ब्रिटेन के प्रिंस हैरी ने मिरर ग्रुप न्यूजपेपर्स (MGN) के खिलाफ फोन हैकिंग का मामला जीत लिया है. ब्रिटिश जज ने मामले में प्रस्तुत किए गए 33 सैंपल आर्टिकल में से 15 में उनके पक्ष में फैसला सुनाया है. जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मिरर न्यूजपेपर में फोन हैकिंग के इस्तेमाल के सबूत मिले हैं.
15 दिसंबर को आए इस ऐतिहासिक फैसले की प्रिंस हैरी ने भी सराहना की है. लंदन के हाई कोर्ट ने प्रिंस हैरी को £140,600 (लगभग 1.4 करोड़ रुपये) का हर्जाना दिया है. यह निर्णय मिरर अखबारों - डेली मिरर, संडे मिरर और संडे पीपल - के लिए महत्वपूर्ण है. ये पहले भी हैकिंग मामलों में नुकसान और कानूनी लागत पर अनुमानित £ 100 मिलियन खर्च कर चुके हैं.
फोन हैकिंग क्या है?
पहले से ही ब्रिटेन की टैब्लॉयड प्रेस खबरें निकालने के लिए फोन हैकिंग जैसे अवैध तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए कुख्यात रही है. डिजिटल युग से पहले, ब्रिटेन के कई टैब्लॉयड प्रेस ने अलग-अलग तरह की जानकारी लेने के लिए बहुत प्रयास किए हैं. इसमें कई गुप्त तरीकों का उपयोग भी शामिल था.
इसमें एक तरीका फोन हैकिंग था. हैकिंग के निशाने पर कई मशहूर हस्तियां, शाही परिवार, राजनेता, एथलीट, मशहूर लोगों के दोस्त और परिवार और यहां तक कि सुर्खियां बटोरने वाले आम लोग भी शामिल थे.
हाई कोर्ट के जज टिमोथी फैनकोर्ट ने फैसला सुनाया कि मिरर अखबारों द्वारा फोन हैकिंग 1998 से ही की जा रही है. ये कम से कम साल 2011 तक जारी रही है.
प्रिंस हैरी का मामला क्या है?
किंग चार्ल्स के छोटे बेटे प्रिंस हैरी खिलाड़ियों और एक्टर्स सहित लगभग 100 दावेदारों में से एक थे, जिन्होंने 1991 और 2011 के बीच फोन हैकिंग और दूसरे अवैध तरीकों के आरोप मिरर ग्रुप लगाए थे. इसके लिए उन्होंने मुकदमा दायर किया था.
जून में ग्रुप के समाचार पत्रों के खिलाफ अपने दावों के बारे में पूछताछ के दौरान, प्रिंस हैरी ने डेवी के साथ अपने ब्रेकअप के लिए टैब्लॉयड को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने अदालत को बताया था कि उनकी निजता के लगातार उल्लंघन ने उनके रिश्तों को प्रभावित किया है. और इसका सामना उन्हें करना पड़ा है. उन्होंने कहा, "मेरे पूरे जीवन में, प्रेस ने मुझे गुमराह किया है और गलत कामों को छुपाया है."
हालांकि, उस समय मिरर ग्रुप के वकीलों ने उनके आरोपों को “बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया" कहकर खारिज कर दिया था.
एमजीएन के लिए फैसले का क्या मतलब है?
इस फैसले का मिरर ग्रुप की मूल कंपनी के पूर्व मुख्य कार्यकारी स्ली बेली और कंपनी के पूर्व कानूनी निदेशक पॉल विकर्स पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. जज ने कहा कि वे दोनों हैकिंग के बारे में जानते थे और उन्होंने इसे छुपाया. इससे ब्रॉडकास्टर पियर्स मॉर्गन पर भी दबाव बढ़ गया है. ये डेली मिरर के पूर्व संपादक हैं. हालांकि, उन्होंने हमेशा इस बात से इनकार किया है कि उन्हें अखबार में फोन हैकिंग के बारे में पता था. जबकि जज का कहना है कि इस बार के सभी सबूत उनके पास हैं कि मिरर के सभी संपादकों को पता था कि फोन हैकिंग का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है.