैं. नरगिस से पहले नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली महिला फिलिपिंस की Maria Ressa जिन्हें 2021 में रूस के  Dmitry Muratov के साथ संयुक्त रूप से यह अवॉर्ड दिया गया था.

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