पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की पीएम नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी के बाद पड़ोसी देश के एक और मंत्री ने भारत के खिलाफ जहरीला बयान दिया है. पाकिस्तान की गरीबी उन्मूलन मंत्री शाजिया मर्री ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि भारत भूले नहीं कि पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति है. अगर कोई हमें थप्पड़ मारेगा तो पाकिस्तान उसका जवाब देना जानता है. इतना ही नहीं, शाजिया मर्री ने ये भी कहा कि भारत ने मुसलमानों को सोची समझी साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है. उन्हें आतंकवाद के साथ जोड़ा रहा है. चलिए आपको बताते हैं कि शाजिया मर्री कौन हैं और उनके परिवार का पाकिस्तान की सियासत में क्या रुतबा है.
कौन हैं शाजिया मर्री-
शाजिका का पूरा नाम शाजिया जन्नत मर्री है. वो पाकिस्तान में गरीबी उन्मूलन और सामाजिक सुरक्षा मंत्री हैं. शाजिया साल 2018 से पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की मेंबर हैं. इससे पहले भी शाजिया साल 2012 से 2013 और 2013 से 2018 तक नेशनल असेंबली की सदस्य रह चुकी हैं. शाजिया ने ग्रेजुएशन की डिग्री ली है.
बड़े सियासी परिवार से आती हैं शाजिया-
शाजिया का जन्म 8 अक्टूबर 1972 को कराची में हुआ था. शाजिया के पिता अट्टा मुहम्मद मर्री सिंध विधानसभा के डिप्टी स्पीकर थे. उनके दादा अली मुहम्मद भी लीडर थे. अली मुहम्मद साल 1944 से 1945 तक ब्रिटिश सरकार के दौरान विधानसभा के मेंबर थे. उनकी मां परवीन भी सिंध विधानसभा की सदस्य रही हैं. उनकी मां साल 1985-86 में विधानसभा सदस्य रही हैं.
शाजिया का सियासी सफर-
परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान साल 2002 में सिंध विधानसभा के लिए भी चुनाव हुए थे. इस दौरान शाजिया मर्री की सियासी पारी का आगाज हुआ. सबसे पहले वो साल 2002 में सिंध विधानसभा के लिए चुनी गईं. साल 2008 में भी इस बार फिर शाजिया महिलाओं के लिए आरक्षित सीट से विधानसभा के लिए चुनी गईं. साल 2008 में उनको सिंध सरकार में सूचना मंत्री बनाया गया. वो साल 2010 तक इस पद पर रहीं. लेकिन जुलाई 2012 में शाजिया ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया.
2012 में नेशनल असेंबली की मेंबर बनीं शाजिया-
साल 2012 में ही पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिए इलेक्शन हुआ. जिसमें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की तरफ से शाजिया मर्री को सिंध सीट से मैदान में उतारा. सिंध की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित थी. शाजिया मर्री ने आरक्षित सीट से जीत दर्ज की और नेशनल असेंबली की मेंबर बन गई. साल 2013 में जनरल इलेक्शन में उन्होंने 235 नंबर सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन इस बार उनको सफलता नहीं मिली. लेकिन फिर इसी साल महिलाओं के लिए आरक्षित सीट से शाजिया को मेंबर चुन लिया गया.
साल 2018 में जब नेशनल असेंबली के लिए चुनाव हुए तो पीपीपी ने शाजिया को 216 नंबर सीट पर मैदान में उतारा. इस बार शाजिया फिर से जीत दर्ज करने में कामयाब रही और नेशनल असेंबली की मेंबर बन गई.
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