पाकिस्तान में वित्तीय संकट बहुत गहराया हुआ है. पाकिस्तान में हर चीज पर महंगाई की मार पड़ रही है. एक आम आदमी के घर खर्च से लेकर सरकारी कामों में पैसा कम पड़ रहा. पाक की वित्तीय स्थिती खस्ताहाल है. इसको कम करने के लिए पाकिस्तान कर्ज लिए जा रहा है. वित्तीय संकट से निकलने के लिए उसने चीन से 4.3 बिलियन डॉलर कर्ज ले रखा है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान इस कर्ज को खत्म कर चुका है, जिसके बाद चीन से और कर्ज की मांग कर बैठा है.
शनिवार, 26 अक्टूबर को पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने IMF की बैठक और विश्व बैंक की बैठक में चीन के वित्त मंत्री के साथ मुलाकात की थी. मुलाकात में इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए कि पाक 4.3 बिलियन का लोन 2027 तक चुका सकता है. इसी दरमियान पाक ने चीन से कर्ज की लिमिट को 5.7 बिलियन डॉलर करने का अनुरोध किया था.
पाकिस्तान पहले भी 'थोड़ा और' के लिए फैला चुका है झोली
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अगर पाकिस्तान के अनुरोध को चीन मान लेता है तो यह लिमिट 5.7 मिलियन डॉलर हो जाएगी. पाक इस तरह के अनुरोध को कई बार पहले भी कर चुका है, लेकिन चीन ने मानने से मना कर दिया है. पाक की इस तरह की मांग को देखकर साफ पता लगता है कि पाक की वित्तीय हालत इस समय क्या है. फिलहाल कर्ज की लिमिट 4.3 बिलियन डॉलर है, इसपर पाक ने 1.4 बिलियन डॉलर एक्सट्रा मांगे हैं.
क्या बात हुई बैठकों में?
IMF और विश्व बैंक की बैठकों के दौरान चीन ने पाक पर चढ़े 4.3 बिलियन के कर्ज को चुकाने के लिए 3 साल की अवधि और बढ़ा दी है. यानी अब पाक इस कर्ज को 2027 तक चुका सकता है. लेकिन इसमें हैरानी की बात यह हुई कि इस अवधि के बढ़ाने के दो हफ्ते बाद ही पाक ने चीन से 1.4 बिलियन डॉलर की मांग और की है. अब अगर चीन इस मांग को स्वीकार करता है तो कुल कर्ज 5.7 बिलियन डॉलर हो जाएगा.
चीन प्रधानमंत्री का पाक दौरा
इस महीने की शुरुआत में, चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग चार दिवसीय यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे. वहां उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने अर्थव्यवस्था, निवेश और क्षेत्रीय संपर्क समेत कई क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को और गहरा करने पर बात की.