पाकिस्तान का सियासी संकट अदालत तक पहुंच गया है. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में संसद भंग मामले की सुनवाई हुई. कोर्ट ने मामले की सुनवाई कल दोपहर साढ़े 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला संविधान से जुड़ा है. इसलिए जल्दबाजी में फैसला नहीं दे सकते.
संसद भंग मामले की सुनवाई के लिए विपक्ष ने फुल कोर्ट बेंच की मांग की थी. चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको इस बात का स्पष्टीकरण देना होगा कि क्यों फुल बेंच का गठन होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि अगर फुल कोर्ट बेंच की जरूरत महसूस होगी तो इसे बनाया जाएगा.
इमरान खान की पार्टी के नेता शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि विपक्ष की फुल बेंच की मांग को कोर्ट ने रिजेक्ट किया तो विपक्ष को जुडिशियरी के फैसले का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोर्ट सुनवाई के दौरान कुछ भी पूछ सकता है. अगर कोर्ट नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक के मिनट्स की जानकारी चाहेगा तो उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा.
PTI ने जस्टिस गुलजार का नाम किया आगे-
उधर, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने बड़ा फैसला किया है. इमरान खान की पार्टी की तरफ से पूर्व चीफ जस्टिस गुलजार अहमद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया गया है. पाकिस्तान के पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री और पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने इसकी घोषणा की. दरअसल पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने एक नोटिफिकेशन जारी कर प्रधानमंत्री और निवर्तमान नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता को संविधान के अनुच्छेद 224 (1A) के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए एक व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था. राष्ट्रपति की तरफ से नोटिफिकेशन के बाद पीटीआई ने जस्टिस गुलजार अहमद के नाम को आगे बढ़ाया है.
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