Brunei: राजधानी का नाम Bandar Seri Begawan, लग्जरी और गोल्ड के बीच ब्रुनेई के बारे में ये 7 बातें और जान लीजिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने ब्रुनेई का दौरा किया. इस दौरान सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया (Hassanal Bolkiah) से प्रधानमंत्री से मुलाकात की. इस छोटे से देश की प्रति व्यक्ति आय भारत से ज्यादा है. ब्रुनेई में पर्सनल टैक्स नहीं लगता है. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं फ्री है. इस देश में हिंदुओं की संख्या काफी कम है. यहां सिर्फ 2 मंदिर हैं.

PM Modi and Sultan of BruneiHassanal Bolkiah
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई के दौरे पर हैं. यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला ब्रुनेई दौरा है. पीएम के इस दौरे को लेकर ब्रुनेई में जोरदार तैयारी थी. पीएम मोदी का ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया ने शाही महल में भव्य स्वागत किया. ज्यादातर लोग एशिया के इस छोटे से देश को सुल्तान की लग्जरी लाइफ और उनके गोल्ड के शौक की वजह से जानते हैं. लेकिन इस देश में सुल्तान की लग्जरी लाइफ के अलावा भी बहुत कुछ है, जो आपको जानना चाहिए. चलिए आपको इस छोटे से देश के बारे में 5 महत्वपूर्ण चीजों के बारे में बताते हैं.

राजधानी का नाम बंदर सेरी बेगवान क्यों-
ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगवान है, जो ब्रुनेई नदी के किनारे है. राजधानी की आबादी एक लाख है. राजधानी का नाम ब्रुनेई के सुल्तान के पिता हाजी उमर अली सैफुद्दीन सादुल खैरी वद्दीन के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने साल 1967 में सेरी बेगवान की उपाधि धारण की थी. ज्यादातर स्थानीय लोग इसे सिर्फ बंदर के नाम से पुकारते हैं. इस शब्द का इस्तेमाल मलय भाषा में बड़े बंदरगाह या शहर के लिए किया जाता है. इस तरह से राजधानी का नाम सुल्तान की उपाधि और शहर को मिलाकर रखा गया है.

शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं फ्री-
ब्रुनेई की कुल जीडीपी 1668.15 करोड़ अमेरिकी डॉलर है. ब्रुनेई की प्रति व्यक्ति आय 29133 डॉलर है. जबकि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2239 डॉलर है. जीडीपी का ज्यादातर हिस्सा तेल और गैस बेचने से आता है. इस देश में पहली बार साल 1929 में तेल की खोज हुई थी. इस देश में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं फ्री है. इस देश में पर्सनल इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता है. 

ब्रुनेई में नहीं मिलेंगी ये सुविधाएं-
ब्रुनेई दुनिया की सबसे पुरानी राजशाही में से एक है. सुल्तान का परिवार 600 साल से राज कर रहा है. ब्रुनेई में शराब का सेवन सिर्फ होटल के कमरे, घर या निजी जगहों पर कर सकते हैं. इस देश में गैर-मुस्लिम को शराब पीने की इजाजत है. सार्वजनिक जगहों पर कानून तौर पर शराब नहीं मिलती है.
ब्रुनेई में मनोरंजन की कोई खास व्यवस्था नहीं है. कभी-कभी संगीत कार्यक्रमों का आयोजन होता है. यहां कोई भी बैध थिएटर, ओपेरा नहीं है. यहां कोई नाइट क्लब नहीं है. फैमिली के मनोरंजन के लिए कोई सार्वजनिक जगह नहीं है.

ब्रुनेई में बाहर भोजन करना मनोरंजन का सबसे बढ़िया तरीका है. यहां के रेस्तरां बहुत महंगे हैं. यहां एक इंटरनेशनल होटल भी है. ब्रुनेई में चीनी, भारतीय, जापानी और पश्चिमी खाना मिलता है. यहां रेस्तरां रात 10 बजे के बाद बंद हो जाते हैं.

ब्रेुनई में क्या खरीद सकते हैं-
ब्रुनेई में बेहतरीन और पारंपरिक सामान मिलते हैं. इस देश में कई हस्तशिल्प केंद्र और दुकानें हैं. यहां सोने या चांदी के धागों से बनी चमकीली चीज फेमस है. जिसे जोंग सरत कहा जाता है. इसके अलावा कैन तेनुनान के नाम से फेमस टैक्सटाइल भी काफी मशहूर है. जोंग सरत को शादी या विशेष आयोजनों पर पहना जाता है. इसके अलावा यहां पीतल और चांदी के बर्तन के अलावा पारंपरिक खंजर, गोंग और टोकरी खरीद सकते हैं.

चर्चिल स्मारक क्यों बना है-
ब्रुनेई की सबसे चर्चित जगह चर्चिल स्मारक है. यह स्मारक विंस्टन चर्चिल को समर्पित है. इस देश में चर्चिल ने कभी कदम नहीं रखा है. इसके बावजूद उनका स्मारक बना हुआ है. इसके पीछे वजह है कि सुल्तान ने चर्चिल से दो बार मुलाकात की थी. इस चर्चिल मेमोरियल बिल्डिंग में सुल्तान हसनल बोल्किया एक्वेरियम है. जिसमें ब्रुनेई के पानी में पाई जाने वाली मछलियां हैं.

ब्रुनेई में कितने लोग रहते हैं-
साल 2021 की जनगणना के मुताबिक ब्रुनेई की आबादी 4.4 लाख है. इसमें से 82 फीसदी मुस्लिम, 8 फीसदी ईसाई, 7 फीसदी बौद्ध और 4 फीसदी दूसरे धर्म के लोग हैं. ब्रुनेई का आधिकारिक धर्म इस्लाम है. जबकि राजधानी की सबसे बेहतरीन मस्जिद उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद है. यह मस्जिद साल 1958 में बनकर तैयार हुई थी. इसमें 45 मीटर ऊंचा गुंबद है. इमारत को सोने के मोजेक संगमरमर से सजाया गया है. इस मस्जिद में एक साथ 3000 लोग बैठ सकते हैं.

ब्रुनेई में हिंदू रहते हैं?
ब्रुनेई एशिया का एक छोटा सा देश है. इस देश में हिंदुओं की आबादी काफी कम है. इस देश में कुछ हजार हिंदू रहते हैं. अगर इस देश में हिंदू मंदिरों की बात करें तो इनकी संख्या काफी कम है. सिर्फ दो हिंदू मंदिर हैं. जिसमें एक शिव मंदिर और दूसरा राम मंदिर है. शिव मंदिर राजधानी में है, जहां भारतीय समुदाय के ज्यादातर लोग रहते हैं. जबकि राम मंदिर भी राजधानी में ही है. इस मंदिर में विशेष पूजा और त्योहारों के आयोजन होते हैं.

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