फ्रांस के दक्षिण-पूर्व में स्थित शांत गांव में, एक दशक तक एक त्रासदी छिपी रही. इसके केंद्र में हैं गिजेल पेलिकॉट (Gisèle Pelicot), एक 72 साल की रिटायर्ड महिला. गिजेल फ्रांस के सबसे भयावह दुर्व्यवहार के मामलों में से एक की अनजाने में शिकार बनीं. उनके पति, डोमिनिक पेलिकॉट (Dominique Pelicot) और अनगिनत अजनबियों ने नशीली दवाओं के जरिए बेहोश कर, उनका शोषण किया. लेकिन गिजेल की कहानी निराशा और चुप्पी की नहीं है. उन्होंने इस त्रासदी को न्याय की सबसे बड़ी लड़ाई में बदल दिया.
16 सप्ताह तक चली अदालती कार्यवाही के बाद, पेलिकॉट ट्रायल आखिरकार खत्म हो गया है. गुरुवार को कोर्ट प्रेजिडेंट रोजर अराटा (Court president Roger Arata briskly) ने खुद और चार दूसरे जजों के सुनाए गए फैसलों को तेजी से पढ़ा और 51 आरोपियों को मिलने वाली सजा को बताया. दोपहर तक, जिस मुकदमे पर दुनियाभर के लोगों की नजर थी, खत्म हो गया.
50 साल की शादी और उसमें छिपा रिश्ता
गिजेल और डोमिनिक की शादी पचास साल से थी. बाहरी लोगों के लिए वो दो रिटायर्ड पति-पत्नी थे जो अपनी जिंदगी शांति से बिता रहे थे. लेकिन उनके साधारण घर की दीवारों के पीछे बहुत कुछ था जो अनजाना था. डोमिनिक अपनी पत्नी को नशीली दवाओं से बेहोश कर दिया करता था और ऑनलाइन मिले अजनबियों को गिजेल का बलात्कार करवाता था, साथ ही इसकी फिल्म भी बनाता था. यह लगभग दस साल तक चला.
डोमिनिक गिजेल के खाने और ड्रिंक में नींद की दवाइयां मिला देता था. ये दवाइयां गिजेल को पूरी तरह से बेहोश कर देती थीं, उनपर हुए हमलों की कोई भी बात उन्हें याद नहीं रहती थी. हालांकि, गिजेल अक्सर अस्वस्थ महसूस करती थीं. जब गिजेल डोमिनिक से अपनी सेहत की बात करती थीं, तो वह उन्हें भ्रमित कर दिया करता था. कई बार तो डोमिनिक ने यह भी कहा कि गिजेल को डिमेंशिया या ब्रेन ट्यूमर हो सकता है.
डोमिनिक के कंप्यूटर में 20,000 से ज्यादा तस्वीरें और वीडियो पाई गई हैं. पुलिस को ये सब उसके कंप्यूटर में "Abuse”, "Her Rapists" और "Night Alone" जैसे फोल्डरों में मिली हैं.
कोको नाम के हैंडल का बड़ा कनेक्शन
डोमिनिक के अपराधों में सबसे बड़ी भूमिका कोको (Coco) नामक एक गुमनाम चैट फोरम ने निभाई. इसे अवैध काम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. 2003 में स्थापित कोको पर यूजर्स फेक नामों से प्रोफाइल बनाते थे. डोमिनिक ने इसके लिए एक हैंडल भी बनाया था, जिसके नाम रखा था "à son insu" यानी “बिना उसकी जानकारी के". डोमिनिक इसके माध्यम से घर आने के लिए दूसरे पुरुषों को बुलाता था. इतना ही नहीं झूठा दावा भी करता था कि इस काम के लिए गिजेल की सहमति है.
बता दें, ये कोको, पहले भी इस तरह के मामलों में शामिल पाया गया था. मानवाधिकार संगठनों और एक्टिविस्ट की चेतावनियों के बावजूद, इसे चलाया जाता रहा. इसने कहीं न कहीं अपराधियों के लिए एक सुरक्षित जगह तैयार कर दी. साल 2024 की शुरुआत में इस बैन कर दिया गया था.
डोमिनिक का कैसे हुआ पर्दाफाश
डोमिनिक के अपराध शायद छिपे रहते अगर वह कानून प्रवर्तन (law enforcement) से न टकराता. सितंबर 2020 में, एक सुपरमार्केट सिक्योरिटी गार्ड ने उसे महिलाओं की स्कर्ट के नीचे चुपके से वीडियो बनाने के दौरान पकड़ लिया. जांच में, पुलिस ने ऐसी कई वीडियोज पाईं. इसमें गिजेल के ऊपर हुए अत्याचारों की भी वीडियो थीं.
डोमिनिक को गिरफ्तार कर लिया गया, और यह मामला फ्रांस के इतिहास के सबसे हाई-प्रोफाइल मुकदमों में से एक बन गया.
गिजेल की न्याय के लिए लड़ाई
मुकदमा 2024 की शुरुआत में वोक्लूस के क्रिमिनल कोर्ट (Vaucluse criminal court), एविगन में शुरू हुआ. गिजेल ने एक साहसी फैसला लिया: उन्होंने कहा कि वे इस मामले में गुमनाम नहीं रहेंगी, उन्होंने अपने गुमनामी के अधिकार को त्याग दिया और खुद कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुईं. लगभग चार महीनों तक, उन्होंने कोर्ट में अपने पति और उन 50 पुरुषों का सामना किया जिन्होंने उनका शोषण किया था. गिजेल कहती हैं, “मैं चाहती थी कि पूरा समाज देखे कि यहां क्या हुआ. यह लड़ाई सिर्फ मेरे लिए नहीं बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए है जो आज तक सबकुछ चुप्पी में सहती रहीं.”
उनकी बहादुरी ने पूरे फ्रांस में एक गूंज पैदा कर दी. इसी को देखते हुए सोशल पर अब लोग “Merci Gisèle” (धन्यवाद गिजेल) का नारा दे रहे हैं.
एक चौंकाने वाला फैसला
मुकदमे के आखिरी दिन, डोमिनिक को सभी आरोपों में दोषी पाया गया और 20 साल की अधिकतम सजा सुनाई गई. 50 अन्य पुरुषों को तीन से 15 साल की सजा मिली. गिजेल ने अदालत के फैसले को स्वीकार किया. गिजेल ने कोर्ट के बाहर आकर कहा “Justice has been served, Now, it’s time for healing.”
गिजेल की बहादुरी ने दुनियाभर में उम्मीद पैदा की. उन्होंने कहीं न कहीं यौन हिंसा पर होने वाली बहसों को बदल दिया है. उनके मुताबिक, शर्म पीड़ितों के हिस्से नहीं, अपराधियों के हिस्से आनी चाहिए (Shame must change sides).
मुकदमे के खत्म होने पर गिजेल पेलिकॉट ने कहा, “मुझे हमारे भविष्य के निर्माण की क्षमता पर भरोसा है जहां सभी, महिलाएं और पुरुष, सामंजस्य में रह सकें. यह मेरी आशा है, मेरा सपना है, और मेरी लड़ाई है.”
जब गिजेल पेलिकॉट ने पहली बार एविग्नन ट्रिब्यूनल में कदम रखा था, तो वह एक साधारण सी महिला थीं. लेकिन जब वह आखिरी बार अदालत की सीढ़ियों से उतरीं, तो गिजेल पूरी तरह बदल चुकी थीं- एक नारीवादी प्रतीक, अदम्य साहस की मिसाल, और न्याय की किरण. सौ से ज्यादा पत्रकारों ने उनके हर कदम को कैमरे में कैद किया. उन्होंने अपना हाथ दिल पर रखा, और भीड़ के नारों का मौन मुस्कान के साथ आभार व्यक्त किया. समर्थक खुलकर रो पड़े, उनकी आंखों में उस असाधारण महिला के प्रति सम्मान झलक रहा था.
जब उनकी गाड़ी दूर चली गई, तो भीड़ वहीं ठहरी रही, अपने आंसू पोंछते हुए और उस स्थायी प्रभाव को महसूस करते हुए जो गिजेल ने पीछे छोड़ दिया. इसे भुलाया नहीं जा सकता, न आज, न ही आने वाले बहुत लंबे समय तक.