इजरायल के इलाकों में सुरक्षाकर्मियों और आतंकियों के बीच संघर्ष चल रहा है. 23 लाख की आबादी वाले गाजा पट्टी में इजरायल की वायु सेना ने जवाबी हमले किए, जिसमें अभी तक 900 लोग मारे जा चुके हैं. इसके अलावा कई लोग घायल हैं और कई लोगों के फंसे होने की भी आशंका है. मरने वालों में 260 बच्चे और 230 महिलाएं शामिल हैं. इस बीच यूपी के अमरोहा के रहने वाले मोहित रंधावा भी तेल अवीव में फंसे हुए हैं. वह वर्तमान में तेल अवीव में जैकब ब्लास्टीन इंस्टीट्यूट्स फॉर डेजर्ट रिसर्च में जुकरबर्ग इंस्टीट्यूट फॉर वॉटर रिसर्च से जुड़े हुए हैं. मोहित अपनी पत्नी और तीन साल की बेटी के साथ रहते थे. मोहित की पत्नी जयदीप 6 माह की प्रेग्नेंट हैं उन्होंने टिकट बुक कराया था क्योंकि वो यूपी आकर बच्चे को जन्म देना चाहती थी.
बंकर में गुजार रहे दिन
इयरायल में इस वक्त क्या माहौल है उसके बारे में जयदीप ने अपना एक्सपीरियंस टाइम्स ऑफ इंडिया से शेयर किया. उन्होंने बताया कि कैसे वो बंकर में रहकर अपने दिन काट रही हैं. जयदीप ने बताया कि 7 अक्टूबर को सुबह साढे़ छह बजे सायरन की तेज आवाज ने हमें नींद से उठाया. बिना एक भी पल गंवाए हम अपने घर से निकले और यूनिवर्सिटी कैंपस में बने बंकर में छिप गए. बंकर में लगभग 50 लोग हैं और वो अपने साथ सिर्फ खाने-पीने की चीजें और कुछ छोटा-मोटा सामान लाए हैं. बंकर कंक्रीट की मोटी सतह से बना हुआ है जो ऊपर से बरस रहे रॉकेट और बमों से अंदर छिपे लोगों की सुरक्षा कर रहा है. बंकर में वाई फाई की व्यवस्था है लेकिन ये लोग व्हाट्सएप का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. सिर्फ फेस टाइम ही अभी इनके लिए बात करने का जरिया है. जयदीप ने प्रार्थना की कि जल्द ही हालात सामान्य हो जाएं और वो भारत जाकर अपने परिवार से मिल सकें. जयदीप अमरोहा के BJP नेता गुरेंद्र सिंह की भतीजी हैं.
आने वाले थे भारत
शौलदा गांव के रहने वाले मोहित रंधावा ने IIT रुड़की से पीएचडी की है. साल 2020 में मोहित जुकरबर्ग यूनिवर्सिटी से पोस्ट डॉक्टोरल की पढ़ाई करने के लिए इजराइल गए थे. बाद में पत्नी जयदीप कौर और बेटी कीरत कौर को भी अपने पास इजरायल बुला लिया था. मोहित रंधावा के परिवारवालों ने बताया कि मोहित परिवार के साथ 12 अक्टूबर को वापस आने वाले थे लेकिन हमला होने के बाद सभी फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं. परिवार और भारतीय दूतावास भी उनके बारे में लगातार संपर्क बनाए हुए है. 17 जून 2017 को जयदीप की शादी मोहित से हुई थी. किठौर, शोल्दा गांव में मोहित के घर में उनके बुजुर्ग मां, बाप अकेले रहते हैं. दोनों अपने बेटा, बहू, पोती की वापसी का इंतजार कर रहे हैं.