भारतीय नागरिकों का अमेरिका में रहना और काम करना और आसान होने वाला है. यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने ओआईआरए को एक पायलट प्रोग्राम की समीक्षा को मंजूरी दी है. इस पायलट प्रोग्राम के जरिए 20,000 एच-1बी वीजा होल्डर्स अमेरिका छोड़े बिना वीजा रिन्यूअल के लिए अप्लाई कर पाएंगे. इसकी शुरुआत जनवरी में होगी. ये पायलट प्रोग्राम केवल विदेशी कर्मचारियों पर लागू होगा. इसका मकसद वीजा रिन्यूअल में लग रहे समय को कम करना है.
जनवरी में लॉन्च होगा पाइलट प्रोजेक्ट
वर्तमान में, एच-1बी वर्कर्स को अमेरिका लौटने से पहले वीजा स्टैंप के लिए अमेरिकी दूतावास या कांसुलर ऑफिस में अपॉइंटमेंट लेनी पड़ती है. US स्टेट डिपार्टमेंट जनवरी में ये पाइलट प्रोजेक्ट लॉन्च करेगी जो एच-1बी वीजा धारकों को घरेलू स्तर पर वीजा रिन्यूअल की अनुमति देगा. सरकार के इस कार्यक्रम से लाखों भारतीयों को फायदा होगा. वित्तीय वर्ष 2022 में लगभग 4,42,000 एच-1बी वर्कर्स में से 73 प्रतिशत भारतीय नागरिक हैं. इसके जरिए भारतीयों के लिए अमेरिका में रहना और काम करना आसान हो जाएगा.
वर्क वीजा रिन्यूवल के लिए शुरू किया जा रहा प्रोजक्ट
जो लोग पहले से ही अमेरिका में एच-1बी होल्डर्स हैं, वे स्टेट डिपार्टमेंट को मेल के जरिए ही वीजा रिन्यूअल के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें अमेरिका से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी. हालांकि इस दौरान आवेदक को देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी. अभी ये साफ नहीं है कि इस प्रोग्राम के लिए पहले 20,000 एप्लीकेंट को कैसे चुना जाएगा. यह प्रोग्राम केवल वर्क वीज़ा रिन्यूवल के लिए है. इसका मकसद अमेरिका के उन स्थायी निवासियों की मदद करना है जो देश से बाहर जाए बिना अपना वर्क वीजा रिन्यू कराना चाहते हैं.
क्या होता है H-1B वीजा और किन्हें दिया जाता है
H-1B वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है. इसके तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी थ्योरिटिकल या टेक्निकल एक्सपर्ट्स को अपने यहां रख सकती हैं. H-1B वीजा के तहत टेक्नोलॉजी कंपनियां हर साल हजारों इम्प्लॉइज की भर्ती करती हैं. इस वीजा की वैलिडिटी छह साल की होती है. H-1B वीजा धारक अपने परिवार के साथ अमेरिका में रह सकता है. जिन लोगों का एच-1बी वीजा की टाइम लिमिट खत्म हो जाती है तो वह फिर अमेरिकी नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं.