अमेरिकी अरबपति और 'एंटी-एजिंग' इनफ्लुएंसर ब्रायन जॉनसन (Bryan Johnson) ने अपने अमर करने वाले 'ब्लूप्रिंट' के जरिए न सिर्फ शोहरत हासिल की है, बल्कि एक ऐसा बिजनेस मॉडल भी तैयार किया है जिसमें कई बड़े उद्योगपति निवेश करना चाहते हैं. ओपनएआई के फाउंडर सैम ऑल्टमैन से लेकर थिएल फाउंडेशन के पीटर थिएल तक कई ऐसे बड़े नाम हैं जो इस मॉडल में निवेश कर रहे हैं.
लॉन्गेविटी टेक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में बायोटेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स में निवेश 41,000 करोड़ रुपए पहुंच गया था. एंटी-एजिंग अपनी बायोलॉजिकल उम्र को घटाने या उसके बढ़ने की रफ्तार को कम करने की तकनीक को कहा जाता है. मौजूदा दौर में यह एक ऐसा मैदान है जहां कई अरबपति दांव लगा रहे हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ नामों के बारे में.
जेफ बेज़ोस
ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेज़न के फाउंडर जेफ बेज़ोस की नेटवर्थ 198 अरब डॉलर है. वह लंबे वक्त से जिन्दगी और मौत के सवाल में दिलचस्पी ले रहे हैं. और उन्होंने एल्टोस लैब्स नाम के स्टार्टअप में पैसे इनवेस्ट किए हैं. दैनिक भास्कर के अनुसार, बेज़ोस अब तक इस स्टार्टअप में तीन अरब डॉलर इनवेस्ट कर चुके हैं.
एल्टोस की स्थापना 2022 में हुई थी. यह कंपनी अमेरिका और ब्रिटेन में रजिस्टर्ड है. एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू के अनुसार, कंपनी जापान में भी पहुंचने की योजना बना रही है. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, वह पूरे जीवन के दौरान होने वाली बीमारियों और लगने वाली चोटों के कारण होने वाली हानी को उलटने के लिए 'कोशिकाओं को पुनर्जीवित करके' सेल्स के स्वास्थ्य को लौटाना चाहती है.
मार्क ज़करबर्ग
साल 2015 में जब दिवंगत साइंटिस्ट स्टीफन हॉकिंग ने मार्क ज़करबर्ग से पूछा कि विज्ञान में वे किन बड़े सवालों के जवाब चाहते हैं, तो ज़करबर्ग ने जवाब दिया, "हमें हमेशा के लिए जीने में क्या मदद करेगा? हम सभी बीमारियों का इलाज कैसे कर सकते हैं?..."
ज़करबर्ग जानना चाहते थे कि इंसान लंबे वक्त तक कैसे जी सकते हैं. इस सवाल का जवाब पाने के लिए फेसबुक के फाउंडर ने अपनी पत्नी चैन ज़करबर्ग और सिलिकॉन वैली के कई अन्य अरबपतियों के साथ मिलकर ब्रेकथ्रू पुरस्कार की स्थापना की. इसकी वेबसाइट के अनुसार, यह पहल "मौलिक विज्ञानों में काम करने वाले दुनिया के शीर्ष वैज्ञानिकों को मिलने वाले 30 लाख डॉलर के पुरस्कारों का एक सेट है."
इसके अलावा ज़करबर्ग दंपत्ति ने 2016 में परोपकारी पहल चैन ज़करबर्ग इनिशिएटिव के माध्यम से संक्रामक रोगों के इलाज के लिए लाखों डॉलर देने का संकल्प लिया था. इस मौके पर ज़करबर्ग ने कहा था, "जब तक हम इस सदी के अंत तक पहुंचेंगे, तब तक लोगों का 100 साल से ज्यादा जीना सामान्य बात हो जाएगी."
पिटर थिएल
पीटर थिएल को वैसे तो भारत में रितेश अग्रवाल के स्टार्टअप ओयो को फंड करने के लिए जाना जाता है, लेकिन उनकी थिएल फाउंडेशन ने कई स्टार्टअप्स का समर्थन किया है. वह लॉन्गेविटी रिसर्च में भी करोड़ों डॉलर लगा चुके हैं. उन्होंने 2012 में बिज़नेस इंसाइडर से कहा था, "कई लोग कहते हैं कि मौत प्राकृतिक होती है. यह जिंदगी का हिस्सा है. मुझे लगता है कि यह सच नहीं है."
थिएल सेल्स को जवान रखने वाले ड्रग्स बनाने वाली कंपनी यूनिटी बायोटेक में एक इनवेस्टर हैं. उन्होंने 2006 में मेथुसेलाह फाउंडेशन को 35 लाख डॉलर देने का वादा किया था. उन्होंने 2017 में इस रकम को बढ़ाकर 70 लाख डॉलर कर दिया था. इसके अलावा वह एल्कर लाइफ एक्सटेंशन फाउंडेशन नाम की कंपनी के साथ भी जुड़े हुए हैं.
सैम ऑल्टमैन
एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू ने रेट्रो बायोसाइंसेज नाम की कंपनी के हवाले से कहा कि सैम ऑल्टमैन इस कंपनी में 18 करोड़ डॉलर का निवेश कर चुके हैं. इस कंपनी का मिशन "स्वस्थ मानव जीवन में 10 वर्ष जोड़ना" है. एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू ने कहा कि रेट्रो बायोसाइंसेज में ऑल्टमैन का निवेश "मानव दीर्घायु की खोज करने वाले किसी इंसान द्वारा स्टार्टअप में किया गया अब तक का सबसे बड़ा निवेश है."
रिव्यू के अनुसार, ऑल्टमैन का मानना है कि दीर्घायु की दुनिया को "ओपनएआई जैसी कोशिश" की जरूरत है. ऑल्टमैन ने यह भी कहा है कि वह स्वस्थ खाना खाने, वर्कआउट करने और अच्छी नींद लेने के अलावा मेटफॉर्मिन नाम का ड्रग भी लेते हैं. यह डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल होने वाला एक ड्रग है और सिलिकॉन वैली के कई बायोहैकर्स इसे उम्र बढ़ने की रफ्तार को धीमा करने के लिए खा रहे हैं.
लैरी पेज
गूगल के को-फाउंडर लैरी पेज ने कैलिको लैब्स नाम की एंटी-एजिंग रिसर्च में निवेश किया है. गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के अंतर्गत आने वाली कैलिको लैब्स का उद्देश्य उम्र से जुड़ी बीमारियों से लड़ने के लिए दवाइयां बनाना और बढ़ती उम्र पर रिसर्च करना है.
कैलिको लैब्स ने 2014 में बायोफार्मास्युटिकल कंपनी एबवी के साथ मिलकर उम्र से जुड़ी बीमारियों के खिलाफ इलाज विकसित करने की दिशा में काम करना शुरू किया. इस पहल में अरबों डॉलर का निवेश हुआ है. कैलिको लैब्स को अल्टोस लैब्स के अग्रदूत के रूप में भी श्रेय दिया गया है.