China Population: चीन में लगातार घट रही है आबादी, जनसंख्या में नंबर 1 बन सकता है भारत!

चीन के 60 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब चीन में मरने वालों की तादाद जन्म लेने वालों की तादाद से ज्यादा है. चीन में साल 2022 में 90 लाख 56 हजार लोगों ने जन्म लिया जबकि मरने वालों की तादाद इस दौरान 1 करोड़ 41 हजार दर्ज की गई.

चीन में घट रही है आबादी
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:47 PM IST
  • चीन की जनसंख्या में आई 8.5 लाख लोगों की कमी
  • इससे पहले 1960 में दर्ज की गई थी निगेटिव जनसंख्या

करीब 2 महीने पहले 15 नवंबर को दुनिया की आबादी ने जब 800 करोड़ का आंकड़ा छुआ था, तो दुनिया भर की संस्थाओं ने चिंता जाहिर की थी. तब सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले चीन को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. उस पर ज्यादा जनसंख्या की वजह से प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के भी आरोप लगे थे. बढ़ते प्रदूषण के लिए भी चीन को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की गई थी. हालांकि 2 महीने के बाद अब चीन की आबादी में ऐतिहासिक गिरावट की बात भी सामने आ रही है. 60 साल में पहली बार सबसे ज्यादा जनसंख्या की वजह से आलोचना झेलने वाले चीन की आबादी में इतनी बड़ी कमी देखी गई है. 

चीन की जनसंख्या में आई 8.5 लाख लोगों की कमी
चीन की संस्था NBS यानी नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक. साल 2022 में चीन की जनसंख्या में 8 लाख 50 हजार लोगों की कमी दर्ज की गई. NBS के मुताबिक पिछले साल चीन में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या 9.56 मिलियन यानी 90 लाख 56 हजार रही. जबकि साल 2022 में मरने वालों की तादाद 10.62 मिलियन यानी 1 करोड़ 62 हजार दर्ज की गई. 

इससे पहले 1960 में दर्ज की गई थी निगेटिव जनसंख्या
सांख्यिकी से जुड़ी संस्था NBS के अनुसार, पिछले साल के अंत में चीन की संख्या 1 अरब 41 करोड़ 17 लाख के करीब दर्ज की गई थी. वहीं साल 2021 के अंत में चीन की आबादी करीब 1 अरब 41 करोड़ 26 लाख दर्ज की गई थी. इससे पहले चीन में निगेटिव जनसंख्या दर साल 1960 के दशक की शुरुआत में दर्ज की गई थी. यानी 61 साल में पहली बार चीन में जन्म लेने वालों से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. चीन के  नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिक्स के मुताबिक पिछले साल चीन की जन्म दर प्रति 1,000 लोगों पर सिर्फ 6.77 फीसदी थी, जो 2021 की जन्म दर 7.52 फीसदी से कम है और रिकॉर्ड स्तर पर जो सबसे कम है.

2016 में बंद कर दी गई थी वन चाइल्ड पॉलिसी
चीन के ये हाल तब है, जब साल 2016 यानी 7 साल पहले वहां शी जिनपिंग की सरकार की तरफ से 35 साल तक चली एक बच्चे की नीति में ढील दी जा चुकी है. तब चीन के नागरिकों को दो बच्चे पैदा करने की इजाजत मिली थी. फिर साल 2021 में एक कपल के लिए बच्चों को जन्म देने की सीमा 3 कर दी गई थी. यानी करीब 1 दशक से चीन की चीन की कम्युनिस्ट सरकार की तरफ छोटी संख्या वाले परिवारों को और संतान पैदा करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. इस प्रोत्साहन के लिए छोटे परिवारों को आर्थिक मदद के अलावा प्रॉपर्टी टैक्स में भी रियायत देने की स्कीम चल रही है. फिर भी चीनी की आबादी में गिरावट देखी जा रही है. 

भारत को लेकर भी लगाए जा रहे हैं कयास
चीन की गिरती जनसंख्या के बीच संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग की ओर से भारत को भी लेकर आकलन किया गया है. उसकी विश्व जनसंख्या संभावना 2022 की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस साल हम दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश के तौर पर चीन को पछाड़ देंगे. इसी रिपोर्ट के मुताबिक साल 2050 यानी 27 साल बाद चीन की 1 अरब 31 करोड़ की आबादी की तुलना में हमारे देश की जनसंख्या 1 अरब 66 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी. यानी लंबे समय से दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश चीन, जल्द ही इस मामले भारत से पिछड़ जाएगा. माना जाता है कि इस वक्त भारत की आबादी 1 अरब 41 करोड़ है, जिसमें लगातार इजाफा हो रहा है.

 

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