प्रेग्नेंसी में महिला ने मांगा Work From Home....तो कंपनी ने निकाला जॉब से.... अब देना पड़ेगा 1 करोड़ रुपये का हर्जाना

मामला बर्मिंघम की एक इंवेस्टमेंट कंसल्टेंट, पाउला मिलुस्का का है जिन्हें रोमन प्रॉपर्टी ग्रुप लिमिटेड में उनकी नौकरी से निकाल दिया गया था.

Pregnant woman got fired for asking WFH
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 19 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:34 AM IST

यूके में एक कंपनी को अपनी प्रेग्नेंट महिला कर्मचारी को जॉब से निकालना महंगा पड़ गया. प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस की वजह से महिला ने वर्क फ्रॉम होम मांगा था लेकिन मैनेजर ने उसे बहुत ही अटपटा-सा मैसेज किया और इनडायरेक्टली कंपनी छोड़ने के लिए कहा. महिला की सैलरी भी आना बंद हो गई और तब महिला ने कानूनी मदद ली. मामला दो साल चला और अब एक यूके एंप्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल ने कंपनी को दोषी मानते हुए महिला को बतौर हर्जाना 93,000 पाउंड (करीब 1 करोड़ रुपये) से ज़्यादा का मुआवज़ा देने का फैसला सुनाया. 

आपको बता दें कि मामला बर्मिंघम की एक इंवेस्टमेंट कंसल्टेंट, पाउला मिलुस्का का है जिन्हें रोमन प्रॉपर्टी ग्रुप लिमिटेड में उनकी नौकरी से निकाल दिया गया था. द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार, उनके बॉस अम्मार कबीर ने 1 दिसंबर, 2022 को एक क्रिप्टिक मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था कि उनके कंपनी नहीं आने से कंपनी को काम करने में परेशानी हो रही है और उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत है जो "ऑफ़िस में मौजूद रह सके." इस मैसेज के साथ, उन्होंने जैज़ हैंड्स इमोजी भी शामिल किया. ट्रिब्यूनल ने इस मैसेज को "जानबूझकर अस्पष्ट" और जॉब से गलत फायरिंग का संकेत माना. 

2022 में मिलुस्का ने जॉइन की थी कंपनी 
मिलुस्का ने मार्च 2022 में इस कंपनी में जॉब शुरू की थी और उसी साल अक्टूबर में उन्हें पता चला कि वह प्रेग्नेंट हैं. नवंबर तक, उन्हें काफी ज्यादा मॉर्निंग सिकनेस होने लगी और उन्होंने मेडिकल कंडीशन के आधार पर वर्क फ्रॉम होम की रिक्वेस्ट की. उन्होंने अपने मैनेजर, अम्मार कबीर को मैसेज लिखा कि उनकी नर्स का कहना है कि अगर इस समय वह वर्क फ्रॉम होम करेंगी तो अच्छा रहेगा. साथ ही, उन्होंने ऑफिस में मौजूद जरूरी हेल्थ और सेफ्टी असेस्मेंट के बारे में पूछा. हालांकि, उनकी ज़रूरतों को पूरा करने के बजाय, कंपनी ने उन्हें बर्खास्त कर दिया, जिसके बाद उन्होंने कानूनी मदद लेने का फैसला किया.

मिलुस्का और मैनेजर के बीच क्या हुई बातचीत 
26 नवंबर तक, अम्मार और मिलुस्का के बीच कोई संपर्क नहीं था. अगले दिन, उन्होंने फिर से मिलुस्का को संदेश भेजा और उन्हें अगले सप्ताह कुछ दिन काम करने और शाम 4 बजे तक काम खत्म करने के लिए कहा. बर्मिंघम ट्रिब्यूनल ने खुलासा किया कि मिलुस्का ने कबीर को सूचित करके जवाब दिया कि उनकी तबीयत बहुत खराब है वह तो घर से भी काम नहीं कर सकती हैं. 

मिलुस्का ने मैसेज में लिखा कि वह खुद उन्हें एक वीक की छुट्टी लेने के बारे में मैसेज करने वाली थीं. क्योंकि एक ही दिन में उनकी छह बार तबीयत बिगड़ गई थी. और अगर अगले कुछ दिनों में तबीयत नहीं सुधरी तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होने पड़ सकता था. इसलिए उन्होंने लिखा कि उन्हें नहीं लगता कि वह घर से काम कर सकेंगी, और ऑफिस में तो बिल्कुल नहीं. मिलुस्का ने अपने मैसेज में इसके लिए माफी भी मांगी, जिसका 1 दिसंबर तक कोई जवाब नहीं आया. 

अब कंपनी को देना होगा हर्जाना
इसके बाद, मिलुस्का के मैनेजर ने उन्हें वह क्रिप्टिक मैसेज भेजा. साथ ही लिखा कि इसे पर्सनल न लें क्योंकि कंपनी मुश्किल में है. हालांकि, ट्रिब्यूनल में अम्मार ने तर्क दिया कि उनका मिलुस्का को जॉब से निकालने का इरादा नहीं था. लेकिन हकीकत में मिलुस्का को 1 दिसंबर से उनकी सैलरी मिलनी बंद हो गई थी. ऐसे में, जज ने मिलुस्का के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें प्रेग्नेंसी के कारण हुए भेदभाव के उनके दावों को बरकरार रखा गया. और कंपनी को उन्हें लगभग 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया. 

 

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